स्वस्थ शरीर के लिए हमेशा नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होते रहना जरूरी है, लेकिन अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia) की स्थिति में शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण बंद हो जाता है। ऐसे में आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है। अप्लास्टिक एनीमिया क्या है और इससे आपके शरीर पर क्या असर होता है जानिए इस आर्टिकल में।
अप्लास्टिक एनीमिया दुर्लभ और गंभीर स्थिति है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस कंडिशन में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे (Bone marrow failure disorder) को मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic syndrome) भी कहा जाता है, जिससे आपको अधिक थकान महसूस होती है, संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और अनियंत्रित रक्तस्राव होता है। यह अचानक हो सकता है या फिर धीरे-धीरे विकसित होता है। अप्लास्टिक एनीमिया कम या बहुत गंभीर हो सकता है। दवाएं, ब्लड ट्रांस्फ्यूजन या स्टेम सेल ट्रांस्प्लांट जिसे बोन मैरो ट्रांस्प्लांट कहा जाता है, के जरिए अप्लास्टिक एनीमिया का उपचार किया जाता है। डॉक्टर इस स्थिति को अप्लास्टिक एनीमिया बोन मैरो फेलियर (Aplastic anemia Bone marrow failure) भी कहते हैं।
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अप्लास्टिक एनीमिया किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह टीनेज और 20 की उम्र में अधिक होता है। पुरुषों और महिलाओं में इसका खतरा समान रहता है और अधिकांश विकासशील देशों में यह आम है। अप्लास्टिक एनीमिया दो तरह के होते हैः
इन्हेरिटेड अप्लास्टिक एनीमिया खराब जीन के कारण होता है और यह बच्चों और यंग एडल्ट्स में आम है। यदि आपको इस टाइप का एनीमिया है, तो आपको ल्यूकेमिया और अन्य कैंसर (Cancer) होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए नियमित रूप से स्पेशलिस्ट डॉक्टर से जांच करवाएं।
एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया (Acquired Aplastic anemia) व्यस्कों में आम है। शोधर्कताओं के मुताबिक कुछ चीजें इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है जिसमें शामिल हैः
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शरीर में कई तरह की रक्त कोशिकाएं होती है और हर किसी का काम अलग होता है।
रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) पूरे शरीर में ऑक्सिजन पहुंचाता है।
व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) संक्रमण से लड़ता है।
प्लेटलेट्स रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं।
अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia) का लक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर में कौन सा ब्लड सेल्स (Blood cells) कम है, हो सकता है कि आपमें दिनों तरह की रक्त कोशिशकाएं कम हो। अप्लास्टिक एनीमिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैः
व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) कम होने परः
प्लेटलेट काउंट (Platelets count) कम होने परः
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर आपको कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट (CBC Test) के लिए कह सकता है। इस डिसऑर्डर की जांच के लिए बोन मैरो बायोप्सी (Bone marrow biopsy) भी की जा सकती है।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, अप्लास्टिक एनीमिया के अधिकांश मामले हेल्दी बोन मैरो पर इम्यून सिस्टम के अटैक के कारण होते हैं।
डॉक्टरों ने इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स (Immune system response) के कुछ संभावित कारणों की पहचान की है, जिनमें शामिल हैं:
हालांकि अप्लास्टिक एनीमिया के अधिकांश मामलों में डॉक्टर इसके कारणों का पता नहीं लगा पाते हैं। जब कारण ज्ञात नहीं होता है, तो डॉक्टर इसे आइडियोपैथिक अप्लास्टिक एनीमिया कहते हैं।
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डॉक्टर मरीज से लक्षणों और उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेगा। अप्लास्टिक एनीमिया के निदान के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट (Blood test) का आदेश दे सकता है। रेड ब्लड सेल्स (RBC), व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) और प्लेटलेट्स काउंट (Platelets count) के लिए डॉक्टर कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट के लिए कहता है। यदि किसी व्यक्ति में तीनों ही कम हो तो उसे pancytopenia कहते हैं। डॉक्टर मरीज के बोन मैरो का सैंपल भी कलेक्ट करने की सलाह देता है, जो उसके पेल्विस या हिप से लिया जाता है।
यदि व्यक्ति को अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia) है, तो उसके बोन मैरो में टीपिकल स्टेम सेल्स नहीं होते हैं। कई बार अन्य स्वास्थ्य स्थितियां भी अप्लास्टिक एनीमिया के लिए जिम्मेदार होती है जिसमें शामिल हैः
यदि किसी व्यक्ति को ये स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो उसे अप्लास्टिक एनीमिया होने की संभावना अधिक होती है।
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बल्ड ट्रांस्फ्यूजन (Blood transfusion) और बोन मैरो ट्रांस्प्लांट (Bone marrow transplant) बहुत रिस्की होता है। इसलिए इसे करवाने से पहले डॉक्टर से इसके जोखिमों पर अच्छी तरह चर्चा कर लें।
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