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माइल्ड हायपरटेंशन में इन छोटी चीजों का रखें ख्याल, ताकि बचा जा सके बड़ी कॉम्प्लीकेशन्स से!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/05/2022

    माइल्ड हायपरटेंशन में इन छोटी चीजों का रखें ख्याल, ताकि बचा जा सके बड़ी कॉम्प्लीकेशन्स से!

    हाय ब्लड प्रेशर को हायपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है जो एक सामान्य कंडिशन है। इस कंडिशन में आर्टरी वॉल्स के अगेंस्ट ब्लड की लॉन्ग`-टर्म फाॅर्स इतनी अधिक होती है कि वो हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकती है जैसे हार्ट डिजीज। हाय ब्लड प्रेशर को बेहद गंभीर समस्या माना जाता है। लेकिन, ड्रग ट्रीटमेंट से इस समस्या से जुड़े रिस्क्स को कम किया जा सकता है, चाहे ब्लड प्रेशर थोड़ा सा ही हाय क्यों न हो। हाल ही में हुई स्टडी के अनुसार अगर आपको माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) या स्टेज 1 हायपरटेंशन (Stage 1 Hypertension) है, तो ट्रीटमेंट से मृत्यु का जोखिम कम किया जा सकता है। आज हम बात करने वाले हैं माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) के बारे में और जानते हैं कि माइल्ड हायपरटेंशन में ब्लड प्रेशर को लो रखना जीवन के लिए कितना लाभदायक है। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।

    नार्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?

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    हमारा हार्ट जितनी अमाउंट में पंप करता है और आर्टरीज में ब्लड फ्लो के रेजिस्टेंस की मात्रा, दोनों से ब्लड प्रेशर निर्धारित होता है। ऐसा पाया गया है कि हायपरटेंशन जल्दी मृत्यु का भी एक बड़ा कारण है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार अधिकतर एडल्ट्स का नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होता है। इसमें इसके पहले नंबर को सिस्टोलिक प्रेशर के नाम से जाना जाता है, जो आर्टरीज में ब्लड का वो प्रेशर होता है जब हार्ट बीट करता है या शरीर में ब्लड को पुश करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट होता है। दूसरा नंबर डायास्टोलिक प्रेशर है, यह वो बीट्स के बीच का आर्टरीज का प्रेशर है।

    अगर किसी का ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg और 139/89 mmHg के बीच में है तो इसे प्रीहायपरटेंशन (Prehypertension) कहा जाता है। इस कंडिशन में ब्लड प्रेशर को सही रखने के लिए अधिक एक्सरसाइज करें और हेल्दी फूड्स का सेवन करें। अगर किसी का ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg और 159/99 mmHg है, तो यह स्टेज 1 हायपरटेंशन (Stage 1 Hypertension) और माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) है और इसमें उपचार की जरूरत होती है। 160/100 mmHg और इससे अधिक ब्लड प्रेशर को स्टेज 2 हायपरटेंशन कहा जाता है। लेकिन, अगर किसी का ब्लड प्रेशर 180/110 mmHg से अधिक है, तो आपको उसे एमरजेंसी केयर की जरूरत हो सकती है।

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    डॉक्टर यह जानते हैं कि 160/100 mmHg या इससे अधिक ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को सही उपचार देने से उनमें डेथ का रिस्क कम हो सकता है। लेकिन, अभी इस बारे में जानकारी नहीं है कि माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) यानी स्टेज 1 हायपरटेंशन (Stage 1 Hypertension) से पीड़ित लोगों के लिए भी यह जरूरी है या नहीं? लेकिन, एक ट्रायल यानी मेटा एनालिसिस (Meta-analysis), में ऐसा पाया गया है कि माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) यानी स्टेज 1 हायपरटेंशन (Stage 1 Hypertension) से पीड़ित लोगों में दवाईयों के इस्तेमाल से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और डेथ का रिस्क कम सकता है। हाय ब्लड प्रेशर प्रीमेच्योर डेथ का सबसे बड़ा रिस्क है।

    ब्लड प्रेशर कम करने वाली थेरेपी से ग्रेड 1 हायपरटेंशन वाले रोगियों में स्ट्रोक और मृत्यु को रोकने की संभावना है। ब्लड प्रेशर को कम करने वाली अधिकांश दवाएं तीन क्लासेज में से एक में आती हैं जो इस प्रकार हैं एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin-converting enzyme inhibitors), कैल्शियम-चैनल ब्लॉकर्स (Calcium-channel blockers), या डाययूरेटिक्स (Diuretics)। ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए यह तीन प्रकार की दवाएं अलग-अलग काम करती हैं। स्टडीज में यह भी पाया गया कि रोगी का अपने ब्लड प्रेशर को कम करना, वो किस दवा का उपयोग करता है, इससे अधिक महत्वपूर्ण है। अब जान लेते हैं इसके लक्षणों के बारे में।

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    माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) के लक्षण क्या हैं?

