परिभाषा
एल्डोलेस टेस्ट (Aldolase) क्या है?
एल्डोलेस टेस्ट एल्डोलेस एंजाइम की एकाग्रता को मापने के लिए किया जाता है। साथ ही, इस एल्डोलेस टेस्ट से यह पहचानने में मदद करता है कि मांसपेशियों या लिवर कोशिकाओं का पैथोलॉजिकल परीक्षण किया गया है या नहीं।
एल्डोलेस एक एंजाइम होता है जो शुगर मॉलेक्यूल्स को तोड़ कर शारीरिक कार्यों के लिए ऊर्जा उत्पन्न करने में मदद करता है। एक मनुष्य के शरीर में एल्डोलेस एंजाइम पूरे शरीर में पाया जाता है, लेकिन यह मांसपेशियों और लिवर में अधिक में अधिक मात्रा में केंद्रित होता है।
सीरम एल्डोलेस का स्तर मांसपेशियों के डिस्ट्रोफी, डर्माटोमायोसिटिस और मल्टीरोगन सूजन वाले रोगियों में बहुत अधिक होता है। मांसपेशियों के गलने की प्रक्रिया, मांसपेशियों में चोट लगना और शरीर में फैलने वाले संक्रामक रोगों (जैसे, शिस्टोसोमियासिस पिग) वाले मरीजों में कॉन्संट्रेशन (एकाग्रता) बढ़ता है।
क्रोनिक हेपेटाइटिस, ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस और सिरोसिस में एल्डोलेस स्तर बढ़ जाता है।
इसके अलावा, इस एल्डोलेस टेस्ट का उपयोग मांसपेशियों की कमजोरी के कारणों में अंतर करने के लिए भी किया जा सकता है, जैसे मांसपेशियों में किसी कारण कमजोरी होना, जो नर्व डैमेज मसल्स कंट्रोल करने या असामान्य मांसपेशियों के कारण हो सकती है। दूसरा पोलियो, मायस्थेनिया ग्रेविस और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के कारण मांसपेशियों की कमजोरी वाले मरीजों में एंजाइम का स्तर सामान्य होता है।
एल्डोलेस टेस्ट क्यों किया जाता है?
आम तौर पर इस एल्डोलेस टेस्ट का उपयोग मांसपेशियों और लिवर के घावों को देखने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए अगर दिल की मांसपेशी दिल के दौरे से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, तो एल्डोलेस का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। यदि आपको सिरोसिस है, तो एल्डोलेस की एकाग्रता भी बढ़ सकती है।
पहले यह एल्डोलेस टेस्ट मांसपेशियों और लिवर की क्षति की जांच के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसके लिए क्रिएटिन काइनेज (creatine kinase), एएलटी (alanine aminotransferase), एएसटी (aspartate aminotransferase) जैसे बेहतरीन परीक्षण मौजूद हैं। इसलिए एल्डोलेस टेस्ट अब नहीं किया जाता है।
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एहतियात/चेतावनी
एल्डोलेस टेस्ट से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
एल्डोलेस टेस्ट कराने से पहले और निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह परीक्षण आपके परिणामों को प्रभावित कर सकता है, जैसेः
- बहुत ज्यादा व्यायाम करने से शरीर में अपने आप एल्डोलेस का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए एल्डोलेस टेस्ट कराने से पहले व्यायाम न करें।
- टेस्ट से पहले किसी भी तरह के ड्रग्स, एल्कोहॉल या नशीली दवाओं का सेवन व्यक्ति के शरीर में एल्डोलेस के स्तर को बढ़ा सकते हैं, उनमें लिवर से टॉक्सिस पदार्थों की मात्रा भी अधिक बढ़ सकती है।
- इसके अलावा, कुछ तरह के ड्रग्स एल्डोलेज के लेवल की मात्रा को शरीर में कम कर सकते हैं, जैसे फिनोथियाजिन। अगर आप भी इस दवा का सेवन करते हैं या ऐसी ही किसी अन्य दवा का सेवन करते हैं, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। आपके डॉक्टर एल्डोलेस टेस्ट कराने से कुछ हफ्ते या दिन पहले आपको इस तरह की दवाओं का सेवन न करने की सलाह दे सकते हैं, ताकि आपके टेस्ट के परिणाम अधिक स्पष्ट आ सके।
- एल्डोलेस टेस्ट कराने से पहले मांसपेशियों में किसी भी तरह का टीका या इंजेक्शन न लगवाएं। यह एल्डोलेस का स्तर बढ़ा सकता है।
यह टेस्ट कराने से पहले इससे जुड़ी सभी जरूरी चेतावनियों और एहतियातों के बारे में विस्तार से अपने डॉक्टर से चर्चा करें। किसी तरह का सवाल होने या अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
प्रक्रिया
एल्डोलेस के लिए कैसे तैयारी करें?
