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टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer): क्या कारण हो सकते हैं इस स्पाइनल कैंसर के, जानिए

और द्वारा फैक्ट चेक्ड AnuSharma


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/04/2022

    टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer): क्या कारण हो सकते हैं इस स्पाइनल कैंसर के, जानिए

    कैंसर एक ब्रॉड टर्म है। इसे उस डिजीज के रूप में पारिभाषित किया जाता है, जब सेलुलर चेंजेज के कारण सेल्स की अनकंट्रोलड ग्रोथ और डिवीजन होती है। कुछ तरह के कैंसर रैपिड सेल्स ग्रोथ का कारण बनते हैं, जबकि अन्य कैंसर स्लो रेट से सेल्स के ग्रो और डिवाइड होने की वजह बन सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि कैंसर दुनिया भर में सेकंड-लीडिंग डेथ्स का कारण है। लेकिन, एडवांस मेडिकल फैसिलिटीज से अब इसका सर्वाइवल रेट भी सुधर रहा है। एक तरह के कैंसर को टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के नाम से भी जाना जाता है। आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं। आइए जानें टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के बारे में विस्तार से।

    टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) क्या है?

    स्पाइन के बॉटम के एक छोटी बोन को टेलबोन के नाम से जाना जाता है। टेलबोन में कई तरह के कैंसर होते हैं, जिन्हें कोक्सीक्स (Coccyx) भी कहा जाता है। टेलबोन एक बोनी ट्रायंगुलर स्ट्रक्चर (Bony triangular structure) है जो सेक्रम (Sacrum) के नीचे स्पाइन के बॉटम में लोकेटेड होता है। टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer), वो कैंसर हो सकता है जो आपके शरीर में कहीं और मौजूद कैंसर से भी फैल सकते हैं, जैसे कि आपके लंग्स से। टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के प्रकार के बारे में जानने से पहले इसके कारणों के बारे में जान लेते हैं।

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    टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के कारण

    कैंसर को सेल्स के भीतर डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण माना जाता है। एक सेल के अंदर डीएनए बड़ी संख्या में अलग-अलग जीन्स में पैक होता है, जिनमें से प्रत्येक में इंस्ट्रक्शंस का एक सेट होता है, जो सेल को बताता है कि क्या कार्य करना है, साथ ही साथ उन्हें कैसे बढ़ना और मल्टीप्लाय होना है। इंस्ट्रक्शंस में निर्देशों में एरर के कारण कोशिका अपना सामान्य कार्य करना बंद कर सकती है और कोशिका कैंसरस हो सकती है। अब जानते हैं कि टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?

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    टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के रिस्क फैक्टर्स

    अधिकतर कैंसर उन लोगों में पाए जाते हैं जिनमें कोई भी ज्ञात रिस्क फैक्टर नहीं होते हैं। लेकिन, कुछ फैक्टर्स इस कैंसर का रिस्क बढ़ा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    • उम्र (Age): कैंसर चाहे कोई भी हो, उसे डेवेलप होने में कई साल लग सकते हैं। यही कारण है कि अधिकतर लोग जिनमें यह समस्या पाई जाती है, वो साथ से अधिक उम्र के होते हैं। हालांकि, यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है।
    • आपकी आदतें (Your habits): कुछ लाइफस्टाइल चोइसस भी कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकती हैं। अधिक स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, मोटापा, सूरज की हानिकारक किरणों के सम्पर्क में आना आदि इसके रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं।
    • फैमिली हिस्ट्री (Family history): हालांकि, बहुत कम मामलों में टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) का कारण फैमिली हिस्ट्री को माना जाता है। लेकिन अगर आपके परिवार में यह समस्या है तो आपको इसे होने की संभावना भी हो सकती है।
    • हेल्थ कंडिशंस (Health conditions): कुछ क्रॉनिक हेल्थ कंडिशंस से खास कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। इनके बारे में डॉक्टर से बात करें। अब जानते हैं टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के प्रकारों के बारे में।

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    टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के प्रकार

    टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के लक्षणों के बारे में जानने के लिए हमें इसके प्रकारों के बारे में पता होना चाहिए। ताकि, हम इसके लक्षणों को पहचान कर सही उपचार करा सकें। आइए जानें कौन से हैं इसके प्रकार:

    कॉर्डोमा (Chordoma)

    कॉर्डोमा एक दुर्लभ तरह का कैंसरस ट्यूमर है, जो स्पाइन में पाया जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जन (American Academy of Orthopedic Surgeons) के अनुसार, कॉर्डोमा के अक्सर होने वाली जगहों में से एक टेलबोन भी है। इस कैंसर के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    यह तो थे इस समस्या के कुछ लक्षण। अब जानते हैं कि कैसे संभव है इसका उपचार?

    टेलबोन कैंसर,Tailbone Cancer.

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    कॉर्डोमा का उपचार (Chordoma treatment)

    इस टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के उपचार में स्टैंडर्ड रेडिएशन और कीमोथेरेपी को बेहद प्रभावी नहीं माना जाता है। इसलिए इसके उपचार के लिए सर्जरी को बेहतरीन ट्रीटमेंट ऑप्शन माना गया है। टेलबोन कॉर्डोमा पर सर्जरी को मुश्किल माना जा सकता है, क्योंकि यह स्पाइनल कॉर्ड के बिलकुल क्लोज होता है। जब कॉर्डोमा को रिमूव करते हैं, तो सर्जन इसके आसपास के कुछ नार्मल टिश्यूज को भी रिमूव कर सकते हैं। कई बार, अगर ट्यूमर के बहुत नजदीक बहुत जरूरी स्ट्रक्चर हो, तो सर्जरी के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे:

    • पेल्विक बोन स्टेबिलिटी का लॉस
    • टांगों में वीकनेस
    • बॉवेल या ब्लैडर कंट्रोल इश्यूज
    • ग्रोइन के एरिया में सेंसेशन की कमी

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    वर्टेब्रल ट्यूमर (Vertebral tumor)

    अधिकतर वर्टेब्रल ट्यूमर को मेटास्टैटिक माना जाता है। इसका अर्थ है कि वो शरीर में कहीं और कैंसर से फैलते हैं। हालांकि, स्पाइन तक किसी भी तरह का कैंसर स्प्रेड हो सकता है, लेकिन इन कैंसरस के फैलने की संभावना अधिक होती है:

    इस टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के लक्षण कॉर्डोमा (Chordoma) के लक्षणों जैसे हो सकते हैं। यही नहीं इसके उपचार के लिए सर्जरी (Surgery), कीमोथेरेपी (Chemotherapy),रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy), स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (Stereotactic radiosurgery) आदि की सलाह दी जा सकती है।

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    कोलन कैंसर (Colon cancer)

    कोलन कैंसर से पीड़ित कुछ लोग टेलबोन में दर्द का अनुभव कर सकते हैं। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    इस टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के उपचार में सर्जरी जिसमें कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) या एंडोस्कोपी (Endoscopic) के साथ ही कीमोथेरेपी (Chemotherapy), रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy), टार्गेटेड ड्रग थेरेपी (Targeted drug therapy), इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) आदि की सलाह दी जा सकती है। अब जानते हैं कि टेलबोन पेन (Tailbone Pain) के अन्य कारण क्या हो सकते हैं?

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    टेलबोन पेन के अन्य कारण

    ऐसा जरूरी नहीं कि टेलबोन पेन (Tailbone Pain) का कारण केवल टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) हो। इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे:

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    यह तो थी जानकारी टेलबोन कैंसर (Tailbone Cancer) के बारे में। लगातार टेलबोन में दर्द होना कुछ तरह के कैंसर से संबंधित हो सकती है। लेकिन, इसका कारण शरीर के अन्य अंगों के कैंसर के कारण भी हो सकता है। यह दर्द अक्सर बिनाइन होती है। लेकिन, अगर आपको टेलबोन में लगातार और गंभीर दर्द हो रही है तो उसे नजरअंदाज न करें। बल्कि, तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और स्क्रीनिंग कराएं। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से उन्हें जानना न भूलें।

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