परिचय
वॉन विलेब्रांड डिजीज (Von Willebrand Disease) क्या है?
वॉन विलेब्रांड रोग (वीडब्ल्यूडी) ब्लीडिंग डिसऑर्डर से जुड़ी एक समस्या होती है जिसमें खून के थक्के (Blood clotting) जमने की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। यह वॉन विलेब्रांड फैक्टर (VWF) नामक क्लॉटिंग प्रोटीन की कमी के कारण होता है।
अधिकांश लोगों में इसकी समस्या जन्म से होती है, जिसके लक्षण कई सालों तक दिखाई नहीं देते हैं।
इस बीमारी का नाम फिनिश चिकित्सक एरिक वॉन विलेब्रांड के नाम पर पड़ा है, जिन्होंने पहली बार सन् 1920 के दशक में इसका खोज किया था।
कितना सामान्य है वॉन विलेब्रांड डिजीज (Von Willebrand Disease)?
वॉन विलेब्रांड रोग (VWD) ब्लीडिंग डिसऑर्डर से जुड़ी बहुत ही सामान्य समस्या है। अमेरिका की आबादी का लगभग 1% लोग इस समस्या से प्रभावित हैं। भारतीय जनसंख्या को अनुसार यह पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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लक्षण
वॉन विलेब्रांड डिजीज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Von Willebrand Disease)
वॉन विलेब्रांड डिजीज से पीड़ित अधिकतर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। क्योंकि, इसके लक्षण न के बराबर ही दिखाई देते हैं। आमतौर पर इसकी समस्या बढ़ती उम्र के साथ ही बढ़ सकती है। इस स्थिति के सबसे आम संकेत असामान्य रक्तस्राव (Bleeding) है। रक्तस्राव की गंभीरता हर व्यक्ति में भिन्न हो सकती है।
अगर आपको वॉन विलेब्रांड डिजीज (Von Willebrand Disease) है, तो इस तरह के लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं:
- किसी भी चोट लगने या सर्जरी के बाद या किसी भी डेंटल वर्क के बाद बहुत ज्यादा खून बहना
- नाक से खून बहना जो 10 मिनट के अंदर बंद नहीं होता है
- पीरियड्स (Periods) का लंबे समय तक रहना और सामान्य से बहुत ज्यादा खून बहना
- मूत्र या मल में खून आना
- आसानी से चोट लगना या खरोंच होना
महिलाओं में वॉन विलेब्रांड डिजीज के संकेत और लक्षण
- पीरियड्स के दौरान होने वाला रक्तस्त्राव में 1 इंच (2.5 सेमी) से मोटे खून के थक्के होना
- हर एक घंटे के बाद पैड बदलना
- दोहरे पैड के इस्तेमाल की जरूरत होना
- थकावट, थकान या सांस की तकलीफ सहित एनीमिया (Anemia) के लक्षण
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको लंबे समय से या बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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कारण
वॉन विलेब्रांड डिजीज के क्या कारण हैं? (Cause of Von Willebrand Disease)
वॉन विलेब्रांड डिजीज की समस्या वंशानुगत होती है। यह एक असामान्य जीन होता है जो वॉन विलेब्रांड एक प्रोटीन (Protein) की तरह होता है जो रक्त के थक्के बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आपके पास इस प्रोटीन का स्तर कम होता है या यह सही तरीके के काम नहीं करता है, तो ऐसी स्थिति में प्लेटलेट्स (Platelets) नामक छोटी रक्त कोशिकाएं ठीक से एक साथ नहीं चिपक पाती हैं और न ही चोट लगने पर वे खुद को रक्त वाहिका की दीवारों से सामान्य रूप से जोड़ पाती हैं। जिसके कारण थक्के की प्रक्रिया प्रभावित होती है और बहुत ज्यादा खून होता है।
