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Aortic Valve Replacement : एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Sarthi Manchanda


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/09/2020

Aortic Valve Replacement : एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट क्या है?

जाने

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट क्या है?

  • आरोटिक वाल्व चार वाल्व में से एक वाल्व है जो की ब्लड को एक दिशा में बहने के लिए मदद करता है. आरोटिक वाल्व हार्ट के सबसे जरुरी पम्पिंग चैम्बर ( लेफ्ट वेंट्रिकल ) और मुख्य आर्टरी को जोड़ता है. ये आर्टरी पूरे शरीर को ऑक्सीजन युक्त ब्लड पहुंचाने का काम करती है.
  • वेंट्रिकल के हर बार सिकुड़ने पर आरोटिक वाल्व खुल जाती है और लेफ्ट वेंट्रिकल से खून को अरोटा में जाने का रास्ता देती है.
  • जब वेंट्रिकल रिलैक्स होता है तब आरोटिक वाल्व बंद हो जाती है और खून को वापस उल्टा बहने से रोकती है.
  • जब आरोटिक वाल्व सही से काम नहीं कर रही होती तो खून गलत दिशा में बहने लगता है और हार्ट को पूरे शरीर में खून पहुंचने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है.
  • आरोटिक वाल्व में किसी भी बीमारी या खराबी के इलाज़ के लिए एरोटिक वाल्व रिपेयर (Aortic Valve Repair) या एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट (Aortic Valve Replacement) किया जाता है.
  • ये सर्जरी कराने से आपके दिल में खून के बहाव सही दिशा में रहेगा. और आपके दिल का काम नहीं बढ़ेगा.

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट की जरूरत कब पड़ती है?

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट (Aortic Valve Replacement) आपकी स्थिति और परेशानी के हिसाब से की जाती है. ऐसी बेममारिया जिनमें आपको इसकी जरुरत पड़ सकती है वो ये है :

  • आरोटिक वाल्व रेगुरजितेशं ( aarotic valve regurgitation ) : ये ऐसी स्थिति है जब खून वेंट्रिकल के रिलैक्स होने पर उल्टा बहने लगे. इस कंडीशन में खून एक तरफ बहने के बजाय दो तरफ बहता है जिससे दिक्कत पैदा होती है.
  • ये वाल्व में इन्फेक्शन , या फिर आरोटिक वाल्व के लीक होने या फिर जन्म के समय वाल्व के एब्नार्मल शेप की वजह से हो सकता है.
  • आरोटिक वाल्व स्टेनोसिस में सिकुड़ जाती है जिससे उसमे सही तरीके से खून नहीं जा पाता। इससे हार्ट को भी आरोटा में पम्पिंग लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.
  • ये कंजेनिटल हार्ट डिजीज , कसप्स के मोटे होने से या फिर किसी इंफ्लमैशन जैसे रहूमटॉइड हार्ट डिजीज की वजह से होती है.
  • कंजेनिटल हार्ट डिजीज आरोटिक वाल्व रगोर्जिताएसं ( aarotic wall regurgitation )और स्टेनोसिस में भी भाग लेते है। इसके आलावा ये और भी प्रोब्लेम्स पैदा करते है जिससे आरोटिक वाल्व सही से काम नहीं करती. जैसे की कुछ लोग आरोटिक वाल्व में कम टिशूज़ के साथ पैदा होते है , या फिर कुछ लोगो में आरोटिक वाल्व के शेप और साइज़ में दिक्कत होती है, या फिर कभी कभी वाल्व में छेद छोटा होने की वजह से खून नहीं बहता ( atresia ) .
  • डिफेक्टिव या फिर ख़राब वाल्व को रिपेयर या रेप्लस करने के बहुत से तरीके होते है. दो बाते जो सर्जन देखेंगे वो ये है की आपकी वाल्व को रिपेयर किया जा सकता है या नहीं अगर रिपेयर संभव है तो डॉक्टर रिप्लेसमेंट करेंगे. इसके आलावा आपके लिए कौनसी सर्जरी बेस्ट रहेगी ये भी सर्जन जरूर पूछेंगे.

अगर वाल्व में कही से लीकेज है तो वाल्व के फ्लैप्स में छोटे पैचेज लगाकर वाल्व को रिपेयर किया जा सकता है.

और पढ़ें : Cosmetic surgery : जानिए क्या है कॉस्मेटिक सर्जरी

बचाव

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट (Aortic Valve Repair) करवाने से पहले क्या जानना जरूरी है ?

हर कोई ये सर्जरी नहीं करवा सकता। डॉक्टर्स सभी पैरामीटर्स को जांच कर ही आपकी सर्जरी करेंगे. अगर आपमें आरोटिक वाल्व ख़राब है तो सर्जन आपको कार्डियक सर्जरी और मेडिकेशन से ट्रीटमेंट के असर को तुलनात्मक रूप से देखने के लिए कहेंगे. अगर ज्यादा दिक्कत नहीं है तो डॉक्टर आपको मेडिकेशन और लाइफ स्टाइल बदलकर इलाज़ करवाने की सलाह देंगे. लेकिन ये भी देखा गया है की आरोटिक वाल्व से जुडी बीमारियों को सर्जिकली ही फिक्स किया जा सकता है. नॉन सर्जिकल मेथड्स केवल इस सर्जरी को टालने में मदद करेंगे.

