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फूड डायरी के क्या हैं फायदे और पाएं इसके बारे में कुछ खास टिप्स!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/05/2022

    फूड डायरी के क्या हैं फायदे और पाएं इसके बारे में कुछ खास टिप्स!

    अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, डायट को इम्प्रूव करना चाहते हैं या अपनी ईटिंग हैबिट्स को थोड़ा बेहतर बनाना चाहते हैं, तो फूड डायरी (Food diary) बनाना और उसे मैंटेन करना आपके लिए फायदेमंद है। इससे आपको यह जानने में भी मदद मिलेगी कि कौन से फूड्स आपमें नेगेटिव सिम्पटम्स का कारण बन सकते हैं। अगर आपको इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome) और एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) जैसी समस्याएं हैं, तो यह आपके लिए खासतौर पर लाभदायक है। संक्षेप में कहा जाए, तो फूड डायरी (Food diary) से आप जो भी आप खाते हैं उसे ट्रैक करने में मदद मिल सकती है। आप जो भी खाते है, उसे लिखना आपके लिए शुरू में थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन बाद में यह आसान हो जाएगा। आइए जानें फूड डायरी के बारे में विस्तार से। सबसे पहले जानते हैं कि फूड डायरी (Food diary) किसे कहा जाता है?

    फूड डायरी (Food diary) किसे कहा जाता है?

    फूड डायरी (Food diary) या फूड जर्नल वो टूल है जिसका इस्तेमाल हम पूरे दिन में जो खाते या पीते हैं, उसे ट्रैक करने के लिए किया जाता है। इससे आप इन चीजों को ट्रैक कर सकते हैं:

    • आपके कितनी मात्रा में किस चीज को कंज्यूम किया है
    • खाने का समय और लोकेशन
    • किस फूड को आपके किस अन्य चीज के साथ खाया है
    • हर आहार और स्नेक से पहले, बाद में दौरान आपको कैसा महसूस हुआ

    किन्हीं कंडिशंस में फूड डायरी (Food diary) या जर्नल को मेंटेन करने की सलाह डॉक्टर या डायटीशियन भी दे सकते हैं। ताकि, वो आपकी ईटिंग हैबिट्स के बारे में अच्छे से जान पाएं। इससे उन्हें इस बात का भी पता चलता है कि किस आहार या चीज का सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। कई लोग फूड डायरी (Food diary) को कुछ दिनों या हफ्तों तक मेंटेन रखते हैं। जबकि, कुछ इससे अधिक समय तक इसे बना सकते हैं। अब जानते हैं कि फूड जर्नल के फायदे क्या हैं?

    फूड डायरी, Food Diary

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    फूड डायरी (Food diary) के क्या हैं फायदे?

    इसमें कोई संदेह नहीं कि फूड डायरी (Food diary) बनाने से आप इस बात का ट्रैक रख सकते हैं कि आपने पूरे दिन में क्या खाया है। इसके अलावा भी इसके अन्य कई लाभ हैं, जैसे:

    हेल्दी हैबिट्स (Healthy habits) में मदद मिलती है

    अपने फूड और ड्रिंक्स इंटेक को ट्रेस करने से ईटिंग हैबिट्स के बारे में आपको जानकारी मिल सकती है। इससे आप यह जान पाएंगे कि आपके लिए अनहेल्दी हैबिट्स कौन सी हैं और आप उन्हें हेल्दी से रिप्लेस कर सकते हैं। इसके साथ ही अपने रोज के मील चॉइसेस को लेकर भी आप अधिक जागरूक होंगे। यही नहीं, नोट करने से आप अपनी न्यूटरिशियस चॉइसेस के बारे में भी अधिक जान पाएंगे

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    वजन कंट्रोल में रहेगा (Control weight)

    अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो फूड डायरी (Food diary) फूड इंटेक को मॉनिटर करने का एक अच्छा ऑप्शन है। आप इस से जान पाएंगे कि आप कितनी मात्रा में खा रहे हैं। यह इस बारे में विवरण प्रदान कर सकता है कि कौन से खाद्य पदार्थ, फीलिंग्स या अन्य एक्सटर्नल फैक्टर्स आपको हाय फैट्स, शुगर या कैलोरी युक्त आहार को कयूम करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो भी यह एक बेहतरीन टूल है। इस का उपयोग करने से आपको यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि आप कितना खा रहे हैं। अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो इससे आपको उसमें भी मदद मिल सकती है।

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    फूड सेंसिटिविटीज (Food sensitivity) को पहचानें

    फूड डायरी (Food diary) या फूड जर्नल बनाने से आप फूड सेंसिटिविटी को भी आयडेंटिफाय कर सकते हैं। जैसे अगर आपको इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) की समस्या ,है तो कुछ खास फूड्स डायजेस्टिव इशूज जैसे स्टमक पेन, गैस, ब्लोटिंग या डायरिया को ट्रिगर कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य कंडिशंस जैसे फूड एलर्जी, एसिड रिफ्लक्स और नॉन-सेलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी आदि कुछ फूड्स या ड्रिंक्स से बदतर हो सकती है। अब जानते हैं कि फूड डायरी (Food diary) मेंटेन रखते हुए किन चीजों का रखना चाहिए ख्याल?

