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Vertebral compression fracture : वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Poonam द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/06/2020

Vertebral compression fracture : वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर क्या है?

वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (vertebral compression fracture) क्या है?

वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर की स्थिति तब होती है जब किसी आघात के कारण रीढ़ (कशेरुक) की हड्डियां टूट जाती हैं। दरअसल, व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी में 33 छोटी-छोटी हड्डियां होती हैं जिन्हें कशेरुका (Vertebrae) कहा जाता है। इनकी वजह से ही झुकना, सीधे खड़े रहना, मुड़ना जैसी क्रियाएं आप कर सकते हैं। हर कशेरुका के बीच में एक खाली जगह होती है जिसे रीढ़ नलिका (Spinal canal) कहते हैं। वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर हाथों और पैरों के फ्रैक्चर से एकदम ही अलग स्थिति होती है। किसी भी कशेरुका में फ्रैक्चर होने से या उनका अपनी जगह से हटना, नसों के लिए हानिकारक साबित होता है।

वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर अधिकतर एक्सीडेंट, गिरने आदि के कारण होते हैं। कुछ परिस्थितियों में, जैसे कि बुजुर्ग लोगों में और कैंसर ग्रसित लोगों में भी यह समस्या देखी जा सकती है। ऐसा हड्डियां नाजुक होने की वजह से होता है। ऐसी लोगों की रीढ़ की हड्डी थोड़े से फोर्स से ही आसानी से टूट सकती हैं। वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर ज्यादातर पीठ के निचले हिस्से में होते हैं, लेकिन वे रीढ़ के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं।

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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर के लक्षण क्या है?

पीठ की चोट के कारण होने वाले फ्रैक्चर बहुत दर्दनाक हो सकते हैं। वहीं, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्वास्थ्य स्थिति के कारण होने वाले फ्रैक्चर से आपको लेटते या खड़े होते समय और अधिक दर्द हो सकता है। वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCFs) के मुख्य नैदानिक ​​लक्षणों में निम्नलिखित में से कोई भी एक या कई लक्षण एक साथ दिखाई दे सकते हैं जैसे:

  • अचानक पीठ दर्द की शुरुआत
  • खड़े होने या चलने के दौरान दर्द की तीव्रता में वृद्धि
  • पीठ दर्द जो चलते समय बढ़ जाता है और आराम करते समय महसूस नहीं होता
  • समय के साथ लम्बाई कम होना
  • शरीर का झुक जाना
  • रीढ़ की हड्डी में सीमित गतिशीलता

कुछ दुर्लभ मामलों में शरीर के झुकने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बनने के कारण निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं –

  • लिम्ब्स या शरीर के अन्य अंगों में सुन्नता या झुनझुनी होना
  • यूरिन और स्टूल पास करने पर नियंत्रण न रख पाना
  • चलने या मुड़ने में कठिनाई

हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। अगर आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।

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कब लें डॉक्टर की मदद?

अगर आपको ऊपर बताया गया कोई भी लक्षण दिखे, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें। हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है।

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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCFs) के क्या कारण होते हैं?

ऑस्टियोपोरोसिस : गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर, भंगुर हड्डियों) वाले लोगों में, वीसीएफ साधारण दैनिक गतिविधियों के कारण भी हो सकता है, जैसे कि तेजी से छींकना या किसी वस्तु को उठाना आदि। कम गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस वाले लोगों में, वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) आमतौर पर गिरने या किसी भारी वस्तु को उठाने का प्रयास करने की वजह से होता है। ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) सबसे आम फ्रैक्चर है, जो विश्व भर में लगभग 750,000 लोगों को हर साल प्रभावित करता है। 80 की उम्र में लगभग 40% महिलाओं यह होती है। हालांकि, वृद्ध पुरुषों की तुलना में महिलाओं में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) कहीं अधिक आम है।

बढ़ती उम्र : बढ़ती उम्र के साथ लोगों में बोन मिनरल डेंसिटी घटने लगती है। ऐसे में हड्डियों में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर का रिस्क बढ़ रहा है, खासकर स्पाइन में। वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर तब होता है, जब स्पाइन की कमजोर हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसमें बैक पेन अधिक होता है। जब कई हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो लंबाई पर असर पड़ने के साथ बॉडी पोस्चर भी प्रभावित होती है। कई मरीजों में दर्द लगातार होता है, क्योंकि लगातार हड्डियां क्षतिग्रस्त होती रहती हैं।

