सर्जरी का उद्देश्य ट्यूमर को निकालने के लिए किया जाता है। वहीं, कीमोथेरिपी और रेडिएशन थेरिपी से सर्जरी से पहले ट्यूमर को सिकोड़ा जाता है। इसके बाद ही सर्जरी की जाती है। कीमोथेरिपी, रेडिएशन थेरिपी या सर्जरी के बाद भी ट्यूमर पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाता है तो डॉक्टर दवाओं के साथ उसका इलाज करते हैं।
और पढ़ें: किडनी कैंसर के क्या हैं लक्षण, जानिए क्या है इसका इलाज?
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो विल्म्स ट्यूमर (Wilms’ tumor) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
- विल्म्स ट्यूमर के संबंध में डॉक्टर के पास जाने से पहले अपने साथ बच्चे का पसंदीदा खिलौना या किताबें ले लें। ताकि बच्चा बोर न हो सकें।
- बच्चे के ट्रीटमेंट के दौरान उसके साथ रहें।
- बच्चे को प्रोत्साहित करते रहें।
- सर्जरी के बाद अस्पताल से घर आने पर आप बच्चे को सामान्य दिनचर्या को फॉलो करने के लिए प्रेरित करें।
- बच्चे के स्वास्थ्य की जांच रोजाना घर पर करते रहें। जैसे- आप उसके शरीर का तापमान आदि जांचते रहें।
- बच्चे के डायट का ध्यान रखें। डॉक्टर ने जो चीजें खिलाने के लिए कहा है, वहीं खिलाएं।
- बच्चे के साफ-सफाई का ध्यान रखें। दांतों, त्वचा आदि का खास ध्यान रखें।
- समय-समय पर बच्चे को डॉक्टर के पास ले कर जाते रहें।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और विल्म्स ट्यूमर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।