परिभाषा
एमोनोरिया (Amenorrhea) क्या है?
एमेनोरिया महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी एक समस्या है, जिसे बीमारी तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह किसी बीमारी के कारण हो सकता है, इसलिए कारणों का पता लगाकर निदान करना जरूरी है। यदि बिना प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के किसी महिला को लगातार 3 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो यह एमेनोरिया के कारण हो सकता है। एमेनोरिया का इन्फर्टिलिटी से भी कोई लेना-देना नहीं है और यह न ही कोई बीमारी है, बल्कि किसी बीमारी का कारण हो सकता है।
एमेनोरिया (Amenorrhea) के प्रकार
एमेनोरिया दो प्रकार का होता है, प्राइमरी और सेकंडरी एमेनोरिया।
प्राइमरी एमेनोरिया- इसका मतलब है कि प्यूबर्टी के दौरान यानी 15-16 साल की उम्र तक पीरियड शुरू नहीं हुआ है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, यदि 16 साल की उम्र तक पीरियड्स शुरू नहीं होने पर डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। हालांकि प्राइमरी एमेनोरिया दुर्लभ होता है।
सेकंडरी एमेनोरिया- यह तब होता है जब नॉर्मल पीरियड साइकिल शुरू होने के बाद बीच में लगातार 3 महीने तक मासिक धर्म न आए। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह सामान्य है, लेकिन यह इस बात का भी संकेत देती है कि कुछ स्वास्थ्य समस्या है।
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कारण
एमेनोरिया (Amenorrhea) के कारण क्या है?
कई मामलों में डॉक्टर प्राइमरी एमेनोरिया के कारणों का पता नहीं लगा पाते हैं। हालांकि इसे संभावित कारणों में शामिल है-
- ओवरी के साथ समस्या
- सेंट्रल नर्वस सिस्टम (ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड) या प्यूबर्टी ग्लैंड के साथ समस्या
- प्रजनन अंगों के साथ समस्या
- लेट पीरियड की फैमिली हिस्ट्री, हालांकि कई बार यह अनुवांशिक समस्या के कारण होता है
प्यूबर्टी थायरॉयड ग्लैंड के साथ समस्या के कारण सेकंडरी एमेनोरिया होता है। यह ग्लैंड पीरियड्स के लिए ज़रूरी हार्मोन का निर्माण करते है।
सेकंडरी एमेनोरिया के कारणों में शामिल हैः
- मोटापा
- बहुत अधिक वजन कम करना
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
- बहुत अधिक एक्सरसाइज
- ओवेरियन कैंसर
- कुपोषण
- एनोरेक्सिया नर्वोसा
- थायरॉय ग्लैंड में समस्या
- किसी खास तरह की दवा का सेवन
- यूटरस और ओवरी निकाल देना
- हार्मोन का असंतुलन
- तनाव या डिप्रेशन
इसके अलावा बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना, बंद करना या इसमें बदलाव का भी पीरियड्स साइकल पर असर होता है।
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लक्षण
एमेनोरिया के लक्षण क्या (Amenorrhea symptoms) है?
इसका मुख्य लक्षण है मासिक धर्म न आना। एमेनोरिया के कारणों के आधार पर आपको अन्य लक्षण महसूस हो सकते है जैसेः
- बाल झड़ना
- दृष्टि में बदलाव
- चेहरे पर अधिक बाल आना
- निप्पल से दूध जैसा डिस्चार्ज
- सिरदर्द
- पेल्विक में दर्द
- मुंहासे
- प्राइमर एमेनोरिया में ब्रेस्ट का डेवलपमेंट कम होना।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
यदि लगातार 3 महीने तक आपके पीरियड मिस होते हैं, या आपको 15 साल की उम्र तक पीरियड्स न आया हो, तो डॉक्टर से परामर्श की जरूरत है।
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निदान
एमेनोरिया का निदान क्या है?
