परिचय
डेंटल बॉडिंग क्या है?
वर्तमान समय में बच्चों से लेकर बूढ़े तक के लोगों में दांतों से जुड़ी यह समस्या देखने को मिलती है। कुछ समस्याएं तो साधारण ट्रीटमेंट से ही ठीक हो जाती हैं तो वहीं बीच से टुटे दांत, टेढ़े दांत, दांतों में अधिक गैप इस तरह की समस्या को ठीक करने के लिए डेंटल बॉडिंग करने की आवश्यकता होती है। फार्मिंगटन, माइन के एक डेंटल डॉक्टर और अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (एडीए) के डेंटल डॉक्टर किम्बर्ली हार्म्स, डीडीएस कहते हैं, “मामूली डेंटल रिपेयर करने के लिए बॉन्डिंग एक काफी बेहतर और सस्ता तरीका है।’ इसके अलावा, डेंटल बॉन्डिंग कभी-कभी इन्शोरेन्स द्वारा भी की जाती है।
डेंटल बॉन्डिंग को हम एक कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री प्रक्रिया भी कह सकते है लेकिन आमतौर पर हम इसे डेंटल बॉन्डिंग कहते हैं। इसमें हमारे दांत के शेप और कलर का एक कॉस्मेटिक लगाया जाता है जो आकार में हमारे दांतो की तरह होता हैं फिर इसको पॉलिश किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को ही डेंटल बॉडिंग कहा जाता है। बॉन्डिंग इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें उस तत्व को दाँत से बांधते है। डेंटल बॉडिंग छोटे कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री काम के लिए बेहतर माना जाता है, जैसे कि टूटे या चिपके हुए दांत को ठीक करना या दांतों के बीच छोटे गैप को बंद करना। डेंटल बॉन्डिंग का उपयोग छोटी-छोटी गैप के लिए दांतों के रंग भरने के रूप में भी किया जाता है क्योंकि यह सिल्वर फिलिंग की अपेक्षा काफी बेहतर माना जाता है।
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प्रक्रिया
डेंटल बॉन्डिंग कि प्रकिया
डेंटल बॉन्डिंग ट्रीटमेंट में सबसे पहले आपका डॉक्टर डेंटल बॉडिंग वाले एरिया में फॉस्फोरिक एसिड को अप्लाई करता है। ये प्रक्रिया बॉन्डिंग की गई टीथ को फिक्स करने और बनाए रखने में मदद करती है। जब दांत तैयार हो जाता है तो डॉक्टर इसपर टूथ कलर अप्लाई करते हैं जो राल कि भांति होती है, इसका चिकनापन तब तक होता जब तक आपका दांत उचित आकार में ढह नहीं जाता है। कहा जाता है कि इस प्रक्रिया में दर्द नहीं होता है।यह प्रक्रिया करते समय जब हार्ड मैटेरियल का प्रयोग किया जाता है उस समय हमारे डेंटल डॉक्टर स्पेशल लाइट का प्रयोग करते है। स्टेप बाइ स्पेट जब प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो एक बार आखिर मेंटीथ को पॉलिश किया जाता है जिससे उसकी फिनिशिंग बेहतर बनी रहे।
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जोखिम
डेंटल बॉडिंग के कुछ नुकसान होते हैं जो इस प्रकार से है।
बॉन्डिंग मटेरियल का फीका होना –डेंटल बॉन्डिंग के दौरान प्रयोग किया गया पॉलिश, क्राउन समेत बाकी तत्वों का रंग निकल जाता है जिससे दांतों की शोभा बिगड़ जाती है। बता दें की पॉलिश निकलने के बहुत से अलग-अलग कारण भी होते हैं जिसमें कॉफी,चाय,वाइन,सिगरेट शामिल है। इनका सेवन करने से रंग जल्दी निकल जाता है। आपके लिए बेहतर है की बॉन्डिंग कराने के बाद 24 से 48 घंटे तक ये सारी चीजें आप अनदेखा करें। अगर आप स्मोकर है तो आपको इस ट्रीटमेंट के अलावा कोई और ट्रीटमेंट का बारें में पता करना चाहिए। क्योंकि इस ट्रीटमेंट में स्मोक करना हानिकारक है स्मोक दांतों का कलर सबसे तेजी से बदलता है।
कम टिकाऊ- इसके अलावा, डेंटल बॉन्डिंग में प्रयोग किए गए तत्व के आधार पर देखें तो यह लंबे समय तक चलने वाला नहीं है। यह आसानी से टूट सकता है। हालांकि उचित देखभाल के साथ, डेंटल बॉन्डिंग तीन से सात साल तक रह सकती है।
