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Spinal Cord Tumor: नजरअंदाज न करें इस कैंसर के लक्षणों को !

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/03/2022

    Spinal Cord Tumor: नजरअंदाज न करें इस कैंसर के लक्षणों को !

    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor), स्पाइनल कॉर्ड में या उसके आसपास होने वाली एब्नार्मल टिश्यू ग्रोथ को कहा जाता है। यहां तक की बिनाइन स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर से कई गंभीर न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। क्योंकि, इसके ग्रो होने से स्पाइनल कॉर्ड पर प्रेशर पड़ सकता है। इस स्थिति में तुरंत निदान और उपचार होना जरूरी है। ताकि, इस परमानेंट स्पाइनल कॉर्ड डैमेज से बचा जा सके। ट्रीटमेंट ऑप्शंस में रीसेंट अडवांसमेंट्स, सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स और सर्जिकल टेक्निक्स से इस तरह के ट्यूमर का उपचार अब आसान हो गया है। आइए पाएं स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) के बारे में पूरी जानकारी।

    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) के प्रकार क्या हैं?

    इस ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) को इंट्राड्यूरल ट्यूमर (Intradural tumor) भी कहा जाता है। स्पाइनल ट्यूमर को तीन अलग-अलग प्रकारों में से एक के रूप में क्लासिफाइड किया जा सकता है, जहां वे स्पाइनल कॉर्ड की प्रोटेक्टिव मेमब्रेन के रेलेटिव होते हैं। इंट्राड्यूरल ट्यूमर (Intradural tumor) के मुख्य प्रकार इस तरह से हैं:

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    इंट्रामेडुलरी ट्यूमर (Intramedullary tumors)

    यह ट्यूमर स्पाइनल कॉर्ड के सेल्स में शुरू होता है जैसे ग्लियोमास (Gliomas), एस्ट्रोसाइटोमास (Astrocytomas) या एपेंडिमोमास (Ependymomas)।

    एक्स्ट्रामेडुलरी ट्यूमर (Extramedullary tumors)

    एक्स्ट्रामेडुलरी ट्यूमर (Extramedullary tumors) स्पाइनल कॉर्ड के आसपास की मेम्ब्रेन या नर्व रूट्स में ग्रो होता है। हालांकि, यह स्पाइनल कॉर्ड से शुरू नहीं होते हैं, लेकिन इस तरह का ट्यूमर स्पाइनल कॉर्ड कम्प्रेशन का कारण बन के स्पाइनल कॉर्ड फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। इसके उदाहरणों में मेनिंगिओमास (Meningiomas), न्यूरोफिब्रोमास (Neurofibromas) आदि शामिल है। अब जानते हैं इस समस्या के लक्षणों के बारे में।

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    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) के लक्षण क्या हैं?

    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) के विभिन्न लक्षण हो सकते हैं खासतौर पर जब यह ट्यूमर ग्रो होता है। यह ट्यूमर हमारी स्पाइनल कॉर्ड या नर्व रुट, ब्लड वेसल्स या स्पाइन की बोन्स को प्रभावित कर सकता है। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    पीठ दर्द स्पाइनल ट्यूमर के आम शुरुआती लक्षणों में शामिल है। यह दर्द हमारी पीठ से लेकर हिप्स, टांगों, पैरों या बाजुओं तक फैल सकती है और समय के साथ बदतर हो सकती है। अब जानते हैं कि क्या हैं इसके कारण?

    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर , Spinal Cord Tumor
    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर , Spinal Cord Tumor

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    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) के कारण क्या हैं?

    यह स्पष्ट नहीं है कि अधिकतर स्पाइनल ट्यूमर क्यों डेवलप होते हैं। एक्सपर्ट्स ऐसा मानते हैं कि डिफेक्टिव जींस इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन, आमतौर यह जानकारी नहीं है कि क्या ऐसे जेनेटिक डिफेक्ट्स इनहेरिटेड हैं या बस समय के साथ विकसित होते हैं। इसके कारणों को एनवायर्नमेंटल भी माना जा सकता है जैसे किसी खास केमिकल के संपर्क में आना आदि। स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर्स (Spinal Cord Tumor) को कई इनहेरिटेड सिंड्रोम्स से भी जोड़ा जाता है जैसे  न्यूरोफायब्रोमैटोसिस2 (Neurofibromatosis 2), वॉन हिप्पेल-लिंडायो डिजीज (Von Hippel-Lindau Disease) आदि।

    इस ट्यूमर के कारण स्पाइनल नर्वज कंप्रेस हो जाती है, जिससे रोगी की मूवमेंट में समस्या आती है या ट्यूमर की लोकेशन के नीचे की सेंसेशन लॉस हो जाती है। नर्व डैमेज परमानेंट हो सकती है। हालांकि, अगर इस समस्या का निदान और उपचार जल्दी हो जाए, तो इस समस्या से बचाव संभव है। जानिए इस समस्या के निदान के बारे में।

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    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) का निदान कैसे है संभव?