एमेनोरिया के टेस्ट से पहले डॉक्टर आपसे कई तरह के सवाल पूछेगा जैसे-
- आपको किस उम्र में पीरियड्स हुए थे
- प्रेग्नेंसी की संभावना
- क्या वजन कम हुआ है या बढ़ा है या आप किस तरह की एक्सरसाइज करते हैं
- आपका पीरियड्स कितने दिनों तक रहता है और ब्लीडिंग कम या अधिक कैसी होती है
एमेनोरिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि किसी बीमारी का लक्षण है। इसलिए डॉक्टर पीरियड्स न आने की वजहों को तलाशने की कोशिश करता है। इसके लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करता हैः
लैब टेस्ट- इसमें कई तरह के ब्लड टेस्ट किए जाते हैं जिसमें शामिल है-
प्रेग्नेंसी टेस्ट, थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, ओवरी फंक्शन टेस्ट, प्रोलैक्टिन टेस्ट, मेल हार्मोन टेस्ट आदि। पीरियड्स मिस होने पर सबसे पहले डॉक्टर प्रेग्नेंसी टेस्ट ही करता है। यह निगेटिव होने पर अन्य टेस्ट किए जाते हैं।
हार्मोन चैलेंज टेस्ट- इस टेस्ट के लिए आपको 7 से 10 दिनों तक हार्मोन्स की गोलियां दी जाती है जिससे पीरियड्स आ जाए। इस टेस्ट से पता चलता है कि पीरियड्स न आने के कारण कहीं एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी तो नहीं है।
इमेजिंग टेस्ट- ब्लड टेस्ट और हार्मोन टेस्ट के बाद एमेनोरिया के लक्षणों के आधार पर इमेजिंग टेस्ट की सलाह दे सकता है, जिसमें शामिल है, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, MRI, स्कूप टेस्ट आदि।
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उपचार
एमेनोरिया का उपचार क्या है?
प्राइमरी एमेनोरिया
एमेनोरिया का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है। प्राइमरी एमेनोरिया के व्यक्ति की उम्र और ओवरी फंक्शन टेस्ट के नतीजों के आधार पर वॉचफुल वेटिंग की जाती है। यदि परिवार की अन्य महिलाओं को भी लेट पीरियड शुरू हुए हैं तो आपको भी लेट पीरियड आएंगे। यदि कोई जेनेटिक या शारीरिक समस्या है जिसमें प्रजनन अंग की समस्या शामलि है तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि सामान्य पीरियड्स कैसे होंगे।
सेकंडरी एमेनोरिया
इसका उपचार इसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है-
- यदि इमोशनल या मेंटल स्ट्रेस के कारण समस्या है, तो काउंसलिंग से मदद मिलेगी।
- बहुत अधिक वजन कम होना, यह कई कारणों से हो सकता है। ऐसे में महिला को प्रोफेशनल वेट गेन प्रोग्राम या डॉक्टर की मदद लेने की जरुरत है।
- यदि कोई महिला बहुत अधिक एक्सरसाइज करती है, तो एक्सरसाइज प्लान में बदलाव या डायट में बदलाव से मदद मिल सकती है।
- मेनोपॉज 50 की उम्र के आसपास शुरू होता है, हालांकि यह 40 की उम्र में भी हो सकता है। मेनोपॉज के जल्दी या देर से आने का कारण फैमिली हिस्ट्री भी हो सकती है। इसलिए इसका उपचार मेनोपॉज के कारण पर निर्भर करता है।
- यदि पॉलिसिस्टिक ओवर सिंड्रोम की समस्या है तो डॉक्टर उचित उपचार बताएगा और यदि इसकी वजह से वजन बढ गया है तो उसे कम करने की भी सलाह देगा।
- प्रीमेच्योर ओवरी फेलियर होने पर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से पीरियड दोबारा शुरू हो जाता है।
- यदि अंडरएक्टिव थायरॉयड के कारण मासिक धर्म बंद हुआ है तो डॉक्टर थायरॉक्सिन (थायरॉयड हार्मोन) के साथ उचित उपचार करेगा।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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