वॉन विलेब्रांड में कारक VIII होता है, जो खून के थक्के को बढ़ाने में मदद करता है। अगर शरीर में कारक VIII का स्तर कम हो जाए, तो इसका जोखिम भी बढ़ सकता है।
इसके अलावा कुछ चिकित्सा स्थितियों के कारण भी इसकी समस्या हो सकती है। इसके कई प्रकार भी होते हैंः
- टाइप 1ः इसमें कारक VIII का स्तर थोड़ा कम है। इसके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं।
- टाइप 2ः इसके कई उपप्रकार हो सकते हैं। इसमें वॉन विलेब्रांड कारक ठीक से काम नहीं करता है। इसके लक्षण आमतौर पर दिखाई देते हैं।
- टाइप 3ः यह दुर्लभ प्रकार होता है। इसमें वॉन विलेब्रांड कारक शरीर में अनुपस्थित होता है और कारक VIII का स्तर भी कम होता है। इसके संकेत और लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जैसे कि जोड़ों और मांसपेशियों में रक्तस्राव।
- एक्वायर्ड वॉन विलेब्रांड डिजीजः यह प्रकार आपके माता-पिता से विरासत में नहीं मिलती है। यह जन्म के बाद विकसित होता है।
जोखिम
कैसी स्थितियां वॉन विलेब्रांड डिजीज (Von Willebrand Disease) के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
वॉन विलेब्रांड डिजीज का मुख्य जोखिम कारक पारिवारिक इतिहास होता है। माता-पिता से ही बच्चों की इसकी बीमारी विरासत में मिलती है।
अधिकांश मामले “ऑटोसोमल प्रमुख विरासत में मिला’ विकार है, जिसका मतलब है कि अगर माता या पिता दोनों में से किसी एक में भी वॉन विलेब्रांड रोग है, तो आपके बच्चे में इसकी समस्या 50 फिसदी तक होती है।
स्थिति का सबसे गंभीर रूप (टाइप 3) “ऑटोसोमल रिसेसिव’ है, जिसका अर्थ है कि माता-पिता दोनों के ही पास असामान्य जीन है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
वॉन विलेब्रांड डिजीज का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Von Willebrand Disease)
वॉन विलेब्रांड डिजीज के अधिक लक्षणों का पता नहीं चलता है। जिस वजह से इसके उपचार में देरी या मुश्किल हो सकती है।अगर आपके पास रक्तस्राव विकार या इससे जुड़ा कोई संकेत है, तो आपका डॉक्टर आपको रक्त विकार विशेषज्ञ (हेमटोलॉजिस्ट) से परामर्श करने की सलाह दे सकते हैं।
वॉन विलेब्रांड रोग की जांच करने के लिए आपका डॉक्टर मेडिकल इतिहास की जानकारी लेंगे और रक्तस्राव के अन्य लक्षणों की जांच करेंगे।
आपका डॉक्टर भी निम्नलिखित ब्लड टेस्ट भी करेंगे:
- वॉन विलेब्रैंड कारक एंटीजन टेस्टः यह टेस्ट एक विशेष प्रोटीन को मापकर आपके खून में वॉन विलेब्रांड कारक के स्तर को निर्धारित करता है।
- वॉन विलेब्रैंड कारक रिस्टोसिटिन कोफैक्टोर गतिविधि टेस्ट: यह टेस्ट थक्के की प्रक्रिया होने में वॉन विलेब्रांड कारक कितनी अच्छी तरह से काम करते हैं इसका पता लगाता है।
- फैक्टर VIII क्लॉटिंग गतिविधि टेस्ट: यह टेस्ट कारक VIII की क्लोटिंग गतिविधि का निदान करता है।