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    फूड डायरी (Food diary) मैंटेन करने के लिए पाएं कुछ टिप्स

    हालांकि, फूड डायरी या फूड जर्नल मैंटेन करना न तो मुश्किल है और न ही टाइम कंज्यूमिंग है। लेकिन, शुरुआत में इसे मैंटेन करने में आपको थोड़ी समस्या हो सकती है। इसे मेंटेन रखते हुए आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए:

    इसमें सब कुछ नोट करें

    चाहे बात फुल मील की हो या स्नैक की या किसी ड्रिंक की। अपनी फूड डायरी (Food diary) में आपको सब कुछ नोट करना है। अगर आपको किसी चीज से एलर्जी हो रही है, तो यह बेहद जरूरी है। कुछ खास फूड्स की छोटी सी मात्रा से भी आपके लक्षण प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह से पूरे दिन की स्नैकिंग से आपकी कैलोरीज, कार्ब्स और शुगर में भी बदलाव आ सकता है। अगर आप वजन कम कर रहे हैं या कैलोरीज को मॉनिटर कर रहे हैं, तो इसे कंसीडर करना बेहद जरूरी है।

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    स्पेसिफिक रहें

    अगर आप फूड इंटेक को ट्रैक कर रहे हैं, तो जितना हो सके स्पेसिफिक रहें और अधिक से अधिक डिटेल्स को नोट करें। इसमें फूड के इंग्रीडिएंट्स, मसाले और सीजनिंग आदि को नोट करना न भूलें। इसके साथ ही पोरशन साइज को भी नोट करें।

    एप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं

    स्मार्टफोन फूड जर्नल ऍप्स, पेन और पेपर के इस्तेमाल से नोट करने की जगह  बेहतरीन विकल्प है। इन ऍप्स में फूड्स और ड्रिंक्स के एक्सटेंसिव लाइब्रेरी भी होती है और इसके साथ ही न्यूट्रिशनल कंटेंट और इंग्रीडिएंट्स की पूरी जानकारी होती है। इससे आपका समय भी बच जाएगा। यानी, अगर आप चाहें तो एप में भी अपनी फूड डायरी (Food diary) को मैंटेन रख सकते हैं।

    फूड डायरी, Food Diary

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    अपने मूड भी मॉनिटर करें

    हालांकि, फूड डायरी (Food diary) को मेंटेन रखते हुए केवल अपने खाने या पीने का ही ध्यान न रखें। बल्कि, दिन में आपका मूड चेंज कैसे होता है, इसे भी ट्रैक करें। वास्तव में, कुछ खाद्य पदार्थ खाने से पहले या बाद में आप कैसा महसूस करते हैं, इसकी पहचान करने से पैटर्न की पहचान करना और यह समझना आसान हो जाता है कि आपका आहार आपके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहा है। विशेष रूप से, स्टडीज से यह पता चलता है कि डिप्रेशन, एंग्जायटी और तनाव जैसी नकारात्मक भावनाएं आपकी ईटिंग हैबिट्स को प्रभावित कर सकती हैं और हो सकता है कि इनके कारण आप अधिक खाएं। अगर आप अपनी मानसिक स्थिति में कुछ बदलाव नोटिस करते हैं तो ऐसे में फूड डायरी (Food diary) में इसे भी अवश्य नोट करें।

    फूड डायरी (Food diary) को मेंटेन रखते हुए आपको ध्यान रखें कि इसमें आप सब कुछ सच लिखें। क्योंकि, चीटिंग करने से आपको कोई फायदा नहीं होगा। इस फूड डायरी को अपने डॉक्टर के साथ शेयर करें। वो इसे रिव्यु करेंगे और इससे उन्हें हेल्दी लाइफस्टाइल को प्लान करने में मदद मिलेगी।

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    यह तो थी फूड डायरी (Food diary) के बारे में जानकारी। आप यह जान ही गए होंगे कि फूड डायरी (Food diary) का इस्तेमाल पूरे दिन में खाने और पीने को ट्रैक करने में इस्तेमाल किया जाता है। आपको यह सब नोट करना है कि आपको क्या और कब खाना है। इसके साथ ही इसमें यह भी लिखें कि हर मील के पहले, दौरान और बाद में आपको कैसा महसूस होता है। उससे आपको हेल्दी हैबिट्स अपनाने, फूड सेंसिटिविटीज को पहचानने और वजन को सही रखने में मदद मिलेगी। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर कमेंट कर के पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट से इसका उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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