अधिकांश खाद्य पदार्थों में विभिन्न प्रकार के फैट का मिश्रण होता है। उदाहरण के लिए, कैनोला तेल (canola oil) में कुछ सैचुरेटेड फैट होता है लेकिन ज्यादातर मोनोअनसैचुरेटेड वसा होता है। इसके विपरीत, मक्खन में कुछ अनसैचुरेटेड फैट होता है लेकिन ज्यादातर सैचुरेटेड फैट होता है। सैचुरेटेड फैट कमरे के तापमान पर ठोस होता है। यह फैट मक्खन, लार्ड, फुल फैट मिल्क और दही, पूर्ण वसा वाले पनीर और हाय फैट मीट में पाया जाता है। जबकि अनसैचुरेटेड फैट कमरे के तापमान पर तरल हो जाता है। यह वनस्पति तेलों, मछली और नट्स में पाया जाता है।
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खाने में शामिल करें ये फूड्स
कार्डियोवैस्कुल बीमारी में डायटरी फैट्स में क्या अपनाना चाहिए और क्या नहीं, ये प्रश्न आपके मन में आ सकता है। अधिकांश खाद्य पदार्थों में विभिन्न प्रकार के फैट का मिश्रण होता है। उदाहरण के लिए, कैनोला तेल (canola oil) में कुछ सैचुरेटेड फैट होता है लेकिन ज्यादातर मोनोअनसैचुरेटेड वसा होता है। इसके विपरीत, मक्खन में कुछ अनसैचुरेटेड फैट होता है लेकिन ज्यादातर सैचुरेटेड फैट होता है। सैचुरेटेड फैट कमरे के तापमान पर ठोस होता है। यह फैट मक्खन, लार्ड, फुल फैट मिल्क और दही, पूर्ण वसा वाले पनीर और हाय फैट मीट में पाया जाता है। जबकि अनसैचुरेटेड फैट कमरे के तापमान पर तरल हो जाता है। यह वनस्पति तेलों, मछली और नट्स में पाया जाता है।
जैसा कि आपको पहले ही बताया कि आपको हेल्दी फैट को खाने में शामिल करना चाहिए। आहार में अनहेल्दी फैट्स को हटाएं और मक्खन की जगह तेल का इस्तेमाल करें। आप मक्खन के बजाय जैतून के तेल से डीप फ्राय कर सकते हैं और खाना पकाते समय कैनोला तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सप्ताह में कम से कम दो बार मीट के बजाय ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर मछली सैल्मन (salmon) का सेवन कर सकते हैं। प्रोसेस्ड फूड्स (Processed foods) की मात्रा को कम करें क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट होता है। आप भूख लगने पर वेजीटेबल्स और फ्रूट्स को बेहतर विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। कार्डियोवैस्कुल बीमारी में डायटरी फैट्स में क्या चुनना है, डॉक्टर से पूछें।
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स्टडी में ये बात सामने आई कि हार्ट संबंधी डिजीज के खतरे को कम करने के लिए संतृप्त वसा को पॉलीअनसेचुरेटेड या मोनोअनसैचुरेटेड वसा से बदल सकते हैं।
सैचुरेटेड फैट को कार्बोहायड्रेट जैसे कि रिफाइंड ग्रेंस या एडेड शुगर से रिप्लेस करके हार्ट संबंधी रिस्क को कम नहीं किया जा सकता है। जब सैचुरेटेड फैट को कार्बोहायड्रेट जैसे कि साबुत अनाज से रिप्लेस किया जाता है, तो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) के खतरे को कम किया जा सकता है।