चोट लगना : एक्सीडेंट या चोट लगने से रीढ़ की हड्डी पर बहुत अधिक दबाव बन जाता है जिससे इसमें फ्रैक्चर हो सकता है। जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस, ट्यूमर या कुछ प्रकार के कैंसर होते हैं, उन्हें दबाव के कारण होने वाले वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर का खतरा अधिक होता है।

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कंप्रेशन फ्रैक्चर का खतरा किन्हें ज्यादा होता है?

निम्नलिखित लोगों में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर के लिए एक उच्च जोखिम होता है:

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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर का पता कैसे लगाया जाता है ?

कंप्रेशन फ्रैक्चर होने पर ज़्यादातर आपको आपातकालीन स्थिति में अस्पताल ले जाया जाता है। इसके परीक्षण के लिए डॉक्टर रीढ़ की हड्डी की जाँच करते हैं। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं –

सीटी स्कैन (CT Scan)

अगर आपको फ्रैक्चर हुआ है, तो उसकी गंभीरता व उससे हुए नुकसान की जाँच करने के लिए डॉक्टर आपका सीटी स्कैन कर सकते हैं।

एक्स रे (X-ray)

60 वर्ष की आयु से ज़्यादा उम्र के लोग जिन्हें कैंसर है या चोट लगी है, उनका एक्स रे किया जाता है। अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से कम है और आपको कोई स्वास्थ सम्बन्धी समस्या और गंभीर दर्द नहीं है, तो एक्स रे जरूरी नहीं होता।

एमआरआई स्कैन (MRI scan)

अगर आप मल या मूत्र नहीं रोक पाते हैं, आपको एक या दोनों हाथों और पैरों में कमजोरी व सुन्नता महसूस हो रही है, तो आपका एमआरआई किया जा सकता है।

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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) का उपचार क्या है?

वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) का उपचार निम्न तरीके से किया जा सकता है-

नॉन-सर्जिकल उपचार (गैर-शल्य चिकित्सा)

वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर से हो रहे दर्द को अपने आप ठीक होने में तीन महीने तक का समय लग सकता है लेकिन यह दर्द कुछ दिनों या हफ़्तों में बेहतर होने लगता है। ​दर्द के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं –

  • दैनिक गतिविधियों को कम करने और ज्यादा आराम करने से कुछ समय तक दर्द में आराम मिल सकता है,
  • हड्डियों की अन्य समस्याओं को रोकने के लिए डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम सप्लीमेंट्स लें,
  • डॉक्टर से परामर्श करके दर्द निवारक दवाएं भी ली जा सकती हैं,
  • डॉक्टर की सलाह के मुताबिक बेल्ट का उपयोग भी किया जा सकता है।

सर्जरी : अगर आराम करने, गतिविधि कम करने, बेल्ट का उपयोग करने और दर्द निवारक दवाएं लेने से भी दर्द ठीक नहीं होता है, तो इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। वर्टिब्रोप्लास्टी (Vertebroplasty), कायफोप्लास्टी (Kyphoplasty), स्पाइनल फ्यूशन सर्जरी (Spinal fusion surgery) रीढ़ की हड्डी पर दबाव को ठीक करने के लिए प्रयोग की जाने वाली सर्जरी हैं।

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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) से निपटने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव या घरेलू उपचार करने चाहिए?

नीचे बताई गई जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) से निपटने में मदद कर सकते हैं :

  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा समय पर लें।
  • दर्द को कम करने के लिए प्रभावित हिस्से पर बर्फ से सिकाई करने से भी मदद मिल सकती है। इसके अलावा गर्म सिकाई भी फायदेमंद साबित होती है। जो वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) पर बेहतर महसूस हो उसे करें।
  • कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
  • दर्दनाक या हैवी एक्टिविटीज को न करें या भारी वस्तुओं को न उठाएं।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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