ओवरडोज और पॉयजनिंग में इसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एब्सॉर्बेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इसका डायरिया के उपचार के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। एक स्टडी के अनुसार एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) उन बैक्टीरिया से बचाव में भी सक्षम है, जो डायरिया का कारण बनते हैं। लेकिन, रीसर्चर ने यह भी बताया कि आम एंटीडायरियल (Antidiarrheal)दवाओं की तुलना में एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं।
दांतों का सफेद होना और ओरल हेल्थ
कई टीथ-व्हाइटनिंग प्रोडक्ट्स में एक्टिवेटेड चारकोल होता है। कई ओरल हेल्थ प्रोडक्ट्स जिनमें एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) होता है, उनके विभिन्न लाभ होने का दावा करते हैं, जैसे कि:
इस चारकोल की टॉक्सिन एब्जॉर्बिंग प्रॉपर्टीज बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कोई भी रिसर्च इसका इस्तेमाल टीथ व्हाइटनिंग या ओरल हेल्थ के लिए किए जाने का सपोर्ट नहीं करती है।
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स्किन केयर (Skin care)
ऐसा भी कहा जाता है कि यह स्किन के सरफेस से मायक्रोपार्टिकल्स जैसे डर्ट, डस्ट, केमिकल्स, टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया आदि को बाहर निकालने में सहायता करता है। जिससे त्वचा का हेल्दी और ग्लोइंग बनाने रखने में मदद मिलती है। ऐसा भी माना जाता है कि एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) स्मेल और हार्मफुल गैसेस को एब्जॉर्ब कर सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल अंडरआर्म, शूज और रेफ्रीजिरेटर डिओडोरेंट के रूप में भी किया जा सकता है।
स्किन इंफेक्शन (Skin infection)
दुनिया भर में, कई अलग-अलग ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रैक्टिशनर्स त्वचा के संक्रमण जैसे सॉफ्ट टिश्यूज कंडिशंस की स्थिति के इलाज के लिए कोकोनट शेल्स से बने एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) का उपयोग करते हैं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल इफेक्ट्स से घावों से हार्मफुल माइक्रोब्स को एब्जॉर्ब किया जा सकता है। अब जानते हैं कि एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) कैसे काम करता है?