डेंटल बॉडिंग कब करना सही है–जब आपके दांतों में कोई मामूली दिक्कत हो जैसे की डिसकलर टीथ,दांतों में गैप,सिल्वर फिलिंग जैसी कोई समस्या है को डेंटल बॉंडिंग आपकी हेल्प कर सकता है। वैसे इस ट्रीटमेंट का प्रयोग दांतों को रिशेप करने के लिए भी किया जाता है। आपको बता दें की डेंटल ट्रीटमेंट का प्रयोग सफेद फिलिंग के लिए और कैविटी के लिए किया जा सकता है लेकिन खाना खाते वक्त यह खाने को चबाने में हेल्प नहीं करते लेकिन दंत संबंध में प्रयुक्त सामग्री बड़ी गुहाओं के लिए पर्याप्त टिकाऊ नहीं हो सकती है। कैविटी में प्रयोग किए गए तत्व ज्यादा समय के लिए टिकाऊ नहीं होते हैं।
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रिकवरी
डेंटल बॉडिंग की रिकवरी ( Recovery of dental bonding)
यह एक कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है इसमें रिकवरी में ज्यादा समय नहीं लगता है लेकिन साफतौर पर यह जाहिर है की इसमें मेंटनेंस की काफी जरुरत पड़ेगी। हमारे डेंटिस्ट डेंटल बॉन्डिंग के बाद में ही आपको एक चेतावनी पत्र देते हैं जिसमें वो सारी चीजें मेंशन होती हैं जिससे आपको बचना होता है। अगर आप उन सारी बातों का पालन ठीक तरीके से करें तो आपके बॉंडिंग लंबे समय तक चलेगी।
-कॉफी, चाय, और रेड वाइन पूरी तरह से नजरअंदाज करें।
-यदि आप स्मोकिंग करते हैं, तो यह छोड़ने का एक अच्छा कारण साबित हो सकता है इस बात को बताने की कोई जरुरत नहीम है कि स्मोकिंग से आपके मसूड़ों की बीमारी और मुंह के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। तो बेहतर है की आप इसी मौके पर उसको छोड़ दें।
-डेंटल बॉडिंग आसानी से टुट सकती है, तो अपने नाखूनों को काटने या हार्ड ऑब्जेक्ट्स, जैसे कि बर्फ, पेंसिल, और कच्ची गाजर को चबाने से बचें।
-यदि आप अपने दांतों के कॉर्नर को नुकिला नोटिस करते हैं या अपने दांतों को अजीब महसूस करते हैं तो ऐसे में आप अपने डेंटिस्ट को दिखा सकते हैं। अगर आपको जरुरत महसूस हो, तो डेंटल बॉन्डिंग की मरम्मत भी कराया जा सकता है।
-डेंटल बॉन्डिंग कराने के लिए आपको सही डॉक्टर्स का चुनव करना भी बेहद जरुरी है इसलिए अपने डेंटिस्ट के पिछले डेंटल बॉन्डिंग के मरीजों की तस्वीरें देखने के लिए पूछने में संकोच न करें। ये सेंसटिव चीजें है जिसमें डॉक्टर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद जरुरी है।
-डेंटल बॉन्डिंग सभी कन्डीशन में करना सही नहीं है, लेकिन यह आपकी मुस्कान को बेहतर बनाने का एक सस्ता और अच्छा तरीका हो सकता है। और अपने के प्रति अच्छा महसूस करना आपको अच्छे दंत स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
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फायदे
डेंटल बॉन्डिंग के फायदे (Advantage of dental bonding)
खर्चा – सबसे पहले तो आपका यह जानना बेहद जरुरी है की यह बेहद कम खर्चीला होता है यह आसानी से आपके बजट में फिट बैठ जाता है। इसमें 22000 से लेकर 40000 तक का खर्चा होता है। लेकिन कहीं-कहीं डेंटल इंश्योरेंस काफी ज्यादा लगता है। ऐसा खासकर तब होता है जब वो आपकी कैविटी फिल करते हैं।
समय बचत– इसमें समय की काफी बचत हो जाती है। आपको बार-बार डॉक्टर के पास जाना नहीं पड़ता। अगर बात करें इसकी प्रक्रिया की तो इस पूरी प्रक्रिया में पर टूथ 30 से 60 मिनट लगते हैं।
सरलता- इस प्रक्रिया में आमतौर पर एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है, जब तक कि खराब हुए दांत को भरने के लिए बॉन्डिंग का उपयोग नहीं किया जाता है। पॉलिश और शेप देने की तुलना में, इनेमल हटाने की कम से कम राशि की आवश्यकता होती है।
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बजट
डेंटल बॉन्डिंग का बजट
आपकी जानकारी के लिए बता दें की डेंटल बॉन्डिंग ट्रीटमेंट आसानी से आपके बजट में पूरा किया जा सकता है। इससे आपकी सेविंग पर भी ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा और आपके दांत बिल्कुल नए जैसे हो जाएगें।
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