- वॉन विलेब्रांड कारक मल्टीमर्सः यह टेस्ट खून में वॉन विलेब्रांड कारक की विशिष्ट संरचना, इसके प्रोटीन परिसरों (मल्टीमर्स) का मूल्यांकन करता है और इसके अणु कैसे टूट जाते हैं इसकी जांच करता है।
इन परीक्षणों के परिणाम तनाव (Tension), व्यायाम (Workout), संक्रमण (Infection), गर्भावस्था (Pregnancy) या दवाओं के प्रभाव के कारण प्रभावित भी हो सकते हैं। जिसकी वजह से दोबारा इनका टेस्ट किया जा सकता है।
अगर आपको वॉन विलेब्रांड रोग है, तो आपका डॉक्टर आपके परिवार के सदस्यों के साथ भी ये टेस्ट कर सकता है।
वॉन विलेब्रांड डिजीज का इलाज कैसे होता है? (Treatment of Von Willebrand Disease)
कई मामालों में वॉन विलेब्रांड रोग बिना किसी इलाज के आजीवन स्थिति रह सकता है, हालांकि उपचार से रक्तस्राव की समस्या को कम की जा सकती है। आपके उपचार इन स्थितियों पर निर्भर कर सकती हैः
- आपकी स्थिति का प्रकार और गंभीरता
- आपने पिछली थेरेपी कैसी थी
- आप किस तरह की दवाएं इस्तेमाल करते हैं
आपका डॉक्टर आपके वॉन विलेब्रांड कारक को बढ़ाने के लिए निम्न में से एक या अधिक उपचार कर सकते हैं। जो खून के थक्कों को मजबूत कर सकते हैं या महिलाओं में होने वाली भारी मासिक धर्म के रक्तस्राव को नियंत्रित कर सकते हैं:
- DDAVP: इसकी दवा एक इंजेक्शन (DDAVP) या नाक स्प्रे (Stimate) के रूप में उपलब्ध है। यह प्राकृतिक हॉर्मोन वैसोप्रेसिन के समान सिंथेटिक हार्मोन है। यह आपके रक्त वाहिकाओं के अस्तर में पहले से ही संग्रहीत अधिक वॉन विलेब्रांड कारक को कम करने के लिए आपके शरीर को उत्तेजित करके रक्तस्राव को नियंत्रित करता है। DDAVP आमतौर पर टाइप 1 और टाइप 2 बीमारी के कुछ उपप्रकार वाले लोगों के लिए प्रभावी होती है।
- रिप्लेसमेंट थेरिपीः इनमें वॉन विलेब्रांड कारक और कारक VIII युक्त रक्त के थक्कों का उपचार किया जाता है। हालांकि, FDA ने यह थेरिपी सिर्फ 18 साल या उससे बड़ी उम्र के वयस्कों के लिए भी व्यवस्थित की है।
- थक्के को स्थिर करने वाली दवाएंः ये एंटी-फाइब्रिनोलिटिक दवाएं होती हैं। जो खून के थक्कों के टूटने की प्रक्रिया को धीमा करती हैं और रक्तस्राव को रोकने में मदद करती हैं।
- घाट पर दवाओं का इस्तेमालः फाइब्रिन सीलेंट (टिशेल वीएचएसडी) को सीधे कट या घाव वाले स्थान पर रखा जाता है, जिससे रक्तस्राव कम करने में मदद मिलती है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे वॉन विलेब्रांड डिजीज (Von Willebrand Disease) को रोकने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको वॉन विलेब्रांड डिजीज से बचने में मदद कर सकते हैं:
- दर्द निवारक दवाओं का सेवन कम करें। क्योंकि, यह खून को पतला करने में मददगार हो सकते हैं। आपका डॉक्टर इसके बजाय अन्य दर्द और बुखार (Fever) निवारक दवाओं की सलाह दे सकते हैं।
- किसी भी तरह की सर्जरी या उपचार कराने से पहले अपने स्वास्थ्य की जानकारी अपने डॉक्टर और सर्जन को दें।
- स्वस्थ वजन बनाएं रखें।
- शारीरिक गतिविधियों में एक्टिव रहें।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।