नाक की एलर्जी के लिए एसेंशियल ऑयल (Essential Oils For Nasal Allergies) का यूज काफी अरसे से किया जा रहा है। इसका उपयोग सीजनल एलर्जी (Seasonal Allergies) के साथ ही नॉर्मल एलर्जी में भी होता है। एसेंशियल ऑयल प्लांट से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग त्वचा पर सीधे लगाकर या इनहेल करके किया जाता है। कुछ स्टडीज में इस बात का पता चला है कि एसेंशियल ऑयल नाक की एलर्जी के लक्षण जैसे कि स्टफी नोज (Stuffy Nose), कफ और नेजल कंजेशन (Nasal Congestion) पर असरकारक है। नाक की एलर्जी के लिए एसेंशियल ऑयल का यूज निम्न तरीके से कर सकते हैं।
- एयर में डिफ्यूज करके (Diffusing Them Into The Air)
- नहाने के पानी या स्पा प्रोडक्ट्स में इनका उपयोग करके
- डायल्यूट (Dilute) होने पर स्किन पर अप्लाई करके
- कंटेनर से घूंसकर (इसे अरोमापैथी (Aromatherapy) भी कहा जाता है) इस थेरिपी के द्वारा बॉडी के स्मेल सेंसेज को स्टिम्युलेट किया जाता है। आप जो स्मेल करते हैं उसका बॉडी पर अलग प्रभाव होता है।
यहां नाक की एलर्जी के लिए उपयोग किए जाने वाले एसेंशियल ऑयल के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद ही उपयोग करना सही होगा। क्योंकि सभी की स्वास्थ्य स्थिति अलग होती हैं और हर्बल प्रोडक्ट्स सभी को सूट नहीं करते।
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1.लैवेंडर ऑयल (Lavender Oil)
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल नैचुरल एंटीहिस्टामाइंस (Natural Antihistamines) की तरह काम करता है। इसमें पाई जाने वाली एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज (Anti- Inflammatory Properties) एलर्जिक रिएक्शन को कम करने का काम करती है। इसके साथ ही लेवेंडर ऑयल एंग्जायटी को कम करने, अच्छी नींद लाने में मदद करने वाले गुणों के लिए भी जाना जाता है। जिससे एलर्जी में राहत प्राप्त होती है। इसका उपयोग डायरेक्टली स्किन पर करने के साथ ही इसे लोशन या स्किन प्रोडक्ट्स में यूज करके किया जा सकता है। नहाने के पानी में इसकी कुछ बूंदे भी मिलाई जा सकती हैं।
2.टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
टी ट्री ऑयल में एंटीफंगल (Antifungal), एंटीवायरल (Antiviral) और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज (Anti bacterial Properties) पाई जाती हैं। 2015 की एक स्टडी के अनुसार टी ट्री ऑइल में पाया जाने वाला कंपाउंड अल्फा सेबिन (alpha-sabine) ये प्रॉपर्टीज प्रदान करता है। यह साइनस कंजेशन (Sinus Congestion) होने पर राहत प्रदान करता है। यह इंफ्लामेशन को कम करके साइनस के कारण होने वाली स्वेलिंग को कम करने में मदद करता है। स्वेलिंग कम होने पर रनी (Runny Nose) और स्टफी नोज से भी राहत मिलती है।
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3.पेपरमेंट ऑयल (Peppermint Oil)
कई लोगों ने ऐसा अनुभव किया है कि नाक बंद होने पर पेपरमिंट ऑयल को इनहेल करने पर राहत मिलती है। यह इसके कूलिंग इफेक्ट के चलते होता है। पेपरमेंट ऑयल में मेंथॉल (Menthol) पाया जाता है जो नाक के अंदर के म्यूकस रिसेप्टर्स (Mucus receptors) को प्रभावित कर सकता है। जिससे एयरवेज (Airways) को ओपन करने और म्यूकस को क्लियर करने में मदद मिलती है। कुछ स्टडीज में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि पेपरमिंट ऑयल बैक्टीरिया से लड़ने का भी काम करता है। पेपरमिंट ऑयल का उपयोग स्टीम के जरिए किया जा सकता है इसके लिए पानी में कुछ बूंदे पेपरमेंट ऑयल की डालनी होंगी और इसके बाद कुछ मिनटों तक भाप लेना होगा। इसके अलावा डिफ्यूजर (Diffuser) की मदद से एसेंशियल ऑयल (Essential Oil) को डिफ्यूज करके इनहेल किया जा सकता है।
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4.नाक की एलर्जी के लिए एसेंशियल ऑयल में शामिल करें यूकेलिप्टस ऑयल (Eucalyptus Oil)
