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Raynaud Phenomenon: रेनॉड फेनोमेनन रोग क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/04/2021

Raynaud Phenomenon: रेनॉड फेनोमेनन रोग क्या है?

परिचय

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) रोग क्या है

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) रोग या इस्केमिआ सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के कुछ हिस्सों जैसे कि उंगली और पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है, इस रोग में हाथों और पैर की उंगलियों में खून की कमी के कारण नीला या पीलापन छा जाता है। रेनॉड रोग में छोटी धमनियां जो आपकी त्वचा को रक्त की आपूर्ति करती हैं, प्रभावित क्षेत्रों (Vasospasm) तक रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) को सीमित करती हैं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में रेनॉड फेनोमेनन होने का ज्यादा खतरा रहता हैं, यह ज्यादातर उन लोगों को होता हैं जो ठंडे मौसम में रहते हैं। रेनॉड फेनोमेनन का इलाज उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है, इसके साथ ही रोगी के आसपास की स्थितियां इलाज को प्रभावित करती है। ज्यादातर लोग रेनॉड फेनोमेनन को कोई बड़ी समस्या नहीं मानते है, लेकिन फिर भी यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।

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प्रकार

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) के प्रकार क्या है?

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) बीमारी के कई नाम है। यह दो प्रकार की होती है, प्राथमिक और माध्यमिक रेनॉड।

  • प्राथमिक रेनॉड फेनोमेनन:  प्राथमिक रेनॉड में लक्षण अक्सर हल्के होते हैं।
  • माध्यमिक रेनॉड फेनोमेनन: यह किसी दूसरी बीमारी के कारण होता है। इसमें ज्यादातर ऐसी स्थिति होती है जो आपके शरीर के संयोजी ऊतकों (Tissues) पर हमला करती है, जैसे कि ल्यूपस या रूमेटीइड गठिया। आमतौर पर यह समस्या कम होती है, लेकिन इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावनाएं ज्यादा है। इसमें त्वचा के घाव और अवसाद जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं। माध्यमिक रेनॉड तब होता है जब आपकी चरम सीमा में कोशिकाएं और ऊतक खून की कमी से मर जाते हैं।

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लक्षण

रेनॉड फेनोमेनन रोग के लक्षण क्या है?

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) रोग के निम्न लक्षण हैं:

  • ठंडी उंगलियाँ या पैर की उंगलियां
  • ठंड या तनाव के जवाब में त्वचा का रंग बदलता है
  • चुभन महसूस करना या शरीर के गर्म होने या तनाव से राहत पाने पर दर्द होना

रेनॉड के अटैक के दौरान त्वचा के प्रभावित हिस्से सफेद होने लगते है, जिसके बाद वह हिस्सा नीले रंग में बदल जाता है और उसमें ठंड और सुन्न महसूस होती हैं। जैसे ही आप गर्म महसूस करते हैं और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, प्रभावित हिस्सा लाल और झुनझुनी हो सकती है। रेनॉड रोग में सबसे ज्यादा उंगलिया ही प्रभावित होती है। यह शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे नाक, होंठ, कान और यहां तक कि निपल्स को भी प्रभावित कर सकता है। वार्मिंग के बाद, सामान्य रक्त प्रवाह के क्षेत्र में लौटने में 15 मिनट लग सकते हैं।

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कारण

रेनॉड फेनोमेनन रोग होने का कारण  क्या है?

