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टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड : यह स्वादिष्ट आहार कहीं बन ना जाए जी का जंजाल!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड : यह स्वादिष्ट आहार कहीं बन ना जाए जी का जंजाल!

    डायबिटीज को खून में बहुत अधिक शुगर की मात्रा के रूप में जाना जाता है। इसका कारण कई फैक्टर्स होते हैं और इनके कारण से पता चलता है कि व्यक्ति कौन सी डायबिटीज से पीड़ित है। जैसे टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम (Immune System) पैंक्रियाज के सेल्स पर अटैक करता है, जो इंसुलिन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। आज हम बात करने वाले हैं टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk Food) के बारे में। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) अक्सर इसलिए होती है क्योंकि शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाएं इंसुलिन के उपयोग के लिए रेसिस्टेंट बन जाती हैं।

    डायबिटीज में हमारा आहार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें हेल्दी आहार का सेवन करने और जंक फूड से दूर रहने की सलाह दी जाती है। आइए टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड के संबंध और इसके नुकसान के बारे में जानते हैं विस्तार से। सबसे पहले जानते हैं जंक फूड किसे कहा जाता है?

    जंक फूड क्या है? (Junk Food)

    जंक फूड के बारे में हम सब जानते हैं। जंक फूड को अनहेल्दी फूड भी कहा जा सकता है। इसमें कैलोरीज, फैट, शुगर, नमक, प्रोसेस्ड कार्बोहायड्रेट्स अधिक मात्रा में होते हैं। जबकि इस फूड में जरूरी न्यूट्रिएंट्स, फायबर, मिनरल आदि कम मात्रा में होते हैं। संक्षिप्त में कहा जाए तो जंक फूड में वो सब होता है जिससे डॉक्टर दूर रहने की सलाह देते हैं या जिससे हम बीमार पड़ सकते हैं। डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk Food) के बीच में गहरा संबंध है। कैसे? जानिए अपने इस सवाल का जवाब।

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    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड के बीच में क्या संबंध है? (Type 2 Diabetes and Junk Food)

    US नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (US National Library of Medicine) के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज को सबसे सामान्य बीमारियों में से एक माना जाता है। लेकिन, सही उपचार और स्वस्थ आदतों से इस पर कंट्रोल संभव है। जिसमें सबसे जरूरी है अपने खाने-पीने की आदतों को बदलना। जंक फूड को सीधे तौर पर डायबिटीज से जोड़ा जाता है, क्योंकि हमारा आहार ब्लड शुगर लेवल को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    जंक फूड का सेवन प्रीडायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के जोखिम को भी बढ़ाता है। इसमें अनहेल्दी चीजों की मात्रा अधिक होती है, जबकि हेल्दी तत्वों की मात्रा कम होती है। आइए, जानते हैं जंक फूड टाइप 2 डायबिटीज की समस्या को किस तरह से बढ़ा सकता है? और टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड से बचने के लिए क्या करें?

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    जंक फूड से टाइप 2 डायबिटीज कैसे बढ़ती है? (How does junk food lead to type 2 diabetes?)

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk Food) दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की समस्या है और आप जंक फूड का सेवन जारी रखते हैं, तो आपको स्थिति बदतर हो सकती है। वहीं जंक फूड खाने से डायबिटीज की समस्या इस तरह से बढ़ सकती है:

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड: ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना (Blood Sugar Level)

    जंक फूड हायली प्रोसेस्ड फूड होता है। जिसमें कैलोरीज अधिक होती है और विटामिन, मिनरल व फायबर आदि कम मात्रा में होते हैं। जो शरीर में जल्दी टूट जाते हैं और ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि कर सकते हैं। ब्लड शुगर के बढ़ने से डायबिटीज की समस्या होती है। जंक फूड में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) भी भरपूर मात्रा में होते हैं जैसे कार्बोहायड्रेट्स, फैट या प्रोटीन लेकिन, इसमें न्यूट्रिशन बहुत कम होता है।

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    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड का अनुपयुक्त पोरशन साइज (Inappropriate Portion Size)

    जंक फूड से पेट नहीं भरता है, इसके कारण हम अक्सर इनका अधिक मात्रा में सेवन कर लेते हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और हमारी डायबिटीज बढ़ सकती है। इसके कारण ब्लड शुगर का बढ़ाना और वजन का अधिक होना भी शामिल है।

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड का सेवन यानी वजन का बढ़ना (Weight gain)

