हाल ही में इंटरनेट पर सिक्कम राज्य ने अपने अनोखे पहल से वाहवाही बटोरी है। सिक्कम टूरिज्म ने वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए राज्य में आने वाले मेहमानों को बांस के बोतल के फायदे बताए हैं। बता दें कि भारत का सिक्कम राज्य स्वच्छता और स्वास्थ्य के मामले में देश के अन्य राज्यों से दो कदम आगे ही रहता है। वहीं, अब उसके बांस के बोतल के फायदे भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
और पढ़ें – वेंटिलेटर पर कब रखा जाता है? इसे लगाने के बाद जीवित रहने की उम्मीद कितनी रहती है?
आखिर क्यों चुनें बांस की बोतल?
जलवायु परिवर्तन के प्रति अब लोगों में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा जागरूकता फैल रही है। आए दिन प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ गया है। लगभग हर छोटी से छोटी और बड़ी वस्तुएं प्लास्टिक के रूप में आसानी से मिलती है। हालांकि, प्लास्टिक का बढ़ता इस्तेमाल पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदेह है। प्लास्टिक को डीकंपोज होने में लगभग 1000 साल से भी ज्यादा का समय लगता है, जबकि बांस पूरी तरह से कुदरती तत्व है। जिसे डीकंपोज होने में 3 दिन का ही समय काफी होता है।
आमतौर पर पीने के पानी के बोतल के तौर पर प्लास्टिक का इस्तेमाल सबसे अधिक हो रहा है। प्लास्टिक के पानी के बोतल काफी सस्ते होते हैं जो यूज एंड थ्रो जैसी छवि का होता है। लोग इनका इस्तेमाल एक या दो बार करके इन्हें फेंक देते हैं और दोबारा बड़ी ही आसानी से और बहुत ही कम कीमत पर इसे कहीं से भी खरीद सकते हैं।
लोग इनका इस्तेमाल अधिक समय या अधिक बार नहीं कर सकते हैं क्योंकि, ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं। वहीं, बांस से बने बोतल का इस्तेमाल करना पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी पूरी तरह से लाभकारी है। साथ ही, बांस रिन्यूएबल रिसोर्स है, इसका उत्पादन नियमित रूप से प्राकृतिक तौर पर किया जा सकता है। यह एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और प्लास्टिक की तुलना में बायोडीग्रेडेबल भी है।
जानिए बांस की बोतल में पानी पीने के फायदे
बांस की बोतल में पानी पीने के फायदे कई हैं, जिनके बारे में नीचे बता रहे हैं –
1.लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए सुरक्षित
प्लास्टिक के पानी के बोतल का इस्तेमाल जहां कुछ ही समय तक के लिए करना स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है, वहीं, बांस से बने बोतल का इस्तेमाल सालों-साल तक किया जा सकता है। जो स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं। इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं। बांस की बोतल बांस के पेड़ से बनाया जाता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
एक बांस की फसल को तैयार होने में तीन से चार साल का समय लगता है। तैयार हुए बांस से बनाए गए उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और उनका इस्तेमाल लंबे समय तक के लिए किया जा सकता है। बांस भी बहुत मजबूत, चिकना और सुंदर होता है। बांस में स्टील की कई मिश्र धातुओं की तुलना में उच्च ताकत होती है। यानी आपको सिर्फ एक बार पैसा खर्च करना है, सालों-साल तक बिना किसी टेंशन के बांस की पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
और पढ़ें – किन कारणों से हो सकती है खुजली की समस्या? जानिए क्या हैं इसे दूर करने के घरेलू उपाय
2.रिसाइकल्ड ग्लास
बांस की बोतल बनाने के लिए 51 फीसदी रिसाइकल्ड ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है और जरूरत न होने पर इसे 100 फीसदी तक रिसाइकल किया जा सकता है। बांस से बने बोतल में इस्तेमाल होने वाला ग्लास लेड फ्री होता है। जहां, प्लास्टिक और मेटल धातुओं के बने पानी के बोतल से एक तरह के रसायन का रिसाव होता रहता है, वहीं बांस से बने बोतल इस तरह के किसी भी रसायन का रिसाव नहीं होता है।
