सर्जरी की जगह
दूसरी ट्रीटमेंट के साथ सर्जरी की जगह बोन कैंसर के लिए रेडिएशन थेरिपी का यूज किया जाता है। यह ऐसे कैंसर के लिए उपयोग होती है जो पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। यह थेरिपी ट्यूमर की ग्रोथ को कंट्रोल करने और दूसरे लक्षणों जैसे कि दर्द और सूजन को कंट्रोल करने में मदद करती है।
बोन कैंसर में रेडिएशन थेरिपी के प्रकार (Radiation therapy types)
बोन कैंसर में रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy in bone cancer) के कई प्रकार यूज होते हैं। चूंकि हड्डी के कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन के हाय डोज की आवश्यकता होती है, डॉक्टर आमतौर पर इलाज करते समय विशेष प्रकार की रेडिएशन थेरिपी का उपयोग करते हैं। ये दृष्टिकोण उन्हें रेडिएशन बीम की स्ट्रेंथ को नियंत्रित करने की अनुमति देते हैं ताकि हाय डोज ट्यूमर तक पहुंच जाए और आस-पास के ऊतकों को नुकसान न पहुंचाएं।
इंटेंसिटी मॉड्यूलेटेड रेडिएशन थेरिपी (Intensity-modulated radiation therapy)
बोन कैंसर में रेडिएशन थेरिपी के इस प्रकार में एक कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग ट्यूमर तक रेडिएशन बीम्स को अलग-अगल एंगल से टार्गेट करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही बीम्स की स्ट्रेंथ को भी एडजस्ट किया जाता है। जिससे रेडिएशन डोज को बढ़ाने से आसपास के टिशूज के डैमेज का खतरा कम होता है।
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स्टेरियोटेक्टिक रेडियोसर्जरी (Stereotactic radiosurgery)
इस टेक्नीक के जरिए स्माल ट्यूमर एरिया के लिए डॉक्टर रेडिएशन के बड़े डोज का इस्तेमाल करते हैं। जो आमतौर पर एक सेशन में दिया जाता है। ट्यूमर की स्पष्ट लोकेशन को बताने वाले इमेजिंग टेस्ट के होने के बाद रेडिएशन की एक बहुत पतली बीम प्रभावित एरिया को अलग-अगल एंगल से फोकस करती है। यह रेडिएशन सोर्स और कंप्यूटर कंट्रोल्ड रोबोटिक आर्म के जरिए होता है जो व्यक्ति के लेटने के बाद रोटेट होती है।
कई बार डॉक्टर कई छोटे ट्रीटमेंट्स में रेडिएशन का हाय डोज देते हैं जिसे स्टिरियोटेक्टिक बॉडी रेडियोथेरिपी (Stereotactic body radiotherapy) कहा जाता है।
प्रोटॉन बीम रेडिएशन थेरिपी (Proton-beam radiation therapy)