यह टेस्ट कराने से पहले आपको किस तरह की तैयारी करनी चाहिए, इस बारे में आपके डॉक्टर आपको कुछ जरूरी उचित निर्देश दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- इस टेस्ट के दौरान सामान्य तौर पर डॉक्टर आपके खून का नमूना लेते हैं। खून के नमूने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए आपके डॉक्टर इस टेस्ट से पहले आपको एक्सरसाइज न करने की सलाह दे सकते हैं। अगर आप नियमित तौर पर एक्सरसाइज करते हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर को बताएं। हो सकता है डॉक्टर आपको टेस्ट से कुछ दिनों पहले कम एकसरसाइज करने को कहे।
- आप किस तरह की दवाइयां ले रहे हैं इस बारे में अपने डॉक्टर को बताएं, क्योंकि कुछ दवाएं एल्डोलेस के ब्लड लेवल को प्रभावित कर सकती हैं।
- छोटी बांह के कपड़े पहनें इससे नर्स को ब्लड सैंपल लेने में आसानी होगी।
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एल्डोलेस के दौरान क्या होता है?
ब्लड टेस्ट करने के लिए डॉक्टर:
- बांह के ऊपर बैंडेज या बैंड बांधता है जिससे रक्तप्रवाह रुक जाए।
- सुई लगाने वाली जगह को दवा से साफ करेगा।
- नस में सुई लगाएगा। एक से अधिक बार सुई लगाई जा सकती है।
- सुई से अटैच ट्यूब में ब्लड एकत्र होगा।
- ब्लड सैंपल लेने के बाद बांह पर बांधी गई पट्टी खोल जी जाती है।
- सुई लगाने वाली जगह पर रुई या पट्टी लगाई जाती है और उसे थोड़ा दबाने के लिए कहाा जाता है।
एल्डोलेस के बाद क्या होता है?
ब्लड सैंपल लेने के बाद उस जगह पर पट्टी लगाकर थोड़ी देर दबाने के लिए कहा जाता है। थोड़ी देर आराम करने के बाद आप सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
एल्डोलेस टेस्ट से जुड़े किसी सवाल और इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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साइड इफेक्ट्स
आपको इस टेस्ट के दौरान कुछ हद तक असुविधाजनक महसूस हो सकता है जैसे की खून निकालने पर टेस्ट की जगह पर दर्द होना। इसके साथ ही आपको टेस्ट के बाद हल्का दर्द या थ्रोब्बिंग महसूस हो सकती है।
आमतौर पर ब्लड टेस्ट के दुष्प्रभावों की आशंका बेहद कम होती है। इसके संभावित साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं –
- ब्लड सैंपल लेने में समस्या आने के कारण एक से अधिक सुई का इस्तेमाल करना।
- सुई लगाई गई जगह पर ब्लीडिंग होना
- खून की कमी के कारण बेहोशी
- त्वचा के अंदर रक्त संचयीकरण होना। इस स्थिति को हेमाटोमा कहा जाता है।
- सुई के कारण त्वचा के क्षतिग्रस्त होने पर संक्रमण होना।
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परिणामों को समझें
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
सामान्य परिणाम
- व्यस्क: सिबली-लेहिंगर 3 से 8.2 यूनिट / dL or 22-59 mU / L at 37 ° C (SI units).
- बच्चे: व्यस्कों की तुलना में दोगुना
- शिशु: व्यस्कों से लगभग चार गुना अधिक
सामान्य परिणाम 1 से 7.5 यूनिट प्रति लीटर होता है। महिलाओं और पुरुषों के परिणामों में हल्का सा फर्क हो सकता है। इसके अलावा विभिन्न लैब के परिणामों में भी थोड़ा फर्क आ सकता है। कुछ लैब अन्य प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं या अलग तरह से टेस्ट लेते हैं।
असामान्य परिणाम
कॉन्संट्रेशन बढ़ सकता है इन कारणों से:
- लिवर की बीमारी (जैसे हेपेटाइटिस)
- मांसपेशियों की बीमारी (जैसे मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी, डर्माटोमायोसिटिस और मांसपेशियों में सूजन)
- मांसपेशियों में चोट (जैसे कोलिशन सर्किट से चोट)
- मांसपेशियों में संक्रमण (जैसे स्किस्टोसोमियासिस पिग)
- नेक्रोसिस की प्रक्रिया (जैसे बाउल नेक्रोसिस)
- हार्ट अटैक
कॉन्संट्रेशन घट सकता है इन कारणों से:
- लेट मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी
- अनुवांशिक फ्रुक्टोज इनटॉलरेंस
- मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर एल्डोलेस टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यहां दी गई जानकारी किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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