    अधिकतर लोग माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) या हायपरटेंशन की स्थिति में कोई भी लक्षण का अनुभव नहीं करते हैं। लेकिन, कुछ लोग इस स्थिति में सिरदर्द, सांस लेने में समस्या, नोजब्लीड का अनुभव कर सकते हैं। ऐसे में रोगी के लिए नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराना जरूरी है। इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:

    • उम्र (Age)
    • फैमिली हिस्ट्री (Family history)
    • वजन का अधिक होना या मोटापा (Being overweight or obese)
    • फिजिकली एक्टिव न होना (Not being physically active)
    • तम्बाकू का इस्तेमाल (Using tobacco)
    • डायट में नमक का अधिक इस्तेमाल (Too much salt in your diet.)
    • अधिक एल्कोहॉल का सेवन (Drinking too much alcohol)
    • स्ट्रेस (Stress)
    • कोई खास क्रॉनिक कंडिशंस (Certain chronic conditions)

    हालांकि, हाय ब्लड प्रेशर या माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) वयस्कों में सामान्य है। लेकिन, बच्चों को भी इसका रिस्क रहता है। अनहेल्दी डायट और एक्सरसाइज न करने में हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। अब जानते हैं कि घर पर ब्लड प्रेशर कैसे चेक करें?

    माइल्ड हायपरटेंशन, Mild Hypertension

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    घर पर ब्लड प्रेशर को कैसे चेक करें?

    ब्लड प्रेशर को मेजर करने के कई तरीके हैं। रिसर्च के अनुसार एम्बूलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग (Ambulatory blood pressure monitoring) जिसमें एक समय के दौरान कई ब्लड प्रेशर रीडिंग्स को लिया जा सकता है, डॉक्टर के ऑफिस में यह हायपरटेंशन को मेजर करने का बेहतर तरीका है। हाय ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए नियमित ब्लड प्रेशर की जांच करना जरूरी है। आप घर पर ब्लड प्रेशर मॉनिटर से भी इसे जांच सकते हैं। यह आपको फार्मेसी और मेडिकल सप्लाई स्टोर्स में आसानी से मिल जाएगा। ऑटोमेटिक होम ब्लड प्रेशर मॉनिटर के इस्तेमाल से अपर आर्म पर ब्लड प्रेशर को मापता है। इसके अलावा रिस्ट और फिंगर ब्लड प्रेशर मॉनिटर भी उपलब्ध हैं। ब्लड प्रेशर को जांचते हुए इन चीजों का ध्यान रखें:

  • सीधा बैठे। इस दौरान आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए
  • अपनी अपर आर्म को हार्ट लेवल पर रखें।
  • कफ के मिडिल भाग को कोहनी के ठीक ऊपर रखें।
  • ब्लड प्रेशर की जांच से तीस मिनट्स पहले एक्सरसाइज, कैफीन और स्मोकिंग आदि को नजरअंदाज करें। अब जानिए कि माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) से कैसे बचें?
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    माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) से कैसे बचें?

    यह जानना तब तक मुश्किल है कि आपको हायपरटेंशन की समस्या है या नहीं, जब तक कि आप इसको मॉनिटर नहीं कर रहे हैं। क्योंकि, हाय या माइल्ड ब्लड प्रेशर के लक्षण तब तक नजर नहीं आते हैं, जब तक आप यह समस्या बहुत अधिक न बढ़ जाए। ऐसी स्थिति में एमरजेंसी मेडिकल केयर की आवश्यकता होती है। माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) से बचने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

    • हार्ट हेल्दी डायट का सेवन करें। इसमें अधिक से अधिक फल, सब्जियों, साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स और लो फैट प्रोटीन को शामिल करें।
    • सोडियम यानी नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें। आपको कितनी मात्रा में अपने आहार में सोडियम को लेना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर से अवश्य जान लें।
    • अपने वजन को सही बनाए रखें। इसके लिए अधिक व्यायाम करें और सही आहार का सेवन करें। इसके लिए डॉक्टर की मदद भी ली जा सकती है।
    • अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो उसे पूरी तरह से नजरअंदाज करें। अगर आप एल्कोहॉल का सेवन करते हैं तो इसका सेवन सीमित मात्रा में करें।
    • नियमित रूप से व्यायाम करें। रोजाना कम से कम तीस मिनट तक व्यायाम करें। इससे आपको न केवल माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) से बचने बल्कि संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में मदद मिलती है।
    • स्ट्रेस से बचें। इसके लिए स्ट्रेस-रिलीज टेक्निक्स का इस्तेमाल करें जैसे मैडिटेशन, योगा आदि। स्ट्रेस को मैनेज करने से आपको ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में भी मदद मिलेगी।
    • नियमित ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करें और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें।
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    यह तो थी माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) के बारे में जानकारी। यह तो आप जान ही गए होंगे कि माइल्ड हायपरटेंशन (Mild Hypertension) में, ब्लड प्रेशर को लो रखने से रोगी में मृत्यु का जोखिम कम हो सकता है। इसके साथ ही हायपरटेंशन से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना भी जरूरी है। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो तो अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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