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Open Heart Surgery: ओपन हार्ट सर्जरी क्या है? जानिए इसके बारे में अहम जानकारी!

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे · आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/01/2022

Open Heart Surgery: ओपन हार्ट सर्जरी क्या है? जानिए इसके बारे में अहम जानकारी!

मूल बातें जानिए

ओपन हार्ट सर्जरी में चेस्ट को ओपन करके वाल्व, मसल  और आर्टरीज को ऑपरेट किया जाता है। इस प्रोसीजर में ब्लॉक्ड आर्टरीज (Blocked artery surgery) में सुधार करने के लिए नई आर्टरीज से जोड़ दिया जाता है। इससे ब्लॉक्ड आर्टरी को बायपास करके फ्रेश ब्लड हार्ट (Fresh Blood Heart) तक पहुंचाया जाता है।

नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (एनएचएलबीआई) के अनुसार कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (CBAG) ओपन हार्ट सर्जरी का सबसे सामान्य प्रकार है जो कि आमतौर पर वयस्कों पर किया जाता है।

ओपन हार्ट सर्जरी को कई बार केवल हार्ट सर्जरी (Heart Surgery) भी कहा जाता है। आज के समय में कई प्रकार की हृदय (Heart) समस्याओं को छोटे चीरे की मदद से ही ठीक किया जा सकता है। जिसके कारण कई लोग ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) को लेकर भ्रमित हो सकते हैं।

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ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) की जरूरत कब पड़ती है?

ओपन हार्ट सर्जरी सीएबीजी (Coronary artery bypass grafting) की प्रक्रिया को करने के लिए किया जाता है। कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्ट की आवश्यकता कोरोनरी हार्ट डिजीज से ग्रस्त लोगों में पड़ सकती है।

कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease) में व्यक्ति के हृदय की मांसपेशियों ठोस और संकुचित हो जाती हैं जिसके कारण वह रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन (Oxygen) और खून नहीं पहुंचा पाता है। जब खून हृदय (Heart) तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाता है तो व्यक्ति को हार्ट अटैक (Heart attack) भी हो सकता है।

ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) इस स्थिति में करनी पड़ सकती है –

  • हार्ट वाल्वस (Heart valve) को रिपेयर या फिर रेप्लस करने के लिए
  • हार्ट में किसी खराब हिस्से को रिपेयर करने के लिए
  • हार्ट में मेडिकल डिवाइसेस को फिट करने के लिए जिससे दिल अच्छी तरह से धड़क सके।
  • किसी हार्ट ट्रांस्प्लांट (Heart transplant) के लिए

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ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) के क्या रिस्क हैं?

  • सीने में किसी घाव होने पर
  • हार्ट अटैक (Heart attack)
  • इर्रेगुलर हार्टबीट (Irregular Heart Beat) 
  • किडनी फेलियर (Kidney Failure)
  • चेस्ट पेन (Chest pain)
  • मेमोरी का कमजोर होना
  • ब्लड क्लॉट (Blood clot) 
  • ब्लड लॉस (Blood lose) 
  • ब्रीथिंग प्रॉब्लम (Breathing Probelm) 
  • निमोनिया (Pneumonia)

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प्रक्रिया

ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) की तैयारी कैसे करें?

  • अपने डॉक्टर को अपनी दवाओं  के बारे में बता दें
  • अपनी एलर्जी (Allergy) या फिर किसी भी मेडिकल प्रॉब्लम को डॉक्टर से न घुपाएं
  • हर्पीस फैलना, सर्दी, बुखार (Fever) की जानकारी भी डॉक्टर को जरूर दें
  • आपके डॉक्टर ब्लड मेडिकेशन्स को बंद करने और साथ ही स्मोकिंग (Smoking) रोकने की सलाह देंगे
  • अगर आप किसी भी तरह नशा करते हैं, तो उसके बारे में भी डॉक्टर को जरूर बताएं ताकि 
  • सर्जरी के पहले खाना पीना (Water) बंद कर दें
  • सर्जरी के पहले आपको अपने आप को अच्छे से साफ  करने को कहा जाएगा जिससे इन्फेक्शन न हो

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ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) कैसे की जाती है ?