    जंक फूड की न्यूट्रिशन क्वालिटी पुअर होती है और ओवरईटिंग की वजह से वजन बढ़ना स्वभाविक है। जो लोग जंक फूड के अधिक शौकीन होते हैं, उनका वजन अक्सर अधिक होता है। अधिक वजन और बॉडी फैट, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) को बढ़ाने के रिस्क फैक्टर्स में से एक हो सकता है।

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड: हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

    जंक फूड में सोडियम यानी नमक बहुत अधिक मात्रा में होता है। जो ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। हाय ब्लड प्रेशर को भी डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से जोड़ कर देखा जाता है। यानी टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk food) दोनों कई तरह से एक दूसरे से संबंधित हैं।

    एडिटिव्स (Additives)

    जैसा की बताया गया है कि जंक फूड में फैट, साल्ट, शुगर अधिक मात्रा में होते हैं। यही नहीं, इसमें एडिटिव भी भरपूर मात्रा में होते हैं। यह एलिमेंट्स खाने को स्वादिष्ट बनाते हैं। लेकिन, इसने कैलोरीज बढ़ती है और रोजाना इनका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड से बचने के लिए इन चीजों को इग्नोर करें।

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड: ट्राइग्लिसराइड लेवल (Triglyceride Levels)

    जंक फूड, ट्रांस और सेचुरेटेड फैट्स में हाय होता हैं, जिससे ट्राइग्लिसराइड लेवल बढ़ सकता है। ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है और खून में मौजूद होता है। ट्राइग्लिसराइड लेवल के बढ़ने पर भी टाइप 2 डायबिटीज के बढ़ने का जोखिम बना रहता है। जंक फूड के अन्य कुछ नुकसान इस तरह से हैं।

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    जंक फूड और अन्य समस्याएं (Junk foods and Problems)

    जंक फूड हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके कारण कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जो इस प्रकार हैं:

    • जंक फूड को कुपोषण से भी जोड़ कर देखा जाता है। क्योंकि इससे सभी न्यूट्रिशंस प्राप्त नहीं होते हैं। इसमें कैलोरीज तो हाय होती है, लेकिन अन्य पोषक तत्वों की इसमें कमी होती है। जिसके कारण हमारा शरीर कई शारीरिक समस्याओं का सामना कर सकता है जिसमें टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) भी शामिल है। मोटापा और कुपोषण दोनों अलग-अलग चीजें हैं। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि फास्ट फूड के कारण व्यक्ति इन दोनों का शिकार हो सकता है।
    • ऐसा भी कहा जाता है कि फास्ट फूड इंसुलिन रेजिस्टेंस को प्रमोट करता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के साथ-साथ वजन भी बढ़ता है। जो लोग हफ्ते में दो बार जंक फूड का सेवन करते हैं। उनकी इंसुलिन रेसिस्टेंट अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस और रेगुलर फास्ट फूड का सेवन करने को हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और कैंसर से भी जोड़ा जाता है।
    • नियमित रूप से जंक फूड खाने से जो लोग डायबिटीज का शिकार नहीं होते उनकी किडनी को भी उतना ही नुकसान होता है, जितना उन लोगों को होता है जिन्हें डायबिटीज होती है। अब जंक फूड में शामिल कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जान लेते हैं, जो समस्या का कारण बनते हैं।

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    खाद्य पदार्थ जो जंक फूड में शामिल होते हैं

    यह तो थी टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk Food) के बारे में जानकारी। जंक फूड हाय ब्लड शुगर लेवल का कारण बनता है, जैसा कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग अनुभव करते हैं। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को किडनी डिजीज होने की संभावना अधिक होती है, ऐसे में कुछ आहार जिनमें जंक फूड शामिल होते हैं, वो खासतौर पर समस्या का कारण बनते हैं। अब जानते हैं कि कौन से हैं वो खाद्य पदार्थ जो जंक फूड में शामिल होते हैं और टाइप 2 डायबिटीज का कारण बनते हैं:

    सेचुरेटेड और ट्रांस फैट्स (Saturated and Trans Fats)

    टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड का सेवन किस तरह आपकी परेशानी बढ़ा सकता है ये तो आप समझ ही गए होंगे। मेवे, सीड्स, एवोकाडो और ओलिव ऑयल सभी हेल्दी फैट्स हैं। कम सेचुरेटेड और ट्रांस फैट्स का सेवन करने से हार्ट डिजीज का खतरा कम किया जा सकता है, जो डायबिटीज से संबंधित जटिलता है। सेचुरेटेड फैट ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल और ट्राइग्लिसराइड लेवल को बढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है सेचुरेटेड फैट के स्रोत इस प्रकार हैं :