आरोटिक वाल्व में रिपेयर या रिप्लेसमेंट बहुत सारे फैक्टर्स पर निर्भर है :

एरोटिक वाल्व की परेशानी कितनी सीवियर है?

आपकी उम्र और स्वास्थ्य कैसा है ?

क्या आपको एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी के साथ हार्ट सर्जरी की भी जरुरत है। अगर ऐसा है तो दोनों ऑपरेशन साथ में ही किये जा सकते है.

डॉक्टर्स आमतौर पे वाल्व रिपेयर ही सुग्गेस्ट करते है क्योकि इससे वाल्व मजबूत रहती है , आपको जीवन भर ब्लड को पतला करने की दवाए नहीं लेनी पड़ती जो की रिप्लेसमेंट के केस में लेनी पड़ सकती है.

साडी वाल्व्स रिपेयर नहीं की जा सकती. सर्जन मानते है की वाल्व रिपेयर सर्जरी वाल्व रिप्लेसमेंट से ज्यादा मुश्किल और कठिन है. आपका बेस्ट इलाज़ आपकी स्थिति और आपकी ट्रीटमेंट टीम पर निर्भर है.

और पढ़ेंः Parathyroidectomy surgery: पैराथायरायडक्टमी सर्जरी क्या है?

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की समस्या और असर क्या हो सकते हैं?

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट के साइड इफेक्ट्स ये हो सकते है :

  • सर्जरी के बाद ब्लीडिंग.
  • ब्लड क्लॉट्स.
  • इंसिज़न साइट में इन्फेक्शन.
  • न्युमोनिआ
  • सांस लेने में परेशानी
  • एब्नार्मल हार्ट बीट ( arrhythmias )

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी में जो समस्याएं आ सकती है वो ये है :

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट (Aortic Valve Repair) करने से पहले इससे जुड़े बचाव , समस्याए साइड इफेक्ट्स को जानना जरुरी है. किसी भी और जानकारी और सवाल के लिए डॉक्टर से मिले.

और पढ़ेंः Umbilical Hernia Surgery: अम्बिलिकल हर्निया सर्जरी क्या है?

प्रक्रिया

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट की तैयारी कैसे करे ?

खाना और दवाए

डॉक्टर से इन चीज़ो के बारे में बात कर ले :

आप रेगुलर मेडिकेशन कब ले सकते है या फिर सर्जरी के पहले मेडिसिन्स कब ले सकते है ?

  • सर्जरी के कितने पहले आपको खाना और पीना बंद करना है।
  • कपडे और पर्सनल सामान
  • ट्रीटमेंट टीम आपको ये चीज़े हॉस्पिटल लाने के लिए कह सकती है :
  • मेडिसिन की लिस्ट.
  • चश्मा , डेन्चर , सुनने की मशीन.
  • टूथब्रश , शेविंग किट , ब्रश और कंघी.
  • कम्फर्टेबल कपडे.
  • एडवांस डाइरेक्टिव की एक कॉपी
  • म्यूजिक प्लेयर , किताबे
  • मेडिकल डिवाइस या इक्विपमेंट.

सर्जरी के समय ये न पहने :

  • जेवेलरी
  • आइग्लास
  • कांटेक्ट लेंस.
  • नेल पोलिश
  • डेन्चर

जहा पर सर्जरी होनी है वहां के बाल हटाए जायेंगे.

और पढ़ें : हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है ?

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट के समय क्या होता है ?

ओपन हार्ट सर्जरी में चार से छे घंटे लग सकते है. कभी कभी आठ घंटे भी लग सकते है.

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट ओपन हार्ट सर्जरी की मादा से ही की जाती है. ये चेस्टबोन को हटा कर की जाती है. इसे स्टर्नोटोमी (sternotomy ) कहते है. प्रोसीजर के बाद डॉक्टर्स चेस्ट बोन को पीछे लेजाकर बाँध देते है. इससे ज्यादा मूवमेंट नहीं होता और घाव जल्दी भर जाते है.

