के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
एल्डोलेस टेस्ट एल्डोलेस एंजाइम की एकाग्रता को मापने के लिए किया जाता है। साथ ही, इस एल्डोलेस टेस्ट से यह पहचानने में मदद करता है कि मांसपेशियों या लिवर कोशिकाओं का पैथोलॉजिकल परीक्षण किया गया है या नहीं।
एल्डोलेस एक एंजाइम होता है जो शुगर मॉलेक्यूल्स को तोड़ कर शारीरिक कार्यों के लिए ऊर्जा उत्पन्न करने में मदद करता है। एक मनुष्य के शरीर में एल्डोलेस एंजाइम पूरे शरीर में पाया जाता है, लेकिन यह मांसपेशियों और लिवर में अधिक में अधिक मात्रा में केंद्रित होता है।
सीरम एल्डोलेस का स्तर मांसपेशियों के डिस्ट्रोफी, डर्माटोमायोसिटिस और मल्टीरोगन सूजन वाले रोगियों में बहुत अधिक होता है। मांसपेशियों के गलने की प्रक्रिया, मांसपेशियों में चोट लगना और शरीर में फैलने वाले संक्रामक रोगों (जैसे, शिस्टोसोमियासिस पिग) वाले मरीजों में कॉन्संट्रेशन (एकाग्रता) बढ़ता है।
क्रोनिक हेपेटाइटिस, ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस और सिरोसिस में एल्डोलेस स्तर बढ़ जाता है।
इसके अलावा, इस एल्डोलेस टेस्ट का उपयोग मांसपेशियों की कमजोरी के कारणों में अंतर करने के लिए भी किया जा सकता है, जैसे मांसपेशियों में किसी कारण कमजोरी होना, जो नर्व डैमेज मसल्स कंट्रोल करने या असामान्य मांसपेशियों के कारण हो सकती है। दूसरा पोलियो, मायस्थेनिया ग्रेविस और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के कारण मांसपेशियों की कमजोरी वाले मरीजों में एंजाइम का स्तर सामान्य होता है।
आम तौर पर इस एल्डोलेस टेस्ट का उपयोग मांसपेशियों और लिवर के घावों को देखने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए अगर दिल की मांसपेशी दिल के दौरे से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, तो एल्डोलेस का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। यदि आपको सिरोसिस है, तो एल्डोलेस की एकाग्रता भी बढ़ सकती है।
पहले यह एल्डोलेस टेस्ट मांसपेशियों और लिवर की क्षति की जांच के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसके लिए क्रिएटिन काइनेज (creatine kinase), एएलटी (alanine aminotransferase), एएसटी (aspartate aminotransferase) जैसे बेहतरीन परीक्षण मौजूद हैं। इसलिए एल्डोलेस टेस्ट अब नहीं किया जाता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
एल्डोलेस टेस्ट कराने से पहले और निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह परीक्षण आपके परिणामों को प्रभावित कर सकता है, जैसेः
यह टेस्ट कराने से पहले इससे जुड़ी सभी जरूरी चेतावनियों और एहतियातों के बारे में विस्तार से अपने डॉक्टर से चर्चा करें। किसी तरह का सवाल होने या अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यह टेस्ट कराने से पहले आपको किस तरह की तैयारी करनी चाहिए, इस बारे में आपके डॉक्टर आपको कुछ जरूरी उचित निर्देश दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
और पढ़ें – कोरोना वायरस लेटेस्ट अपडेट्स : कोरोना संक्रमण के मामलों में तीसरे स्थान पर पहुंचा भारत
ब्लड टेस्ट करने के लिए डॉक्टर:
ब्लड सैंपल लेने के बाद उस जगह पर पट्टी लगाकर थोड़ी देर दबाने के लिए कहा जाता है। थोड़ी देर आराम करने के बाद आप सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
एल्डोलेस टेस्ट से जुड़े किसी सवाल और इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
और पढ़ें – पुरुषों को कौन से जरूरी स्क्रीनिंग टेस्ट कराने चाहिए, जानने के लिए खेलें यह क्विज
आपको इस टेस्ट के दौरान कुछ हद तक असुविधाजनक महसूस हो सकता है जैसे की खून निकालने पर टेस्ट की जगह पर दर्द होना। इसके साथ ही आपको टेस्ट के बाद हल्का दर्द या थ्रोब्बिंग महसूस हो सकती है।
आमतौर पर ब्लड टेस्ट के दुष्प्रभावों की आशंका बेहद कम होती है। इसके संभावित साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं –
और पढ़ें – Cerebrospinal Fluid Test : सीएसएफ टेस्ट (CSF Test) क्या है?
सामान्य परिणाम
सामान्य परिणाम 1 से 7.5 यूनिट प्रति लीटर होता है। महिलाओं और पुरुषों के परिणामों में हल्का सा फर्क हो सकता है। इसके अलावा विभिन्न लैब के परिणामों में भी थोड़ा फर्क आ सकता है। कुछ लैब अन्य प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं या अलग तरह से टेस्ट लेते हैं।
असामान्य परिणाम
कॉन्संट्रेशन बढ़ सकता है इन कारणों से:
कॉन्संट्रेशन घट सकता है इन कारणों से:
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर एल्डोलेस टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यहां दी गई जानकारी किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।