परिभाषा
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph Node Biopsy) क्या है?
लिम्फ नोड बायोप्सी एक टेस्ट है जो लिम्फ नोड में बीमारी की जांच करता है। लिम्फ नोड छोटा, अंडाकार आकार का अंग है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में होता है। यह आंतरिक अंग जैसे पेट, आंतों और फेफड़ों के करीब पाया जाता है। आमतौर पर यह सबसे ज्यादा बगल, कमर और गर्दन में देखा जाता है।
लिम्फ नोड इम्यून सिस्टम का हिस्सा है और यह आपके शरीर को संक्रमण की पहचान कर उससे लड़ने में मदद करता है। शरीर में कहीं भी संक्रमण होने पर लिम्फ नोड सूज जाती है और यह सूजी हुई लिम्फ नोड त्वचा के नीचे गांठ के रूप में नज़र आती है।
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph Node Biopsy) क्यों किया जाता है?
लिम्फ नोड बायोपसी का मकसद गंभीर संक्रमण, इम्यून सिस्टम में खराबी और कैंसर के संकेतों की जांच करना है।
नियमित जांच में आपके डॉक्टर को सूजी या बड़ी लिम्फ नोड दिखती है। छोटे-मोटे इंफेक्शन या किसी कीड़े के काटने से यदि लिम्फ नोड में सूजन है तो इसके लिए किसी इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, अन्य समस्याओं का पत लगाने के लिए आपका डॉक्टर सूजे ही लिम्फ नोड की जांच और निगरानी करेगा।
यदि आपके लिम्फ नोड की सजून बरकरार है या वह बढ़ रही है तो डॉक्टर लिम्फ नोड बायोप्सी के लिए कहेगा।
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एहतियात/चेतावनी
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph Node Biopsy) से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए ?
लिम्फ नोड बायोप्सी आमतौर पर लोगों के लिए सुरक्षित मानी जाती है।
दर्द और कोमलता बायोप्सी के कुछ दिनों बाद ठीक हो जाती है। किसी भी तरह की सर्जिकल प्रक्रिया के साथ जोखिम जुड़े होते हैं। लिम्फ नोड बायोप्सी के तीनों प्रकार से जुड़े अधिकांश जोखिम समान है। जोखिम में शामिल हैंः
- बायोप्सी साइट के आसपास कोमलता
- संक्रमण
- रक्तस्राव
- अचानक नर्व को हानि पहुंचने के कारण सुन्न हो जाना
संक्रमण दुर्लभ है और कभी-कभार ही होता है जिसे एंटीबायोटिक से ठीक किया जा सकता है। आपको सुन्न होने का एहसास तभी होता है जब बायोप्सी नर्व के पास की जाती है। किसी भी तरह की स्तब्धता एक महीने में खत्म हो जाती है। यदि आपका पूरा लिम्फ नोट निकाल दिया गया है तो इसे लिम्फैडेनेक्टॉमी कहा जाता है, इसके कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसका एक साइड इफेक्ट है लिम्फेडेमा नामक स्थिति। जिसमें प्रभावित क्षेत्र में सूजन आ जाती है।
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प्रक्रिया
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph Node Biopsy) के लिए कैसे तैयारी करें?
लिम्फ नोड बायोप्सी से पहले आप जो भी दवा ले रहे हैं उसके बारे में डॉक्टर को बताएं। इसमें बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं जैसे एस्प्रिन और खून पतला करने वाली दवा व अन्य सप्लीमेंट शामिल हैं। यदि आप प्रेग्नेंट तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं, साथ ही यदि किसी दवा से एलर्जी है, लेटेक्स एलर्जी या रक्तस्राव संबंधी समस्या है तो इससे भी डॉक्टर को अवगत कराएं।
बायोप्सी से कम से कम 5 दिन पहले प्रिस्क्रिप्शन और बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली ब्लड थिनर (खून पतला करने वाली दवा) लेना बंद कर दें। साथ ही बायोप्सी से कुछ घंटे पहले कुछ भी खाएं-पीएं नहीं। प्रक्रिया के लिए और क्या तैयारी करनी है इस बारे में डॉक्टर आपको विशिष्ट निर्देश देगा।
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph Node Biopsy) के दौरान क्या होता है ?
