शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द की समस्या शुरू हो जाए, तो शारीरिक एवं मानसिक परेशानी दोनों बढ़ जाती है और दर्द की समस्या किसी ना किसी परेशानी की ओर इशारा करती है। आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ लिवर में दर्द (Liver Pain) से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहें हैं। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में 22 प्रतिशत युवाओं को डायजेशन से जुड़ी समस्या से पीड़ित हैं। एक गट हेल्थ सर्वे (Gut Health Survey) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 13 प्रतिशत लोग गंभीर कॉन्स्टिपेशन की समस्या से पीड़ित हैं। लिवर भी डायजेस्टिव सिस्टम का हिस्सा है और लिवर से जुड़ी तकलीफ को इग्नोर करना किसी गंभीर परेशानियों को दावत देने से कम नहीं है।
लिवर में दर्द के कारण क्या हैं?
लिवर का हेल्दी रहना क्यों जरूरी है?
लिवर में दर्द की समस्या का निदान कैसे किया जाता है?
लिवर में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है?
लिवर में दर्द की समस्या से बचाव के लिए क्या करें?
डॉक्टर से कब संपर्क करना है जरूरी?
चलिए अब लिवर एवं लिवर में दर्द से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
बुद्ध-च्यारी सिंड्रोम (Budd-Chiari syndrome) की समस्या होना।
विल्सन डिजीज (Wilson’s disease) की समस्या होना।
पोर्टल वेन थ्रॉम्बोसिस (Portal vein thrombosis) की समस्या होना।
लिवर एब्सेस (Liver abscess) या पॉकेट ऑफ इंफेक्शन (Pocket of infection) की समस्या होना।
लिवर सिस्ट (Liver cysts) की समस्या होना।
लिवर ट्रॉमा (Liver trauma) या इंजुरी (Injury) की समस्या होना।
इन कारणों की वजह से लिवर में दर्द की समस्या हो सकती है और लिवर में दर्द की समस्या को इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
लिवर का हेल्दी रहना क्यों जरूरी है? (Importance of Liver)
शरीर में लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह खाने को डायजेस्ट करने और शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। अब इसे आसान शब्दों में समझते हैं। दरअसल जब हम कुछ खाते हैं, तो आहार के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं, ब्लड की मदद से लिवर तक पहुंचता है। लिवर पोषक तत्वों को अलग करने में अपनी मुख्य भूमिका अदा करता है। इसलिए लिवर का स्वस्थ रहना जरूरी है। अगर लिवर से जुड़ी कोई परेशानी या लिवर में दर्द की समस्या शुरू होती है, तो शरीर को पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
अगर पेशेंट को लिवर पेन के साथ-साथ कोई अन्य भी परेशानी है, तो इन टेस्ट के अलावा जरूरत पड़ने पर अन्य टेस्ट करवाने की भी सलाह दी जा सकती है।
इन टेस्ट रिपोर्ट्स को ध्यान में रखकर और पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) को समझते हुए लिवर में दर्द का इलाज शुरू करते हैं। इलाज के दौरान डॉक्टर पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) और हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखते हुए इलाज करते हैं।
लिवर में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Liver Pain)
लिवर में दर्द की समस्या होने पर कारणों को समझकर डॉक्टर मेडिकेशन प्रिस्क्राइब करते हैं। जैसे:
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) की समस्या होने पर लैमीवुडीन (Lamivudine) या एडेफोविर (Adefovir) प्रिस्क्राइब की जाती है।
हेपेटाइटिस सी की समस्या होने पर लेडिपासवीर/सोफोसबुविर (Ledipasvir/Sofosbuvir) प्रिस्क्राइब की जाती है।
अमोनिया लेवल को कम करने के लिए लैक्टुलोज (Lactulose to lower ammonia levels) दी जाती है।
अमोनिया को बनने से रोकने के लिए रिफैक्सिमिन (Rifaximin to prevent ammonia buildup) दी जाती है।
ऐसा अन्य कारणों को समझते हुए लिवर पेन के इलाज के लिए अलग-अलग दवा प्रिस्क्राइब की जाती है।
नोट: लिवर में दर्द होने पर ऊपर बताये दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से ना करें, क्योंकि इससे नुकसान पहुंच सकता है। दवाओं के नाम का जिक्र सिर्फ आपकी जानकारी के लिए शेयर की गई है।
अगर आप लिवर में दर्द (Liver Pain) की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में लापरवाही ना बरतें। आपकी छोटी सी लापरवाही आपको गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना सकती हैं। इसलिए डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्ट करें, वॉक (Walk) करें, योग (Yoga) करें और पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें और हेल्दी लाइफ स्टाइल (Healthy lifestyle) फॉलो करें। अगर आप लिवर या लिवर में दर्द (Liver Pain) की समस्या से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। यहां हम आपके साथ योग महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहें हैं, जिसकी मदद से आप अपने दिनचर्या में योग को शामिल कर सकते हैं। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।
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