    • चॉकलेट (Chocolate)
    • डेयरी उत्पाद जैसे बटर, चीज़ , क्रीम ,आइस क्रीम आदि (Dairy Products)
    • हॉट डॉग्स (Hot Dogs)
    • पाम आयल (Palm oil)

    लेकिन, ऐसा माना जाता है की ट्रांस फैट्स इंसुलिन सेंसिटिविटी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और इनसे टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का जोखिम बढ़ सकता है। लेकिन, इस बारे में अभी अधिक शोध जरूरी है ट्रांस फैट्स के स्रोत इस प्रकार हैं :

    • चिप्स (Chips)
    • कूकीज (Cookies)
    • फ्राइज (Fries)
    • हाइड्रोजनेटेड आयल (Hydrogenated oil)
    • मफिन और केक्स (Muffins and cakes)

    कार्बोहायड्रेट्स (Carbohydrates)

    डायबिटीज को मैनेज करने के लिए कार्बोहायड्रेट्स की सही मात्रा और प्रकार के बारे में पता होना जरूरी है। शरीर में कार्बोहाइड्रेट के सेवन से इंसुलिन के स्तर को संतुलित करना ब्लड शुगर को मैनेज करने के लिए जरूरी है। अधिक प्रोसेस्ड और जंक फूड में अतिरिक्त चीनी और फ़ास्ट एक्टिंग कार्बोहायड्रेट होता है, जिससे इंसुलिन लेवल बहुत तेजी से बढ़ता है। यह साबुत अनाज के बजाय रिफाइंड होते हैं और इसलिए इसमें पोषक तत्वों और फायबर की कमी होती है। जो शरीर के कार्बोहाइड्रेट के टूटने को धीमा कर देते हैं।

    डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को कार्बोहायड्रेट की मात्रा और प्रकार के बारे में जानकर ही उसका सेवन करना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति के लिए यह अलग होती है। यह प्रभावित व्यक्ति की ऊंचाई, वजन, एक्टिविटी लेवल और दवाओं के उपयोग सहित कई कारकों पर निर्भर करती है। डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ इसके बारे में सही सलाह दे सकते हैं।

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    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की मात्रा को संतुलित रखने के लिए क्या करें?

    टाइप 2 डायबिटीज(Type 2 Diabetes) एक घातक समस्या है। ऐसे में इससे बचना या इसको संतुलित बनाए रखना बेहद जरूरी है। लेकिन, अगर आप जंक फूड के शौकीन हैं तो आपको इस डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए जंक फूड को पूरी तरह से नजरअंदाज करना चाहिए। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए जंक फूड में मौजूद शुगर और फैट्स की मात्रा को सीमित रखना बेहद जरूरी है। इससे वजन और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। इन खाद्य पदार्थों को सीमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे आमतौर पर आपके शरीर में अन्य अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थों का स्थान लेते हैं।

    हालांकि, जंक फूड की आदत को छोड़ना उतना ही कठिन हो सकता है जितना कि कई अन्य बुरी आदतों को। आप स्पष्ट रूप से शुगर और फैट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने से बच सकते हैं, जैसे कि केक और तले हुए व्यंजन, वसा आदि। लेकिन, कई बार अन्य खाद्य पदार्थों में भी यह चीजें हो सकती हैं जैसे  मफिन, क्रीम, कॉफी आदि में भी हाय शुगर और हार्मफुल फैट हो सकते हैं। यही नहीं, फ्लेवर्ड दही, सलाद ड्रेसिंग, मेयोनीज आदि में भी शुगर की मात्रा अधिक होती है।

    बहुत से लोग जो डायबिटीज से पीड़ित होते हैं वो फैट्स और शुगर की मात्रा को कम करने के लिए सबसे पहले इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं। अब जानते हैं की हम ब्लड शुगर लेवल और टाइप 2 डायबिटीज को किस तरह से कंट्रोल कर सकते हैं?

    टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल कैसे करें? (How to control type 2 diabetes?)

    शोध से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से जंक फूड का सेवन करते हैं। उनका वजन अधिक होता है और उनमें स्वास्थ्य विकारों का खतरा बढ़ जाता है। उन्हीं में से एक है टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk Food) के खतरों के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। अब जानते हैं कि जंक फूड को कम खाने के अलावा हम इस समस्या से बचने के लिए क्या कर सकते हैं?

    • ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें सोडियम की मात्रा कम हो
    • ऐसे आहार लें जिनमें सेचुरेटेड और ट्रांस फैट की मात्रा कम हो।
    • साबुत अनप्रोसेस्ड कार्ब्स जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें।
    • ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें कार्बोहायड्रेट्स की मात्रा सही हो।
    • पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन वाले आहार का सेवन करें।

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    इस तरह करें मैनेज

    रोजाना एक लार्ज मील की जगह दिन में तीन छोटे मील्स लेने से आपको अपनी भूख को मैनेज करने में मदद मिलेगी। पर्याप्त व्यायाम करने से भी शरीर में ब्लड शुगर लो होने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही आप कितना और कब और क्या खा रहे हैं, इस बात को भी आप नोट करें। इससे आपको इन चीजों को जानने में मदद मिलेगी:

  • कहीं आप ओवर ईटिंग या स्ट्रेस ईटिंग तो नहीं कर रहे?
  • कहीं आपमें कोई बुरी ईटिंग हैबिट तो नहीं है?
  • क्या आप कोई खास जंक फूड अक्सर खाते हैं?
  • ऐसे में इन जंक फूड को हेल्दी विकल्पों के साथ बदल दें। अगर आपको बाहर खाना पसंद हैं, तो सबसे अच्छा है कि आप फास्ट फूड रेस्टोरेंट्स को नजरअंदाज करें। फास्ट-फूड खाने की आदतों को इस तरह से हेल्दी आदतों में बदला जा सकता है:

    ये टिप्स आ सकती हैं काम

    • रेस्टोरेंट्स की सुपर साइज्ड फूड ऑप्शनस के जाल में न फंसें। इससे आपके कुछ पैसे तो बच सकते हैं, लेकिन इससे आपकी कैलोरीज, शुगर और फैट बढ़ेगा।
    • तले हुए आहार से बचें इसकी जगह उबले या ग्रिलड आहार का सेवन करें।
    • हेल्दी विकल्प को चुनें, जैसे मस्टर्ड सॉस, मेयोनीज या कैचअप आदि से अधिक हेल्दी होती है। साबुत अनाज से बने फायबर युक्त बन या ब्रेड आदि का चुनाव करें। जिनमें कैलोरीज और फैट्स में कम होते हैं।
    • बाहर रेस्टोरेंट में जा कर सलाद खाना भी अच्छा विकल्प है। हेल्दी फैट विकल्पों जैसे मेवे, सीड और एवोकाडो का चुनाव करें। इसके साथ ही आप अन्य सब्जियों का भी चुनाव कर सकते हैं।

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    जंक फूड के फायदे (Benefits of Junk Food)

    जंक फूड के फायदों के बारे में सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा, क्योंकि इसके कोई फायदे नहीं होते हैं। हेल्थ के लिए यह बहुत नुकसानदायक है। फिर हम इनका इतना सेवन क्यों करते है? तो जंक फूड के फायदों में इसका स्वाद और इसका आसानी से बनना या उपलब्ध होना शामिल है। जैसे की फास्ट फूड के नाम से ही पता चल रहा है कि इसे आप खुद भी आसानी से बना और जल्दी से खा सकते हैं। यही नहीं, यह इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि इनका स्वाद हमारे टेस्ट बड्स को संतुष्ट करता है। इसमें चीनी नमक और ऐसी चीजों का प्रयोग किया जाता है जो न केवल स्वाद को बढ़ाते हैं बल्कि इनसे हमें इसकी आदत भी पड़ जाती है।

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    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से पीड़ित लोगों को अपने आहार का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि ब्लड शुगर और वजन दोनों कम हो सके। अपनी ओवरईटिंग जंक फूड की इच्छा को दबाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में आपको जंक फूड की मात्रा को सीमित रखना चाहिए और इसकी जगह हेल्दी विकल्पों को चुनना चाहिए। यह केवल डायबिटीज ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसके साथ ही जीवनशैली में अन्य बदलाव भी टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं जैसे वजन का कम करना, नियमित रूप से व्यायाम करना, समय पर ब्लड शुगर की जांच, तनाव से दूर रहना आदि।

    यह तो थी टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड (Type 2 Diabetes and Junk Food) से जुड़ी हर जानकारी। यह तो आप जान ही गए होंगे कि डायबिटीज में जंक फूड कितना हानिकारक सिद्ध हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड के सेवन से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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    Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

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