और पढ़ें – मच्छरों के काटने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां, बचाव के लिए जानें एक्सपर्ट की राय
3.विटामिन्स और अन्य तत्वों से है भरपूर
बांस की बोतल में पानी पीने से शरीर को कई पोषक तत्व भी मिल सकते हैं। बांस में विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन), पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक, विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेवन), ट्रिप्टोमर, प्रोटीन, आइसोल्युसिन और आयरन की मात्रा पाई जाती है। तो, अगर बांस के बोतल में पीने का पानी रखा जाए, तो उसे ये सभी गुण पानी के जरिए हमारे शरीर को मिल सकते हैं।
और पढ़ें – गर्भनिरोधक दवा से शिशु को हो सकती है सांस की परेशानी, और भी हैं नुकसान
4.फर्टीलाइजर मुक्त होता है
बांस की फसल बिना किसी फर्टीलाइजर के ही की जा सकती है। इस तरह बांस का पौधा केमिकल फ्री होता है। जिससे बने सभी तरह के उत्पाद भी केमिकल फ्री होते हैं। बांस से बने बोतल के अलावा बांस के अलग-अलग बर्तनों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
और पढ़ें – Saif Ali Khan Birthday: जानें 50 की उम्र में सैफअली खान खुद को कैसे रखते हैं फिट
5.एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल होता है
बांस के पौधे में प्राकृतिक रूप से एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल के गुण होते हैं। अगर बांस से बने बोतल में पीने में पानी रखा जाए, तो यह त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। बांस में एंटीऑक्सिडेंट तत्वों की भरपूर मात्रा त्वचा की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचा सकती हैं।
और पढ़ें – सुनिधि चौहान की तरह सुरीली और हेल्दी वॉयस पानी है तो अपनाएं ये टिप्स
6.कोलेजन के गुण बना सकता है यंग
बांस की बोतल में रखे पानी का इस्तेमाल करने से शरीर में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है, जो स्किन के साथ-साथ और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायी हो सकता है। बांस में सिलिका की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिस वजह से यह शरीर में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है।
और पढ़ें – प्रति मिनट 6.5 लीटर हवा खींचते हैं हम, जानें सांसों (breathing) के बारे में ऐसे ही मजेदार फैक्ट्स
बांस के बोतल के साथ-साथ बांस के कोयले के भी हैं फायदे
पीने के पानी से माइक्रोसिस्टिन-एलआर (Microcystin-lr) (माइक्रोकिस्टिन-एलआर एक टॉक्सिस है जो साइनाबैक्टीरिया द्वारा निर्मित होता है। यह माइक्रोकिस्टिन का सबसे जहरीला रूप होता है जिसको हटाने के लिए बांस की लकड़ी के कोयले का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बांस के कोयले में एक तरह का एक सिंथैटिक एडसरबेंट होता है, जो पानी के दूषित तत्वों को आसानी से सोख सकता है। पानी साफ करने के अन्य पादार्थों के मुकाबले यह काफी सस्ता भी होता है।
नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलॉजी इंफोर्मोनेंश (NCBI) के किए गए अध्ययन के मुताबिक, बांस के प्राप्त किए गए पदार्थ से काइटोसन के समान सिंथेट्रिक एडेंट की एक नई किस्म विकसित की गई। जब बांस की लकड़ी के कोयले की मात्रा में वृद्धि की गई थी, तो सिंथैटिक एडसरबेंट की गुणवत्ता उसमें अधिक पाई गई।
इस अध्ययन के दौरान पानी के दूषित तत्वों को साफ करने के लिए काइटोसन और बांस के कोयले का इस्तेमाल किया गया।
और पढ़ें – पीलिया के घरेलू उपाय कौन से हैं? पीलिया होने पर क्या करें, क्या न करें
जिसमें बांस के कोयले की गुणवत्ता भी काइटोसन के समान ही पाई गई। इस अध्ययन से पता चला है कि काइटोसन के साथ संशोधित बांस का कोयला पीने के पानी से प्रभावी रूप से माइक्रोसिस्टिन-एलआर को हटा सकता है।
इन सब गुणों के अलावा बांस के पौधे में लेक्टोन्स, पॉलीफिनोल्स, ग्लाइकोसाइट्स जैसे फ्लेवेनॉइड्स भी पाए जाते हैं, जो सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे मौसमी स्वास्थ्य स्थितियों से शरीर का बचाव कर सकते हैं।
[embed-health-tool-bmr]