ब्लड प्रेशर कम करने वाली थेरेपी से ग्रेड 1 हायपरटेंशन वाले रोगियों में स्ट्रोक और मृत्यु को रोकने की संभावना है। ब्लड प्रेशर को कम करने वाली अधिकांश दवाएं तीन क्लासेज में से एक में आती हैं जो इस प्रकार हैं एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin-converting enzyme inhibitors), कैल्शियम-चैनल ब्लॉकर्स (Calcium-channel blockers), या डाययूरेटिक्स (Diuretics)। ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए यह तीन प्रकार की दवाएं अलग-अलग काम करती हैं। स्टडीज में यह भी पाया गया कि रोगी का अपने ब्लड प्रेशर को कम करना, वो किस दवा का उपयोग करता है, इससे अधिक महत्वपूर्ण है। अब जान लेते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
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माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) के लक्षण क्या हैं?
अधिकतर लोग माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) या हायपरटेंशन की स्थिति में कोई भी लक्षण का अनुभव नहीं करते हैं। लेकिन, कुछ लोग इस स्थिति में सिरदर्द, सांस लेने में समस्या, नोजब्लीड का अनुभव कर सकते हैं। ऐसे में रोगी के लिए नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराना जरूरी है। इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- उम्र (Age)
- फैमिली हिस्ट्री (Family history)
- वजन का अधिक होना या मोटापा (Being overweight or obese)
- फिजिकली एक्टिव न होना (Not being physically active)
- तम्बाकू का इस्तेमाल (Using tobacco)
- डायट में नमक का अधिक इस्तेमाल (Too much salt in your diet.)
- अधिक एल्कोहॉल का सेवन (Drinking too much alcohol)
- स्ट्रेस (Stress)
- कोई खास क्रॉनिक कंडिशंस (Certain chronic conditions)
हालांकि, हाय ब्लड प्रेशर या माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) वयस्कों में सामान्य है। लेकिन, बच्चों को भी इसका रिस्क रहता है। अनहेल्दी डायट और एक्सरसाइज न करने में हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। अब जानते हैं कि घर पर ब्लड प्रेशर कैसे चेक करें?