यूकेलिप्टस प्लांट से प्राप्त किया गया यूकेलिप्टस ऑयल साइनाइटिस (Sinusitis) और कंजेक्शन (Congestion) की अल्टरनेटिव रेमेडी (Alternative Remedy) हो सकती है। कई प्रकार के ओवर द काउंटर डिकंजेस्टेंट (Decongestant) जैसे कि चेस्ट रब में यूकेलिप्टस ऑयल पाया जाता है। यह कोल्ड और कफ से राहत प्रदान करने के साथ ही साइनस कंजेशन और स्टिफनेस से राहत प्रदान कर सकता है। इसका उपयोग स्टीम बाथ में किया जा सकता है। यूकेलिप्टस में पाया जाने वाला सिनिओल (Cineole) नाक की एलर्जी पर अच्छा प्रभाव दिखाता है। यह सिर दर्द, बंद नाक और बहती नाक के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
5.ऑरेगेनो ऑयल (Oregano Oil)
इसे अजवाइन का तेल भी कहा जाता है। ऑरेगेनो बैक्टीरिया से लड़कर साइनाइटिस (Sinusitis) के लक्षणों से राहत प्रदान करता है। यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।
6.लेमन ऑयल (Lemon Oil)
लेमन ऑयल का उपयोग अरोमाथेरिपी में एलर्टनेस और एनर्जी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेमन एसेंशियल ऑयल साइनस (Sinus) से राहत दिलाने में भी मददगार है। यह नेजल कंजेशन (Nasal Congestion) को ठीक करने में सहायक है। यह नैचुरल एंटीहिस्टामाइंस (Antihistamine) की तरह काम करके एक्सेसिव म्यूकस से राहत प्रदान करने के साथ ही इंफ्लामेटरी रिएक्शन को कम करने का काम करता है। यह रेस्पायरेटरी कंडिशन (Respiratory Conditions) में भी मददगार है। इसमें पाई जाने वाली एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज इसे नाक की एलर्जी के लिए एसेंशियल ऑयल की लिस्ट में काफी आगे रखती हैं। इसे लेवेंडर ऑयल और पेपरमिंट ऑयल के साथ यूज किया जा सकता है।
7. रोजमेरी ऑयल (Rosemary Oil)
नाक की एलर्जी के लिए एसेंशियल ऑयल (Essential Oil for Nasal Allergy) का उपयोग करना चाहते हैं तो रोजमेरी ऑयल भी अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। इसे गुलमेंहदी का तेल भी कहा जाता है। यह साइनस के लक्षणों में भी राहत प्रदान करता है। इसमें पाई जाने वाली एंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज इसे एलर्जी से लड़ने में मददगार बनाती हैं। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) में मददगार है।
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8.बेसिल एसेंशियल ऑयल (Basil Essential Oil)
बेसिल को हिंदी में तुलसी कहा जाता है। बेसिल एसेंशियल ऑयल एलर्जन्स (Allergens) के एंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स को कम करने का काम करता है। यह इम्यून सिस्टम को ओवरऑल सपोर्ट करता है। साथ ही एयरवेज को क्लियर करने में मददगार है। इसमें पाई जाने वाली एंटीमाइक्रोबियल (Antimicrobial) एब्लिटीज सिस्टम से टॉक्सिन्स को निकालने में मददगार हैं।
एसेंशियल ऑयल के साइड इफेक्ट्स (Essential Oil Side Effects)
भले ही ये प्रोडक्ट्स हर्बल और नैचुरल हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जब भी एसेंशियल ऑयल का उपयोग करें अच्छे ब्रांड का ही प्रोडक्ट चुनें। अगर आपको कई प्रकार की एलर्जीज हैं या कोई विशेष प्रकार के कैमिकल के प्रति आप संवदेनशील हैं तो यह अधिक एलर्जिक रिस्पॉन्स का कारण बन सकते हैं। किसी भी प्रकार के एसेंशियल ऑयल ट्रीटमेंट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- किसी भी एसेंशियल ऑयल का उपयोग करने से पहले इसे स्किन पर थोड़ा सा लगाकर टेस्ट करें। अगर 24 घंटे के अंदर कोई रिएक्शन नहीं होता है तो यह उपयोग के लिए सेफ माना जाएगा। किसी भी नए एसेंशियल ऑयल के लिए यह टेस्ट जरूर करें।
- बच्चों पर, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका उपयोग करने से सावधानियों को ध्यान से पढ़ें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका उपयोग करें।
- अनडायल्यूटेड ऑइल का उपयोग सीधे स्किन पर ना करें
- एसेंशियल ऑयल का उपयोग इंटरनली ना करें
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