पहली बार जब मैं ममता से मिली थी तो वह मुझे एक हंसमुख, साफ दिल वाली सीधी-सादी लड़की लगी। जब हमारी बातचीत और दोस्ती बड़ी तो मुझे पता चला कि उसकी शादी को उतने ही साल हुए हैं जितनी मेरी शादी को और हम दोनों की उम्र भी एक ही है। एक तहफ मैं जहां फैमिली प्लानिंग में लगी हुई थी वहीं उसने मुझे अपनी पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का फैसले के बारे में बताया। यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं थी, लेकिन इतने करीब से पहली बार किसी को ऐसा फैसला लेते हुए और उस पर अमल करते हुए देखा था।
आज के समय में कई पेरेंट्स पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का फैसला ले रहे हैं। कई अपने करियर को प्राथमिकता देने की वजह से तो कई परिवार की जिम्मेदारियों या खुद की पसंद से ही बच्चे नहीं चाहते। पहले यह ट्रेंड ज्यादातर पश्चिमी देशों में देखा जाता था, लेकिन अब भारत में भी कपल्स ऐसे साहसिक कदम उठा रहे हैं। विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य पर इस आर्टिकल में हम पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने के फायदे और नुकसान के साथ ही इस विषय पर नजर डालेंगे। सबसे पहले जानते हैं कि ममता ने अपनी पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का फैसला क्यों किया?
आपने पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का फैसला क्यों लिया?
आपको सुनकर अजीब लग सकता है, लेकिन मैं और मेरे पति दोनों ही बच्चे की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। मैं अपनी लाइफ खुद और अपने पति के साथ रहते हुए बिताना चाहती हूं। मैंने शादी से पहले से ही ऐसा सोचकर रखा था। इसलिए मैं शादी के लिए जितने लड़कों से मिली उनको अपने इस डिसीजन के बारे में बताया। कई लोगों को ये अच्छा नहीं लगा और उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया, लेकिन मैंने अपना डिसीजन नहीं बदला। बाद में मुझे जॉन मिले और हमारे विचार भी। वे भी बच्चे नहीं चाहते थे। हमारी शादी को 4 साल हो चुके हैं और अपनी लाइफ में बहुत खुश हैं।
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क्या आपको अपने फैमिली और सोसायटी का सपोर्ट मिला?
पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का यह फैसले को समझना इंडियन पेरेंट्स के लिए आसान नहीं होता, लेकिन समय समय के साथ वे लोग समझने लगे। अगर बात सोसायटी की करें तो हर दिन मुझे बेबी प्लान कब कर रही हो? इसका जवाब देना पड़ता है। पहले मैं लोगों को टालती रहती थी, लेकिन अब मैंने साफ-साफ कहना शुरू कर दिया है कि हमें बेबी नहीं चाहिए और हम बेबी प्लान नहीं कर रहे हैं। मुझे लगता है कि लोगों को साफ कहने से ही वे इस बात पर गौर करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे। टालना कोई हल नहीं हो सकता। जब तक हम कहेंगे नहीं अब तक लोगों को पता कैसे चलेगा और वे समझेंगे कैसे?
मुझे लगता है कि ममता की बात सही है। किसी बात को सामने लाने पर ही लोग उसके बारे में सोचना और समझना शुरू करते हैं। एक महिला को मां बनना है या नहीं बनना यह उसकी पसंद होनी चाहिए। अगर कोई महिला समाज या परिवार के दवाब में आकर ये फैसला लेती है तो ना तो एक अच्छी मां बन सकेगी और ना ही एक अच्छी महिला।
पिव्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2007 और 2011 के बीच प्रजनन दर में नौ प्रतिशत की गिरावट के साथ, सभी जनसांख्यिकी में निःसंतानता बढ़ी है। 1970 के दशक में 10 में से एक महिला जो चाइल्ड फ्री रही, की तुलना में, आज पांच में से एक अमेरिकी महिलाओं के बच्चे नहीं हैं। हालांकि प्यू रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि इन महिलाओं के चाइल्ड फ्री होने के क्या कारण हैं? इंडिया में भी ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो अपनी पसंद से निःसंतान (Childless by choice) होने के फैसला ले रही हैं। इन फैसले के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं।
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पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने के फायदे
फैसले के दो पहलू होते हैं पॉजिटिव और निगेटिव। पहले पॉजिटिव चीजों के बारे में जान लेते हैं। जो निम्न हैं।
सेल्फ केयर (Self care) और दूसरे रिश्तों के लिए समय रहता है
पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का एक फायदा यह हो सकता है। बच्चे होने के बाद पेरेंट्स का समय उनकी देखरेख में निकल जाता है। ऐसे में कई बार वे खुद को दूसरे रिश्तों को समय नहीं दे पाते। ऐसे में चाइल्ड फ्री रहने से कपल्स खुद के लिए और दूसरे रिश्तों और सामाजिक कार्यों के लिए समय निकाल पाते हैं।
आप अपना समय करियर को दे सकते हैं
अक्सर माएं बच्चे के जम्न के बाद अपने करियर को उतना महत्व नहीं दे पाती जितना उसके पहले देती थी। उनके पास नए प्रोजेक्ट या नए अवसर को चुनने के लिए समय की भारी कमी होती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि दो बच्चों को 18 साल तक बढ़ा करने में हर दिन 8 घंटे का समय देना पड़ता है। ऐसे में एक वर्किंग वूमेन के लिए मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने के फैसला करियर के लिए अच्छा साबित हो सकता है। साथ ही वे अपने रुपयों का उपयोग खुद के लिए कर सकते हैं।
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जनसंख्या कम होगी और रिसॉर्सेज ज्यादा होंगे
यह अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है उससे ही बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे में पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का डिसीजन इस समस्या को भी हल करने में मदद कर सकता है। जो सच में पेरेंट्स बनना चाहते हैं वही पेरेंट बनें। पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने के फायदे के बाद नुकसान भी जान लीजिए।
निःसंतान (Childless by choice) रहने नुकसान
फायदे जानने के बाद निःसंतान (Childless by choice) रहने के कुछ नुकसान निम्न हैं।
दोस्तों के ग्रुप में मिसफिट होना
कपल्स को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनके ज्यादातर दोस्तों के बच्चे होगे और वे उनके बारे में ही बात करना पसंद करते हैं। ऐसा महिलाओं के साथ ज्यादा होता है। वे अक्सर अपने बच्चे के बारे में बात करती हैं। ऐसे में ग्रुप में मिसफिट होने का एहसास होना आम हैं।
वृद्धावस्था में देखभाल के लिए कोई नहीं रहता
पेरेंट्स अपने बच्चे और बच्चे अपने पेरेंट्स के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं। बिना बच्चों के फ्यूचर प्लान करना मुश्किल है। बच्चे ना रहने पर कोई भी आपकी देखभाल करने के लिए नहीं होगा।
फायदे हो या नुकसान हम यही कहना चाहेंगे कि यह एक महिला का निर्णय कि वह मां बनना चाहती है या नहीं। अगर आपके परिवार या आसपास की कोई महिला ऐसा कोई निर्णय लेती है तो उसका सम्मान करें और उसका साथ दें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको पसंद से निःसंतान (Childless by choice) विषय से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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