परिचय
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) क्या होता है?
आपके ब्लड वेसेल्स में होने वाली इंफ्लामेशन की वजह से यह समस्या होती है। आमतौर पर इस बच्चों में पाई जाती है। खासतौर पर स्किन, जोड़ों, आंतों और किडनी की ब्लड वेसेल्स में इंफ्लामेशन होता है और ब्लड बाहर लीक करता है। इस समस्या का प्रमुख लक्षण होता है पैरों पर चकते पड़ना. अगर से समस्या से किडनी और आपकी आंते प्रभावित होती है तो तुरन्त इलाज की जरूरत होती है और दूसरी गंभीर समस्याओं को रोकने के लिए रेगुलर फॉलो अप (follow up) लेते रहना चाहिए।
कितना सामान्य है हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) का होना?
जैसा कि हमने आपको पहले बताया की इस बीमारी में आपके ब्लड वेसेल्स में इन्फ्लामेशन हो जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह समस्या किसी को भी हो सकती है लेकिन 2 से 11 साल के बच्चों में यह बीमारी बहुत ही ज्यादा पाई जाती है. यह समस्या लडकों की तुलना में लड़कियों में कम पाई जाती है.लड़कियों में कम होती है। जिन वयस्कों में हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) की समस्या होती है उनमें बच्चों की तुलना में ज्यादा ही गम्भीर हो जाती है।
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लक्षण
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) के क्या लक्षण होते हैं?
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) का मुख्य लक्षण एक लाल-बैंगनी रंग का धब्बेदार दाना होता है जो आमतौर पर पैरों दिखाई देता है। यह धब्बा आपके चेहरे, सीने आदि पर भी दिखाई दे सकता है। आपको बता दें कि ये धब्बे चोट के निशान की तरह दिखते हैं। यदि आप चकत्ते को दबाते हैं, तो यह सफेद होने के बजाय बैंगनी रहेगा। हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) जोड़ों, आंतों और किडनी को प्रभावित करता है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं;
- जोड़ो में दर्द या सूजन खासकर टखने और कोहनी में
- मिचली
- उल्टी
- मल के साथ ब्लड आना
- पेट दर्द
- मूत्र के साथ ब्लड आना
- मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द
- बुखार
- हीव्स
- डायरिया
- भूख ना लगना
चकते दिखाई पड़ने से दो हफ्ते पहले ही जोड़ों में दर्द और पेट संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। कभी कभी यह समस्या आपके किडनी को भी डैमेज कर देती है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरुर बात कर लें।
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कारण
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) होने के क्या कारण होते हैं?
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) में ब्लड वेसेल्स में इंफ्लामेशन हो जाता है। जैसे ही आपके ब्लड वेसेल्स में इंफ्लामेशन होता है उसके बाद आपकी स्किन में ब्लड का लीक होना शुरू हो जाता है जिससे चकते होते हैं। इसके अलावा आपके पेट और किडनी में ब्लड लीक होने लगता है।
आपके इम्यून सिस्टम के ओवरएक्टिव होने की वजह से यह समस्या होती है। सामान्य तौर पर आपका इम्यून सिस्टम ऐंटीबॉडी का निर्माण करता है जोकि बाहर से आये बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने का काम करता है। लेकिन जब हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) की समस्या होती है तब एक खास किस्म की ऐंटीबॉडी (आईजीए, IgA) आपके ब्लड वेसेल्स में सेटल (settle) हो जाती है जिसकी वजह से इंफ्लामेशन होता है।
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लोग जिनको हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) की समस्या है उन्हें रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Respiratory tract infection) या सर्दी जुकाम होता है। जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम ओवरएक्टिव हो जाता है और ऐन्टीबॉडी का निर्माण करने लगता है। इससे ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचता है।
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) होने के और भी कारण हो सकते हैं जैसे;
- चिकनपॉक्स
- हिपेटाइटिस
- सर्दी जुकाम
- खास किस्म की दवाइयां
- कीड़े मकोड़े का काटना
जोखिम
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) के साथ और क्या समस्याएं हो सकती हैं?
एक महीने के अंदर हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) बीमारी के लक्षणों में सुधार होने लगता है लेकिन इसके साथ ही और दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे;
- किडनी डैमेज: इस बीमारी की वजह से जो भी समस्याएं होती हैं उनमें मुख्य रूप से किडनी का डैमेज होना है। आपको बता दें कि या किडनी डैमेज की समस्या बच्चों की तुलना में वयस्कों में ज्यादा होती है। कभी कभी यह समस्या इतनी गम्भीर हो जाती है कि इसमें किडनी ट्रांसप्लांट या डायालिसिस की जरूरत पड़ती है।
- आर्थराइटिस
- हाई ब्लड प्रेशर
- ओवरएक्टिव इम्यून सिस्टम
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर आपके और बच्चों में होने वाले लक्षणों का परीक्षण करेगा जिनमें चकते पड़ना मुख्य रूप से शामिल है। इसके अलावा वह कुछ टेस्ट भी कर सकता है;
-
- ब्लड टेस्ट: इसमे आपके व्हाइट और रेड ब्लड सेल काउंट को चेक किया जाएगा। इसके अलावा आपकी किडनी को भी चेक किया जाएगा कि यह ठीक से काम कर रही है या नहीं।
- बॉयोप्सी: इसके अंतर्गत डॉक्टर आपकी स्किन का एक छोटा सा टुकड़ा काटकर उसे परीक्षण के लिए लैब में भेजेगा।
- अल्ट्रासाउंड: इसके माध्यम से आपके पेट के अंदर की तस्वीर देखी जाएगी।
- यूरीन टेस्ट: इस टेस्ट के तहत डॉक्टर आपके मूत्र में आने वाले ब्लड और प्रोटीन के सैम्पल को चेक करेगा ताकि वह सुनिश्चित कर सके कि किडनी डैमेज है या नहीं।
- सीटी स्कैन
हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) का इलाज कैसे किया जाता है?
इसके इलाज के लिए डॉक्टर निम्नलिखित चीजों को फॉलो कर सकता है;
- दर्द निवारक दवाओं जैसे आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) या ऐसिटामिनोफेन (acetaminophen) का इस्तेमाल कर सकता है।
- कभी कभी स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल कर सकता है।
- इसके अलावा ऐसी दवाइयों का इस्तेमाल कर सकता है जो इम्युन सिस्टम की ओवरएक्टिविटी को कम करे जैसे साइक्लोफॉस्फामाइड (Cyclophosphamide)।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो हेनोक स्कोनलेन परप्यूरा (Henoch-Schonlein purpura) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
इस समस्या का समाधान घरेलू उपचार के माध्यम से करने के लिए आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज करना होगा। इसके अलावा ऐसी चीजें अपने खानपान में नहीं इस्तेमाल करनी चाहिए जिसकी वजह से आपका इम्यून सिस्टम ओवरएक्टिव हो सके।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।