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फिजिकल एक्टिविटी व कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस और इंसुलिन सेंसिटिविटी (Physical Activity or Cardiovascular Fitness, And Insulin Sensitivity): क्या कहता है सर्वे?
नेशनल हेल्थ और न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (National Health and Nutrition Examination Survey) का उद्देश्य फिजिकल एक्टिविटी व कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस (Cardiovascular Fitness) का इंसुलिन सेंसिटिविटी पर प्रभाव जानना था। ऐसा माना जाता है कि कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस और नियमित फिजिकल एक्टिविटी से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का जोखिम कम हो सकता है। हालांकि, रिस्पॉन्सिबल मैकेनिज्म तरह-तरह के हो सकते हैं, लेकिन यह इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) पर प्रभाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में इस सर्वे का मोटिव फिजिकल एक्टिविटी, फिटनेस, मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) के बीच में इंटररिलेशनशिप के रीसेंट एविडेंस को हायलाइट करना था।
अगर इस सर्वे के बारे में संक्षेप में कहा जाए तो इससे यह बात साबित हुई थी कि फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है। एक्सरसाइज करने की इंटेंसिटी और जेनेटिक फैक्टर दोनों ही इस प्रभाव के परिमाण को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके साथ ही यह भी परिणाम निकला कि फिजिकल एक्टिविटी और कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस के बच्चों में इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) को इम्प्रूव करने के इंडिपेंडेंट इफेक्ट हो सकते हैं और लड़कियों में वेट मेंटेनेंस में फिजिकल एक्टिविटी प्राइमरी रोल निभा सकती है।
आसान शब्दों में समझा जाए तो यह बात स्पष्ट है कि फिजिकल एक्टिविटी व कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस और इंसुलिन सेंसिटिविटी (Physical Activity or Cardiovascular Fitness, And Insulin Sensitivity) में गहरा संबंध है। यानि, फिजिकल एक्टिविटी व कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस से इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधरती है। अब जानिए इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) को सुधारने के अन्य तरीकों के बारे में।
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इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin sensitivity) को सुधारने के अन्य तरीके क्या हैं?
यह तो थी फिजिकल एक्टिविटी व कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस और इंसुलिन सेंसिटिविटी (Physical Activity or Cardiovascular Fitness, And Insulin Sensitivity) के बारे में जानकारी। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि इंसुलिन सेंसिटिविटी का अर्थ है इंसुलिन के प्रति हमारे शरीर के सेल्स की संवेदनशीलता। यह हर व्यक्ति की अलग हो सकती है और इसमें सुधार के लिए रोगी के लिए अपनी जीवनशैली और खानपान में सुधार जरूरी है। यह इम्प्रूवमेंट उन लोगों के लिए बेहद लाभदायक है जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज जैसा रोग है या जिन्हें इस समस्या का जोखिम है। आइए जानते हैं इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) को सुधारने के अन्य तरीकों के बारे में:
सही आहार (Right food)
टाइप 2 डायबिटीज, इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) या अपने संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार के लिए सही आहार का सेवन बेहद जरूरी है। अपने आहार में फल, सब्जियों और अनाज आदि को शामिल करें। आपके लिए सही आहार के चुनाव में डॉक्टर और डायटीशियन भी आपकी मदद कर सकते हैं।