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Cervical Biopsy: कैसे की जाती है सर्वाइकल बायोप्सी, जानिए इसके बारे में अहम जानकारी!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/03/2022

    Cervical Biopsy: कैसे की जाती है सर्वाइकल बायोप्सी, जानिए इसके बारे में अहम जानकारी!

    शरीर में कैंसर की बीमारी कभी भी जन्म ले सकती है। लाइफस्टाइल की खराबी के कारण कैंसर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। कैंसर की बीमारी के कारण कुछ लोगों के शरीर में लक्षण दिखते हैं, वहीं कुछ लोगों को कैंसर की आखिरी स्टेज में इस बीमारी के बारे में जानकारी मिलती है। अगर कैंसर की बीमारी को शुरू में ही डायग्नोज कर लिया जाए, तो बीमारी का ट्रीटमेंट संभव होता है। शरीर में किसी भी प्रकार के लक्षण दिखते हैं या फिर डॉक्टर रेगुलर पैप स्मीयर एग्जामिनेशन के बाद एब्नॉर्मल रिजल्ट पाते हैं, तो ऐसे में वह सर्वाइकल बायोप्सी (Cervical Biopsy) की सलाह दे सकते हैं।सर्वाइकल बायोप्सी (Cervical Biopsy) क्यों की जाती है और इसकी सहायता से बीमारी के बारे में कैसे जानकारी मिलती है, हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे।

    सर्वाइकल बायोप्सी (Cervical Biopsy)

    गर्भ के सर्विक्स (Cervix) एरिया में सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत होती है। इंटरनैशनल फेडरेशन ऑफ गायनोकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स (FIGO) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के 4 स्टेज होते हैं। सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स को प्रभावित करता है और साथ ही आसपास के टिशू में भी फैल सकता है। सर्वाइकल बायोप्सी एक सर्जिकल प्रोसेस है, जिसमें सर्विक्स से टिशू की एक छोटी मात्रा को हटा दिया जाता है। सर्विक्स योनि के अंत में स्थित गर्भाशय का निचला, संकरा सिरा होता है। सर्विक्स की बायोप्सी आमतौर पर नियमित पैल्विक टेस्ट या पैप स्मीयर के दौरान असामान्यता पाए जाने के बाद की जाती है। एचपीवी या पहले से कैंसरस सेल्स मौजूद होने के कारण ये समस्या बढ़ जाती है। एचपीवी के कारण सर्वाइकल कैंसर की समस्या सबसे ज्यादा होती है और यह दुनिया भर में इस प्रकार के कैंसर का सबसे आम कारण है। जानिए सर्वाइकल बायोप्सी में क्या शामिल है, और इसके जोखिमों, रिकवरी आदि से संबंधित जानकारी हम आपको यहां देंगे।

    और पढ़ें: स्टेज 4 सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लक्षणों और इलाज को समझें यहां!

    सर्वाइकल बायोप्सी कितने प्रकार की हो सकती हैं?

    कोलपोस्कोपिक बायोप्सी (Colposcopic biopsy)- इस प्रकार की बायोप्सी में सर्विक्स में कुछ मात्रा में टिशू लिए जाते हैं, जो कि एक इंस्ट्रूमेंट की सहायता से किया जाता है। इसे बायोप्सी फॉरसेप के नाम से भी जाना जाता है। आपके सर्विक्स को डाई से रंगा जा सकता है ताकि डॉक्टर के लिए किसी भी एब्नॉर्मलटी को देखना आसान हो सके।

    कोन बायोप्सी (Cone biopsy)- यह सर्जरी सर्किक्स से टिशू के बड़े, कोन के आकार के टुकड़ों को हटाने के लिए एक स्केलपेल या लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान आपको जनरल एनेस्थेटिक दिया जाता है, जिससे कि नींद का एहसास होता है।

    एंडोसर्विकल क्यूरेटेज (Endocervical curettage)- इस प्रक्रिया के दौरान, एंडोसर्विकल कैनाल (गर्भाशय और योनि के बीच का क्षेत्र) से कोशिकाओं को हटा दिया जाता है। इस प्रोसेस को एक इंस्ट्रूमेंट की मदद से किया जाता है जिसे “क्यूरेट” कहा जाता है। इस बायोप्सी को अपनाया जाएगा या फिर नहीं, ये डॉक्टर ही बता सकते हैं। आपको इसके बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए।

    और पढ़ें: स्टेज 3 सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लक्षणों और इलाज को समझें यहां!

    सर्वाइकल बायोप्सी की क्यों पड़ती है जरूरत?

    जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि कैंसर के लक्षण कुछ लोगों में दिखाई देते हैं, वहीं कुछ लोगों में इसके लक्षण बाद में पता चलते हैं। अगर आपको इंटरकोर्स या सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हो रहा है या फिर अचानक से ही वजायनल ब्लीडिंग शुरू हो जाती है, तो ऐसे में बायोस्पी की हेल्प से इस बारे में पता लगाया जाता है। बॉयोसप्सी  की हेल्प से जेनिटल वार्ट्स और सर्वाइकल पॉलिप हटाने में मदद मिलती है। डॉक्टर आपसे फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। अगर आपकी फैमिली में किसी को पहले से सर्वाइकल कैंसर की समस्या रही है, तो ऐसे में आपको भी इसका खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर यह चेक कर सकते हैं कि कहीं लिम्फ नोड्स या असामान्य सूजन तो नहीं है। जांच के बाद ही पता लगाया जा सकता है कि आपको सर्वाइकल कैंसर है या फिर नहीं।

    सर्वाइकल बायोप्सी पीरियड के 1 सप्ताह के बाद कराना चाहिए। ऐसा करने से डॉक्टरों को क्लीन सैंपल देने में आसानी होती है। साथ ही आप डॉक्टर से उन मेडिकेशंस के बारे में भी बता सकती हैं, जो फिलहाल आप ले रही हैं। ऐसे में डॉक्टर आपको कुछ दवाओं को ना लेने की सलाह देंगे, जिसमें एस्पिरिन, आइब्रूफेन आदि शामिल है। आपको सर्वाइकल बायोप्सी के करीब 24 घंटे पहले वजायनल क्रीम, टैम्पून आदि का इस्तेमाल करने बचना चाहिए। डॉक्टर से आप खाने के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। परिवार के किसी सदस्य या मित्र को साथ जरूर ले जाएं।

    और पढ़ें: स्टेज 2 सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लक्षणों और इलाज को समझें यहां!

    क्या होता है सर्वाइकल बायोप्सी के दौरान?

    डॉक्टर शुरुआत में पेल्विक एग्जाम की सलाह देते हैं। इसके बाद आपको एग्जाम टेबल पर लिटा दिया जाता है। फिर इसके बाद जिस स्थान की बायोप्सी करनी है, वहां पर उतने एरिया को सुन्न कर देते हैं। अगर आपकी कोन बायोप्सी हो रही है, तो आपको जनरल एनिस्थीसिया दिया जाएगा, जिससे आपको कुछ देर नींद आ सकती है। इस दौरान एक मेडिकल इंस्ट्रूमेंट को वजायना के अंदर डालते हैं। सबसे पहले सर्विक्स को साफ किया जाता है और उसके बाद इस दौरान जलन महसूस होती है और ये दर्दनाक होता है। फिर शिलर टेस्ट किया जाता है, जिससे एब्नॉर्मल टिशू के बारे में जानकारी मिलती है। डॉक्टर फॉरसेप्स की मदद से एब्नॉर्मल टिशू को हटाया जाता है। इसके बाद डॉक्टर सर्विक्स को पैक कर देते हैं और फिर ब्लीडिंग को भी रोका जाता है। इसके बाद किसी बायोप्सी की जरूरत नहीं पड़ती है।

    और पढ़ें: स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर: कैंसर के लक्षणों और इलाज को समझें यहां!

    बायोप्सी के बाद आपको हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत नहीं है। आपको समय बाद घर जा सकते हैं अगर अन्य प्रोसीजर की जरूरत पड़ती है तो डॉक्टर आपको रात भर रखने की सलाह भी दे सकते हैं। आपको कुछ समय तक हल्की ऐंठन और स्पॉटिंग की समस्या हो सकती है। कोन बायोप्सी के बाद रिकवरी में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं। अगर आपकी कोन बायोप्सी हुई है, तो डॉक्टर आपको उस समय तक भारी सामान उठाने के लिए मना कर सकते हैं। साथ ही सेक्शुअल इंटरकोर्स, टैम्पून्स का   इस्तेमाल करने से भी मना किया जा सकता है। ऐसे में आपको तेजी से भागना भी नहीं चाहिए और ना ही हाय इंटेंसिटी (high-intensity) वाली कोई भी एक्टिविटी करनी चाहिए। आपको पंच बायोप्सी के बाद भी यहीं इंटरेक्शन फॉलो करने चाहिए। अगर फिर भी आपको कोई समस्या महसूस होती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    रिजल्ट का क्या है मतलब?

    अगर आपका टेस्ट नेगेटिव आता है, तो इसका मतलब यह है कि आपको किसी प्रकार की समस्या नहीं है ।इसके बाद डॉक्टर आपको पैप स्मीयर टेस्ट का इंतजार कर सकते हैं। यह टेस्टिंग प्रत्येक 3 साल में की जाती है और यह टेस्टिंग 21 साल से 65 साल की उम्र तक कराई जा सकती है। डॉक्टर आपको हर 5 साल में एचपीवी टेस्ट (HPV) कराने की भी सलाह दे सकते हैं। अगर आपका रिजल्ट पॉजिटिव आया है, तो इसका मतलब यह है कि कैंसर या कैंसरस सेल्स टेस्ट के दौरान पाई गई हैं। इस दौरान आपको ट्रीटमेंट की जरूरत भी पड़ सकती है। डॉक्टर आगे इमेजिंग टेस्ट जैले सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन आदि करा सकते हैं। इसके कैंसर के फैलने के बारे में जानकारी मिल जाती है।

    इस आर्टिकल में हमने आपको सर्वाइकल बायोप्सी (Cervical Biopsy) से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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