नई माताओं में कई बार आयरन की कमी होती है। खासतौर, पर अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान एनिमिक हों। आयरन की कमी के कुछ लक्षण हैं थकावट, सांस लेने में समस्या या एनर्जी लेवल का कम होना आदि। ऐसे में महिलाओं को आयरन सप्लीमेंट लेने की भी सलाह दी जाती है। आयरन सप्लीमेंट को विटामिन सी के साथ लेना चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रोजाना इसे लेने के लिए कहा जाता है। इसके साथ ही आयरन युक्त आहार को भी लेना जरूरी है।
फिश आयल (Fish Oil)
पोस्टपार्टम डिप्रेशन कई नई माताओं में सामान्य है। ऐसे में फिश आयल ओमेगा 3 और फैटी एसिड्स का एक अच्छा स्त्रोत है। जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने में प्रभावी है। फिश आयल को पोस्टपार्टम सप्लीमेंट के रूप में लेने से आप बेबी ब्लूज से बच सकती है। अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो यह आपके बच्चे के दिमाग और ऑय टिश्यूज के विकास में भी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
विटामिन-डी (Vitamin-D)
पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) में मुख्य है विटामिन-डी। शोध के अनुसार अधिकतर महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है। विटामिन डी धुप में पर्याप्त मात्रा में होती है। लेकिन अगर आप धुप में अधिक समय नहीं बिताती हैं तो यह आपके लिए और भी गंभीर हो सकती है। मेंटल और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए विटामिन-डी जरूरी है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन डी की कमी हो पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) , कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज (Cardiovascular Disease) और कुछ खास तरह के सांस से भी जोड़ा जाता है। अगर स्तनपान कराने वाली माताओं में विटामिन-डी की कमी होती है तो इसका प्रभाव शिशु पर भी पड़ सकता है। इसलिए प्रसव के बाद विटामिन- डी का सेवन करना चाहिए।
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विटामिन सी (Vitamin C)
चाहे आपका प्रसव वजायनल हो या सी-सेक्शन एक चीज तो सच्ची है कि आपको ठीक होने में समय लगता है। विटामिन सी शरीर को हील होने और इम्युनिटी को बढ़ाने में जरूरी है। लेकिन, इसको कितनी मात्रा में लेना है इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ।क्योंकि इसकी अधिक मात्रा में कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे डायरिया या पेट का खराब होना आदि।
प्रोबायोटिक्स (Probiotics)