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सीएबीजी में आमतौर पर 3 से 6 घंटे का समय लगता है। इसकी सामान्य प्रक्रिया में निम्न स्टेप शामिल हैं – 

  • पेशेंट्स को एनेस्थेसिया दिया जाएगा, जिससे ऑपरेशन के समय पेशेंट्स सोते रहे और दर्द का एहसास न हो
  • सर्जरी के समय आठ से दस इंच का कट लगाते हैं
  • पेशेंट की ब्रेस्टबोन (Breastbone) को हटाकर पूरा हार्ट देखा जा सकता है
  • जब हार्ट दिखने लगेगा तब पेशेंट को लंग बायपास मशीन से जोड़ दिया जाएगा क्योकि इस पॉइंट पे हार्ट काम करना बंद कर देगा
  • सर्जन हेअल्थी वीन और आर्टरी की मदद से ब्लॉक्ड आर्टरी (Blocked Artery) के लिए रास्ता  बना सकते हैं
  • इसके बाद सर्जन ब्रेस्टबोन (Brestbone) को वापस स्टिच करके वायर बॉडी के अंदर ही छोड़ देंगे
  • इसके बाद ओरिजिनल कट (Orignal cut) को सील कर दिया जाता है

अधिक उम्र व कई सर्जरी करवा चुके व्यक्ति को स्टर्नल प्लेटिंग की जरूरत हो सकती है।

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ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) के बाद क्या होता है ?

सर्जरी के बाद आपके चेस्ट में दो से तीन ट्यूब्स (Tube) होंगे। ये फ्लूइड को बाहर निकालने में मदद करेंगे। इसके आलावा इंट्रावेनस ट्यूब लगी होंगी जिनसे आपको जरूरी पोषक तत्व दिए जाएंगे। साथ ही कैथिटर लगा होगा जिससे आपका यूरिन (Urine) बाहर जाएगा।

आपकी हेल्थ टीम आपके आसपास ही रहेगी ताकि किसी भी प्रॉब्लम के होने पर समाधान निकाला जा सके।

पहले आपको आईसीयू (ICU) में रखा जाएगा उसके बाद पांच से सात दिन तक आपको रेगुलर केयर रूम में रहना होगा।

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रिकवरी

सर्जरी के तुरंत बाद घर पर अपना ख्याल रखना बहुत जरुरी है :

इंसिजन केयर :

अपने सर्जरी एरिया को इन्फेक्शन के लिए देखते रहे  किसी भी तरह का इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर से मिलें

जैसे :

  • बहुत ज्यादा ड्रेनेज, ऊज़िंग
  • इंसिजन के आसपास रेडनेस
  • फीवर (Fever) 

दर्द को मैनेज करने के लिए मेडिसिन्स ले और डॉक्टर से मिलें

  • कैफीन (Caffeine) न लें और अच्छी नींद लें
  • पौष्टिक डाइट (Healthy diet) लें
  • बहुत ज्यादा नमक (Salt), फैट (Fat) और चीनी (Sugar) न लें
  • स्मोकिंग (Smoking) न करें
  • कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और हाई  ब्लड प्रेशर कंट्रोल (Blood pressure control) में रखें
  • बहुत ज्यादा तला भुना और मसालेदार खाना न खाएं

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विकल्प

ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) के अन्य विकल्प

पहले के समय में ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) के कोई विकल्प नहीं हुआ करते थे। आज के समय में एंडोस्कोप कैमरा और रोबोट की मदद से हार्ट सर्जरी को अंजाम दिया जा सकता है।

कुछ मामलों में सर्जन संकुचित हुई कोरोनरी धमनियों को त्वचा के कम से कम चीरे के साथ डा विंशी (da Vinci) रोबोट की मदद से हृदय सर्जरी की प्रक्रिया को पूरा करते हैं।

इस प्रक्रिया को एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी कहा जाता है। ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) के मुकाबले इस प्रकिया के कोई खास फायदे  नहीं होते हैं। दोनों ही सर्जरी एक सामान प्रभावशाली और सुरक्षित होती हैं।

इसके अलावा ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) और एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी के इलाज की प्रक्रिया और अस्पताल में रहने का समय सामान्य होते हैं।

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दोनों ही सर्जरी के बीच मुख्य असमानता केवल रिकवरी के समय में होती है। ओपन हार्ट सर्जरी के मुकाबले एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी में रिकवरी का समय कम होता है।

ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) के अन्य विकल्प –

एंजियोप्लास्टी – इस प्रकिया के दौरान सर्जन संकुचित हुई धमनी को चौड़ा करने के लिए स्टेन का इस्तेमाल करते हैं।

ट्रांस कैथिटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) – इस सर्जरी में कैथिटर की मदद से नई वाल्व डाली जाती है। प्रक्रिया के पुरे होने पर रक्त वाहिकाएं विस्तारशील हो जाती है।

एओर्टिक वाल्व बैलून वाल्वुलोप्लास्टी – इस प्रक्रिया में वाल्व को बढ़ा करने के लिए बैलून को अंदर डाला जाता है।

इन सभी सर्जरी के जोखिम व्यक्ति दर व्यक्ति पर निर्भर करते हैं। अधिक गंभीरता वाले रोगियों में सर्जरी के कारण होने वाले जटिलताओं की आशंका अधिक होती है। यह खतरा सर्जरी (Surgery) के दौरान व बाद में भी बना रह सकता है।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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