के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
पैराथाइरॉइडेक्टमी पैराथाइरॉइड ग्रंथि से संबंधित एक सर्जरी है। पैराथाइरॉइड ग्रंथियों या पैराथायरॉइड ट्यूमर को हटाने के लिए पैराथाइरॉइडेक्टॉमी सर्जरी की जाती है। जो मनुष्य के गले में चार पैराथाइरॉइड ग्लैंड होती है। पैराथाइरॉइड ग्लैंड खून में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करते हैं। एक या एक से ज्यादा पैराथायरॉइड ग्रंथियां ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं तो खून में कैल्शियम की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। जिसके कारण हड्डियों में दर्द शुरू होने लगता है। इस सर्जरी में बढ़ी हुई पैराथाइरॉइड ग्रंथी को काट कर निकाल दिया जाता है।
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आपके गले में थायरॉयड ग्रंथि के ठीक पीछे पैराथायरॉइड ग्रंथियां होती हैं। पैराथाइरॉइडेक्टमी की जरूरत तब होती है, जब हड्डियों में दर्द का कारण कैल्शियम की अधिक मात्रा बनती है। ये ग्रंथियां आपके शरीर को रक्त में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। वहीं, हाइपरपैराथाइरॉइडिज्म के मरीज की भी सर्जरी होती है। पैराथाइरॉइडेक्टमी के बाद हड्डियों संबंधी समस्या ठीक होने लगती हैं।
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कुछ मामलों में पैराथाइरॉइडेक्टमी सर्जरी असफल भी हो सकती है। क्योंकि जब हाइपरपैराथाइरॉइडिज्म ज्यादा हो जाता है तो पैराथाइरॉइडेक्टमी में समस्याएं आती है। ज्यादा जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें।
पैराथाइरॉइडेक्टमी के बाद कोई गारंटी नहीं है, कि आप पूरी तरह से ठीक हो जाएं या फिर समस्या के सारे लक्षण खत्म हो जाएं। लेकिन, ऐसा होता नहीं है तो आपको फिर से सर्जरी करानी पड़ सकती है। इस विशेष सर्जरी के जोखिमों में थायरॉयड ग्रंथि और गर्दन में एक तंत्रिका शामिल है जो वोकल कॉर्ड को नियंत्रित करती है। दुर्लभ मामलों में, आपको सांस लेने में समस्या हो सकती है। ये आमतौर पर सर्जरी के बाद कई हफ्तों या महीनों तक हो सकती है। इसलिए सर्जरी कराने से पहले आप डॉक्टर से मिल कर सभी जोखिम और समस्याओं के बारे में जान लें। इसके अलावा आपको निम्न समस्या हो सकती हैं :
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पैराथाइरॉइडेक्टमी सर्जरी कराने से पहले आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर से मिल कर आपको अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), सप्लीमेंट, विटामिन, एलर्जी और हेल्थ कंडीशन के बारे में बात करनी चाहिए। वहीं, अपने एनेस्थेटिस्ट से भी मिल कर सर्जरी के दौरान बेहोश या सुन्न करने की प्रक्रिया के बारे बात कर लें। इसके अलावा आप अपने ये भी पूछ लें कि सर्जरी से कितने घंटे पहले से खाना पीना बंद करना है। परिवार के लोगों को भी आप डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में बता दें। ज्यादातर मामलों में सर्जरी कराने से छह घंटे पहले से कुछ भी नहीं खाना होता है।
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पैराथाइरॉइडेक्टमी की प्रक्रिया से पहले आपका परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण आपके सर्जन को सर्जरी के दौरान आपकी पैराथायरॉयड ग्रंथियों को खोजने में मदद करेगा। इसके परीक्षण करने के लिए आपको सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड के विकल्प हो सकते हैं।
आपकी सर्जरी से पहले एक एनेस्थीसियोलॉजिस्ट आपके साथ आपके मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछताछ करेगा और तय करेगा कि आपके लिए किस प्रकार के एनेस्थीसिया का उपयोग करना है। दरअसल, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट एक डॉक्टर होता है, जो आपको सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया देता है, जिससे सर्जरी के दौरान आपको दर्द का एहसास न हो।
पैराथाइरॉइडेक्टमी करने में लगभग एक घंटे लगते हैं। जैसा कि, आपको बताया गया है कि, पैराथाइरॉइडेक्टमी सर्जरी करने से पहले आपको एनेस्थेटिस्ट जनरल एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया जाता है। इसके बाद सर्जन सर्जरी के लिए गले पर एक चीरा लगाते हैं। जिसके बाद पैराथाइरॉइड ग्रंथि के बढ़े हुए हिस्से को काट कर निकाल देते हैं। इसके बाद चीरा लगे हुए स्थान पर टांका लगाया जाता है।
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आप पैराथाइरॉइडेक्टमी के बाद निम्न चीजों का सेवन करें :
फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें:
वजन को मेंटेन रखने के लिए जितना हो सकें फाइबर से समृद्ध भोजन का सेवन करें। कम वसा वाले आहार को डायट में शामिल करें। क्योंकि वजन बढ़ने से आपके थाइरॉयड की समस्या भी बढ़ सकती है।
कॉपर और आयरन युक्त आहार को करें डायट में शामिल:
कॉपर और आयरन युक्त चीजों को डायट में शामिल करें। कॉपर के लिए आप काजू, बादाम और सूरजमुखी के बीजों का सेवन करें। आयरन के लिए पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
विटामिन और मिनरल्स:
विटामिन और मिलरल्स से भरपूर चीजों का सेवन करें। इससे अनियमित पीरिड्स में फायदा होता है। इसके लिए आप टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, पनीर, लहसुन, मशरूम आदि को डायट का हिस्सा बनाएं।
इसके अलावा आप पैराथाइरॉइडेक्टमी के बाद निम्न चीजों से परहेज करने की कोशिश करें :
कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें:
कैफीन हमारे शरीर में सीधे थायरॉइड को तो नहीं बढ़ाता, लेकिन यह थायरॉइड के कारण होने वाली समस्याओं को बढ़ाता है। इससे अनिद्रा और बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वनस्पति घी:
जो लोग थायरॉइड के कारण बढ़ते वजन से परेशान हैं उन्हें वनस्पति घी को नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह गुड कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है। इससे थायरॉइड के कारण हो रही समस्याएं और अधिक हो जाती हैं। इसलिए यदी आप बाहर फ्राइड खाना खाते हैं तो ध्यान रखें ज्यादातर जगहों पर इसी घी का इस्तेमाल किया जाता है।
एल्कोहॉल से करे परहेज:
थायरॉइड से ग्रसित लोगों को नींद न आने और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा रहता है। एल्कोहॉल का सेवन करने से इन दोनों परेशानियों के होने की संभावना पहले से ज्यादा हो जाती है।
इन चीजों से भी करें परहेज:
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
डिस्क्लेमर
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