रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy) कैसे दी जाती है?
लिवर कैंसर में रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy in liver cancer) दो प्रकार से दी जाती है। एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी ओर रेडियोएम्बोलिजेशन। इन दोनों के बारे में विस्तार से जान लीजिए।
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एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी (External beam radiation therapy)
एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी (External beam radiation therapy) शरीर के बाहर के किसी स्रोत से निकलने वाले रेडिएशन को कैंसर पर केंद्रित करती है। रेडिएशन थेरिपी प्राप्त करना एक्स-रे प्राप्त करने जैसा है, लेकिन रेडिएशन अधिक स्ट्रॉग्न होता है। यह पूरी प्रक्रिया दर्द रहित होती है। प्रत्येक उपचार केवल कुछ मिनटों तक चलता है, हालांकि सेटअप का समय, मरीज को उपचार सही जगह लेना जाना इन सब में आमतौर पर अधिक समय लगता है। अक्सर, ईबीआरटी (EBRT) ट्रीटमेंट रेडिएशन का छोटा डोज होता है जो सप्ताह में 5 दिन कई हफ्तों तक दिया जाता है।
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लिवर कैंसर में रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy in liver cancer) देते वक्त ये बातें रखी जाती हैं ध्यान
लिवर की कैंसर कोशिकाएं रेडिएशन के प्रति संवेदनशील होती हैं, उपचार की योजना बनाते समय अधिक से अधिक सावधानी बरती जाती है ताकि सामान्य लिवर टिशूज को नुकसान न पहुंचे। नई रेडिएशन टेक्निक, जैसे स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडिएशन थेरेपी (SBRT), डॉक्टरों को लिवर ट्यूमर को टार्गेट करने में मदद करती है, और आसपास के हेल्दी टिशूज तक रेडिएशन को रोकने का काम करती है। यह इसे और अधिक प्रभावी बनाता है और साइड इफेक्ट को कम करता है।
एसबीआरटी ईबीआरटी की तुलना में कम समय में उपचार पूरा करने की अनुमति देता है। इसमें हाय डोज फोकस्ड बीम के रेडिएशन का उपयोग एक या कुछ दिनों के लिए किया जाता है । बीम कई अलग-अलग एंगल से ट्यूमर को टार्गेट करते हैं। रेडिएशन को सटीक रूप से केंद्रित करने के लिए, व्यक्ति को प्रत्येक उपचार के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए बॉडी फ्रेम में रखा जाता है। इस प्रकार के विकिरण का उपयोग छोटे कैंसर वाले लोगों में किया जा सकता है जो लिवर ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
रेडियोएम्बोलिजेशन (Radioembolization)