अब तक रेनॉड फेनोमेनन रोग या रेनॉड सिंड्रोम होने के स्पष्ट कारणों का पता नही लग पाया है, लेकिन फिर भी चिकित्सकों का मत है कि रेनॉड सिंड्रोम होने के पीछे ठंड और भावनात्मक तनाव प्रमुख होता है। ये रोग मुख्य रूप से उन लोगों को होता है जो ठंडे इलाकों में रहते है। सामान्य जलवायु और गरम इलाकों में इस रोग के मामले देखने को नही मिलते है। इस रोग में जब शरीर ठंडा होता है, तो यह गर्मी पाने की कोशिश करता है। हाथ और पैर में खून का परिसंचरण धीमा हो जाता है। ऐसा करने के लिए रक्त ले जाने वाली छोटी धमनियों का तंत्र संकरा हो जाता है, जिससे खून अंगो तक नही पहुंच पाता है और हाथों और पैरों की उंगलिया सूजने लगती है और उनका रंग बदलकर नीला पड़ जाता है।

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जोखिम

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) के जोखिम क्या है?

रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) या इस्केमिआ सिंड्रोम रोग किसी न किसी रूप में 10 लोगों में से एक को हो सकता है, जिनमें से ज्यादा को प्राथमिक रूप में यह रोग होता है। 100 में से एक व्यक्ति को माध्यमिक रूप से रेनॉड फेनोमेनन है। कई लोगों को यह रोग होने के जोखिम होते है, जैसे;

  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इसकी नौ गुना अधिक संभावना होती हैं।
  • वैसे तो सभी उम्र के लोगों को रेनॉड हो सकता हैं, लेकिन आमतौर पर 15 से 25 वर्ष की उम्र के बीच इसका प्राथमिक रूप दिखाई देने लगता है।
  • माध्यमिक रेनॉड ज्यादातर 35 वर्ष की उम्र के बाद होने की संभावना ज्यादा होती है।
  • रूमेटाइड गठिया से पीड़ित व्यक्ति को माध्यमिक रेनॉड्स होने की संभावना अधिक होती है।
  • जो लोग कैंसर, माइग्रेन, या उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी रेनॉड फेनोमेनन होने की संभावना अधिक होती है।

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जांच

रेनॉड फेनोमेनन की जांच कैसे की जाती है?

यदि डॉक्टर को शक है कि आपको रेनॉड फेनोमेनन या इस्केमिआ सिंड्रोम हुआ है तो वह लक्षणों से जुड़े कुछ सवाल आपसे पूछेंगे। इसके साथ ही आपके हाथ और पैर की उंगलियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर एक मेग्नीफाई ग्लास (जिसे डर्मोस्कोप कहते है) का इस्तेमाल कर नाखूनों के चारों और रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को देख सकें कि क्या उनका आकार बढ़ गया है।

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इलाज

रेनॉड फेनोमेनन का इलाज कैसे किया जाता है ?

  • रेनॉड फेनोमेनन के शुरूआती लक्षणों से बचने के लिए दस्ताने और मौजे पहन कर ठंड से बचा जा सकता है। रेनॉड में रोग की स्थिति के अनुसार इलाज किया जाता है। इलाज का मुख्य लक्ष्य रेनॉड फेनोमेनन के अटैक की संख्या और गंभीरता को कम करना है, साथ ही ऊतक की क्षति को रोक कर बीमारी का इलाज करना है।
  • रेनॉड फेनोमेनन का इलाज करने के लिए दवाइयां भी दी जाती है। रक्त वाहिकाओं को फैलाने और परिसंचरण (Circulation) को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर दवाई दे सकता है।
  • यदि रेनॉड फेनोमेनन की स्थिति गंभीर है तो डॉक्टर सर्जरी करने की सलाह दे सकते है। इसमें नर्व सर्जरी की जाती है, हाथों और पैरों में सहानुभूति तंत्रिकाएं त्वचा में रक्त वाहिकाओं और संकुचन को नियंत्रित करती हैं। इन नसों को काटने से उनकी अतिरंजित प्रतिक्रियाएं बाधित होती हैं। हाथों या पैरों में छोटे चीरों के जरिये डॉक्टर रक्त वाहिकाओं के चारों ओर छोटी नसों को खींचता है।
  • रेनॉड फेनोमेनन के इलाज में सर्जरी के साथ ही केमिकल इंजेक्शन भी दिया जाता है।

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डिस्क्लेमर

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