फैट (Fat)- गंभीर क्रोहन रोग (Crohn’s disease) से पीड़ित व्यक्ति जिसकी छोटी आंत का निचला हिस्सा (ileum) बड़ी मात्रा में निकाल दिया गया हो, उनके शरीर में फैट की भी कमी हो जाती है। ऐसे में उन्हें अपनी डायट में अधिक हेल्दी फैट (healthy fats) शामिल करने की जरूरत है।
आयरन (Iron)- क्रोहन डिसीज (Crohn’s disease) के साइड इफेक्ट के रूप में एनीमिया या हेल्दी रेड ब्लड सेल्स की कमी हो सकती है, जिसकी वजह से आयरन की कमी (iron deficiency) की समस्या हो सकती है। इसलिए क्रोहन रोग से पीड़ित अधिकांश मरीजों को अतिरिक्त आयरन सप्लीमेंट की जरूरत होती है।
विटमान बी 12(Vitamin B-12)- जिन लोगों को आंत में गंभीर सूजन की समस्या होती है और जिनका छोटी आंत का निचला हिस्सा (ileum) निकाल दिया जाता है, उऩ्हें विटामिन बी 12 इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है।
फॉलिक एसिड (Folic Acid)- क्रोहन रोग से पीड़ित कई मरीज इसके लक्षणों के इलाज के लिए सल्फासालजीन (sulfasalazine) लेते हैं और यह दवा शरीर की फोलेट को मेटाबोलाइज करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसलिए ऐसे मरीजों के लिए फॉलिक एसिड सप्लीमेंट (folic acid supplements) लेना जरूरी हो जाता है। जिन लोगों को छोटी आंत के मध्य हिस्से गंभीर क्रोहन रोग होता है उन्हें भी फॉलिक एसिड सप्लीमेंट (Folic Acid supplement) की जरूरत होती है।
विटामिन ए, डी, ई और के (Vitamins A, D, E, and K)- जब मरीज का शरीर फैट को अवशोषित नहीं कर पाता है या छोटी आंत में सूजन की समस्या होती है तो शरीर में इन विटामिन्स की कमी हो सकती है, इसलिए इनके सप्लीमेंट की जरूरत पड़ती है। कोलेस्टिरमाइन (cholestyramine) नामक दवा लेने वाले मरीजों में विटामिन डी की गंभीर कमी हो सकती है, क्योंकि यह दवा विटामिन डी के अवशोषण में बाधा पहुंचाती है।
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