ड्रिंक को अलग स्वाद देने के साथ ही इसका इस्तेमाल इसकी एरोमा को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। लेकिन, इन्हें सिर्फ कॉकटेल्स (Cocktails) में फ्लेवर के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कॉकटेल में इसकी रिच स्मेल के लिए आप इसकी केवल कुछ ड्रॉप्स का ही इस्तेमाल करें। इसका इस्तेमाल केवल कॉकटेल्स में ही नहीं किया जाता। इससे किसी भी स्वीट या नमकीन फूड का टेस्ट और एरोमा को बढ़ाया जा सकता है। अब जानिए क्या हैं इसके प्रकार?
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बिटर्स (Bitters) के प्रकार
हालांकि, कॉकटेल बिटर्स (Bitters) का स्वाद बहुत स्ट्रांग हो सकता है लेकिन फिर भी कई ऐसे फ्लेवर्स हैं जो आपके पेय को एक नए लेवल तक ले जा सकते हैं। सामान्य प्रकार के कुछ बिटर इस प्रकार हैं, जिन्हें उपयोग की जाने वाली सामग्री के आधार पर डिफ्रेंशियेट किया जा सकता है।
- ऑरेंज / साइट्रस बिटर्स (Orange/Citrus Bitters): ऑरेंज बिटर्स (Orange Bitters) को संतरे के छिलकों, इलाइची, धनिया, चीनी,जीरा आदि से बनाया जाता है। इस प्रकार के कॉकटेल बिटर्स संतरे के छिलके और एल्कोहॉल (Alcohol) के कॉम्बिनेशन से कड़वे और मीठे स्वाद के साथ पारंपरिक मुरब्बा की खुशबू देते हैं।
- एरोमेटिक बिटर्स (Aromatic Bitters): इसके नाम के अनुसार एरोमेटिक बिटर्स (Aromatic Bitters) बॉटनिकल इंग्रीडिएंट्स से बने होते हैं। जिन्हें क्रश और मिक्स कर के बनाया जाता है। एरोमेटिक बिटर्स के उदाहरणों में पुदीना, दालचीनी, लेमनग्रास, लैवेंडर आदि शामिल है।
- नट बिटर्स (Nut Bitters): नट बिटर्स (Nut bitters) मार्केट में नया है जिसका इस्तेमाल बार में एक्सपेरिमेंटल के रूप में किया जाता है। नट फ्लेवर्ड बिटर्स (Bitters) को कॉफी और चॉकलेट्स से बनाया जाता है।
- डायजेस्टिव बिटर्स (Digestive Bitters): प्लांट्स और हर्ब्स जैसे गोल्डनसील (Goldenseal), ब्रुडोक, एंजेलिका (Angelica), डायजेस्टिव जूस, बायल और एंजाइम को स्टिमुलेट कर के फूड को नेचुरली और आसानी से ब्रेक-डाउन कर सकते हैं।
- कॉकटेल बिटर्स (Cocktail Bitters): आजकल बिटर्स (Bitters) में फ्लेवर कॉकटेल्स का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसका टेस्ट स्ट्रांग होता है, यह किसी भी पेय के स्वीट और सावर टेस्ट को बैलेंस कर सकता है। ड्रिंक्स में इन्हें ड्रॉप्स में डाला जाता है।