    इस समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर रोगी से उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानेंगे और फिजिकल जांच करेंगे, इसमें डिटेल्ड न्यूरोलॉजिकल असेसमेंट भी शामिल है। इसके साथ ही कई अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दी जा सकती है, जैसे:

    • सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड एनालिसिस (Cerebrospinal fluid analysis), ताकि ट्यूमर सेल्स की जांच की जा सके।
    • रेडियोलॉजिकल इमेजिंग स्टडी (Radiological imaging studies), ताकि ट्यूमर की लोकेशन और अपीयरेंस को आयडेंटिफाय किया जा सके।
    • मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग स्कैन (Magnetic resonance imaging scan), इससे डॉक्टर को ट्यूमर के स्ट्रक्चर के व्यू, सही लोकेशन और स्पाइनल कॉर्ड के रिलेशन में साइज के बारे में जानने में मदद मिलेगी।
    • कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (Computed tomography Scan), सीटी स्कैन का इस्तेमाल बोन स्ट्रक्चर के बेहतरीन व्यू के लिए किया जाता है।
    • बायोप्सी (Biopsy), बायोप्सी टिश्यू के पीस या शरीर के सेल्स से सैंपल को रिमूव करने के प्रोसीजर को कहा जाता है। ताकि, लैब में इसे टेस्ट किया जा सके।

    इन टेस्ट्स के अलावा भी डॉक्टर रोगी को अन्य टेस्ट्स के लिए कह सकते हैं। अब जानते हैं कि स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) का उपचार कैसे किया जाता है?

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    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) का ट्रीटमेंट

    इस रोग के उपचार का मुख्य उद्देश्य होता है ट्यूमर को पूरी तरह से रिमूव करना। लेकिन, इसमें स्पाइनल कॉर्ड और उसकी आसपास की नर्वज को परमानेंट डैमेज का जोखिम रहता है। इसके उपचार में रोगी की उम्र, हेल्थ, ट्यूमर का प्रकार आदि भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते  हैं। इस समस्या का ट्रीटमेंट करने के लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है।

    मॉनिटरिंग (Monitoring)

    कुछ स्पाइनल ट्यूमर्स का निदान उनके लक्षणों के नजर आने से पहले ही हो सकता है। अगर स्मॉल ट्यूमर ग्रो नहीं कर रहा है या आसपास के टिश्यूज प्रेस हो गए हों, तो उन्हें मॉनिटर करना बेहद जरूरी है। ऑब्जरवेशन के दौरान डॉक्टर पीरिऑडिक सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन के लिए कह सकते हैं।

    सर्जरी (Surgery)

    इस ट्रीटमेंट में जरूरत पड़ने पर ट्यूमर को रिमूव किया जा सकता है। लेकिन, इसमें स्पाइनल कॉर्ड या नर्व इंजरी डैमेज का जोखिम बढ़ सकता है। डॉक्टर सर्जरी के दौरान स्पाइनल कॉर्ड और अन्य महत्वपूर्ण नसों के कार्य की मॉनिटरिंग भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।

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    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) में रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy)

    रेडिएशन थेरेपी से ट्यूमर के उन अवशेष यानी रेम्नेंट्स को रिमूव किया जाता है, जो सर्जरी के बाद बच जाते हैं। कुछ दवाएं रेडिएशंस के कुछ दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि जी मिचलाना और उल्टी आना आदि। कभी-कभी, डैमेज्ड हेल्दी टिश्यूज की मात्रा को कम करने और उपचार को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करने के लिए आपके रेडिएशन थेरेपी रेजिमेन को एडजस्ट किया जा सकता है।

    कीमोथेरेपी (Chemotherapy)

    कई तरह के कैंसरस के उपचार के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कुछ मेडिकेशन्स का इस्तेमाल किया जाता है ताकि कैंसर सेल्स को नष्ट किया जा सके और उन्हें ग्रो होने से बचा जा सकता। इनका इस्तेमाल रेडिएशन थेरेपी के साथ या बिना किया जा सकता है। हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं जैसे थकावट, उल्टी आना, जी मिचलाना आदि।

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    स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) में अन्य दवाइयां (Other drugs)

    सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी के साथ ही स्वयं ट्यूमर के कारण स्पाइनल कॉर्ड में इंफ्लेमेशन हो सकती है। इसलिए डॉक्टर कई बार कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) की सलाह दे सकते हैं, ताकि सूजन के बाद या रेडिएशन ट्रीटमेंट के बाद सूजन कम हो सके। हालांकि, कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) से सूजन कम हो सकती है। लेकिन, अगर लंबे समय तक इनका इस्तेमाल किया जाए तो गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

    यह तो थी स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor) के बारे में जानकारी। इसके लक्षणों को पहचानें और तुरंत इसका उपचार कराएं। जल्दी उपचार से इसके कारण होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है। यही नहीं, इससे मरीज को जल्दी स्वस्थ होने में भी मदद मिलती है। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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