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट में कुछ स्टेप्स इस प्रकार होते है :

  • ( परफोरेटेड कप्स जो वाल्व को बंद करते है ) फ्लैप्स में टिशूज़ और पैचेज लगाए जाते है।
  • वाल्व के बेस या रुट को सपोर्ट देना.
  • फुसेड वाल्व कसप्स को अलग करना.
  • टिशूज़ को हटाके वाल्व सही से बंद हो सके.
  • वाल्व के अराउंड रिंग (annulus ) बनायीं जाती है।

आरोटिक वाल्व जो पूरी तरह से खुल नहीं पाती ( स्टेनोसिस ) उनका सर्जरी से रिपेयर किया जा सकता है. इसके आलावा बलून वल्वुलोप्लास्टी ( baloon valvuloplasty ) जो की एक लेस्स इनवेसिव प्रोसीजर है उससे भी ऐसी स्थिति का इलाज़ किया जा सकता है. ये कार्डियक कठेराइज़शन (cardiac catherization ) पर बेस्ड है. कार्डियक कठेरिजाशन के समय पेशेंट जाएगा हुआ रहता है और इस प्रोसीजर में आपको ज्यादा समय तक हॉस्पिटल में रहने की भी जरुरत नहीं है.

बलून वॉल्वुलोप्लास्टी बच्चो में और नवजात शिशु के केस में आरोटिक वाल्व स्टेनोसिस को ट्रीट करने के लिए की जाती है. एडल्ट्स में ये उतना कारीगर नहीं है क्योकि वाल्व दोबारा सिकुड़ जाती है और इसलिए ऐसे पेशेंट्स जो वाल्व रिप्लेसमेंट का इंतज़ार कर रहे है या फिर जो बहुत बीमार है उनमें ही ये सर्जरी की जाती है.

डॉक्टर्स कथेरेटर प्रोसीजर से भी वाल्व रिपेयर करते है. ये प्लग या डिवाइस से किया जाता है.

और पढ़ें : महिलाओं में ऐसे होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट के बाद क्या होता है?

सर्जरी के बाद पेशेंट्स को छे घंटे तक जनरल अनेस्थेसिआ के प्रभाव में रखा जाता है. अगर उनका हार्ट सही से काम कर रहा है ब्लीडिंग नहीं हो रही है तब उनकी ब्रीथिंग ट्यूब निकाली जा सकती है. ज्यादातर पेशेंट्स को सर्जरी के दिन से अगले आधे दिन तक इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा जाता है. दवाई , नुट्रिशन पानी सभी चीज़े इंट्रावेनस लाइन से दी जाती है. बाकि ट्यूब्स ब्लैडर से यूरिन और चेस्ट से खून और पानी को बाहर करने का काम करती है। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो चेस्ट में से ट्यूब्स निकल दी जाती है और उन्हें नार्मल हॉस्पिटल रूम में भेज दिया जाता है.

आपको चार से सात दिन तक हॉस्पिटल में रहना पड़ सकता है.

हॉस्पिटल में रहने के वक़्त ट्रीटमेंट :

  • आपके इंसिज़न साइट में इन्फेक्शन को चेक करेगी।
  • पेशेंट के ब्रीथिंग, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर चेक करेगी.
  • सर्जरी के बाद दर्द को कैसे मैनेज करना है ये भी बताएगी.
  • पेशेंट को रेगुलर एक्ससरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और धीरे धीरे चलने में मदद करेगी.
  • ज्यादातर पेशेंट्स इसके बाद घर जा सकते है. हॉस्पिटल की नर्स भी उनकी मदद के लिए साथ जा सकती है. कुछ केसेस में पेशेंट्स को ज्यादा समय रेहाब सेण्टर में बिताना पड़ता है.
  • डॉक्टर आपको घाव की देखभाल करने , इन्फेक्शन से बचने, दवाये सही समय पर लेने और दर्द को सँभालने के तरीके बताएंगे.
  • रिकवरी का समय ऑपरेशन के पहले की सेहत और सर्जरी के दौरान हुई प्रोब्लेम्स पर निर्भर करता है.
  • डॉक्टर आपको पांच किलो से ज्यादा वजन उठाने को भी मना करेंगे। साथ ही गाड़ी ड्राइव करने पर भी कुछ दिनों तक रोक रहेगी. डॉक्टर बताएंगे आप नार्मल काम कब कर सकते है.

किसी भी और सवाल या जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या सर्जन से कंसल्ट करे.

और पढ़ें : Crohns Disease : क्रोहन रोग क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

रिकवरी

एरोटिक वाल्व रिप्लेसमेंट के बाद क्या करना चाहिए ?

  • सर्जरी के बाद आप चलने, खेलने , कार चलने जैसे काम कर सकते है लेकिन आपको अपनी दवाइया समय पर लेनी होंगी. आपको कुछ टेस्ट भी कराने पड़ सकते है.
  • डॉक्टर आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने को कहेंगे। फिजिकल एक्टिविटी , एक्सरसाइज, हेल्दी खाना और तम्बाकू का इस्तमाल न करना ये सभी आपकी लिस्ट में होना चाहिए.
  • इससे आगे चलकर कोई परेशानी नहीं आएगी.
  • डॉक्टर्स आपको कार्डियक रेहाबिलिटेशन (cardiac rehabilitation ) प्रोग्राम में जुड़ने के लिए भी कह सकते है. ये प्रोग्राम सर्जरी के बाद हार्ट को हैल्दी और फिट रखने के लिए बनाया गया है

डिस्क्लेमर

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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr. Sarthi Manchanda


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/09/2020

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