निडल बायोप्सी में 10 से 15 मिनट लगते हैं। ओपन बायोप्सी में 30 से 45 मिनट का समय लगता है।
इसके तीन मुख्य प्रकार हैंः
- फाइन निडल एस्पीरेशन (FNA)। यह बायोप्सी ब्लड सैंपल देने की तरह ही होता है, फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें बिल्कुल पतली सुई का इस्तेमाल होता है जिसके बीच में ट्यूब लगी होती है। डॉक्टर आपके एक लिम्फ नोड में सुई डालकर तरल पदार्थ और सेल्स निकालता है, जिसे बाद में जांच के लिए भेजा जाता है। आपको लोकल एनेस्थेशिया या दवा दी जाती है जिससे आपको प्रक्रिया वाले हिस्से में दर्द महसूस न हो। आमतौर पर आप उसी दिन घर जा सकते हैं। यदि डॉक्टर को निदान के पर्याप्त नमूना नहीं मिलता है तो वह आपको दूसरे प्रकार की बायोप्सी के लिए कहेगा।
- कोर निडल बायोप्सी। इसकी मूल प्रक्रिया निडल एस्पीरेशन जैसी ही है, लेकिन आपका डॉक्टर बड़ी सुई जिसमें बड़ा खोखला ट्यूब लगा होता है की मदद से टिशू के छोटे से भाग को निकालता है। इसके ज़रिए तरल पदार्थ और सेल्स से ज़्यादा जानकारी मिलती है। दोनों तरह की निडल बायोप्सी में डॉक्टर को यदि पर्याप्त सैंपल नहीं मिलता है तो वह सैंपल के लिए एक से ज़्यादा बार सुई डालेगा। बावजूद इसके पूरी प्रक्रिया में 15 से 30 मिनट का समय लगता है।
- ओपन बायोप्सी। यह थोड़ा-बहुत सर्जरी की तरह ही होता है। आपका डॉक्टर लिम्फ नोड का हिस्सा निकलाने के लिए आपकी त्वचा में चीरा लगाता है। इसमें बाकी दोनों तरह की बायोप्सी से थोड़ा अधिक समय लगता है। आमतौर पर आपको लोकल एनेस्थेशिया दिया जाता है, मगर कभी-कभार डॉक्टर जनरल एनेस्थेशिया की भी सलाह दे सकता है, इसका मतलब कि पूरी प्रक्रिया के दौरान आप बेहोश रहते हैं। त्वचा पर लगे चीरे पर टांके लगाए जाते हैं, लेकिन ज़्यादातर लोगों को इसका निशान नहीं होता है।
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph Node Biopsy) के बाद क्या होता है?
घर वापस आने के बाद बायोप्सी वाली जगह को साफ और सूखा रखें। सर्जरी के कुछ दिनों तक डॉक्टर आपको नहाने के लिए मना कर सकता है।
आपको बायोप्सी प्रक्रिया के बाद बायोप्सी वाली जगह पर और अपनी शारीरिक स्थिति पर ध्यान देना होगा। यदि किसी तरह का संक्रमण और जटिलता दिखती है तो तुरंत डॉक्टर को फोन करें, जैसेः
लिम्फ नोड बायोप्सी के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
और पढ़ें: Bone marrow biopsy: बोन मैरो बायोप्सी क्या है?
परिणामों को समझें
मेरे परिणामों का क्या मतलब है?
बायोप्सी के बाद डॉक्टर आपके लिम्फ नोड के सैंपल को पैथोलॉजिस्ट के पास जांच के लिए भेजता है। वह उसे स्लाइड पर रखकर माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर जांच करता है। वह जांच देखता है कि आपके सेल्स सामान्य हैं या नहीं। यदि वह यह देखना चाहता है कि कहीं आपको कैंसर तो नहीं है, तो वह खासतौर पर यह जांच करेगा कि कहीं कोई कैंसर सेल तो नहीं है।
फाइन निडल बायोप्सी में आपको उसी दिन परिणाम मिल जाती हैं। कोर निडल और ओपन बायोप्सी में आपको परिणाम के लिए थोड़ा लंबा इंतज़ार करना होता है। कितना समय लगेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको क्या और टेस्ट की ज़रूरत है और कितनी। यदि नहीं है तो आपको परिणाम बायोप्सी के बाद 2 से 3 दिन में मिल जाएंगे। वरना 7 से 10 दिन तक इंतज़ार करना होगा। कभी-कभी इससे भी ज़्यादा समय लग सकता है।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर लिम्फ नोड बायोप्सी की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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