- एब्सेस (Abscess)
- कोलोरेक्टल पोलिप्स (Colorectal polyps)
- इंफेक्शन (Infection)
- इन्फ्लेमेशन (Inflammation)
- ट्यूमर (Tumors)
- एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis)
- क्रोहन डिजीज (Crohn Disease)
- बच्चों में हर्षप्रंग डिजीज (Hirschsprung Disease in Infants)
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis)
रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) में टिश्यू सैंपल की जांच की रिपोर्ट आमतौर पर चार से पांच दिनों में आ जाती है। इसके बाद डॉक्टर रोगी को टेस्ट का परिणाम बताएंगे और मेडिकल केयर का प्लान बनाएंगे। कुछ समस्याओं का जल्दी पता लगने से उनका उपचार आसान हो जाता है और रिकवरी भी जल्दी होती है।
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रेक्टल बायोप्सी से जुड़े कौन से हैं जोखिम? (Risks of a Rectal Biopsy)
रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) रेक्टम में एब्नार्मल टिश्यूस के निदान के लिए एक बेहतरीन तरीका है। ऐसे मामलों में जहां कैंसर एक चिंता का विषय है, यह टेस्ट सही निदान के लिए सहायक है। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान कुछ खास ख्याल रखना बेहद जरूरी हैं क्योंकि इसके कारण रेक्टम और आसपास के भागों में इंटरनल डैमेज होने का खतरा रहता है। हालांकि यह रिस्क बहुत ही दुर्लभ हैं। लेकिन, इससे जुड़े कुछ जोखिम इस प्रकार हैं:
- ब्लीडिंग (Bleeding)
- आंतों को नुकसान होना (Intestinal Damage)
- मूत्र त्याग में समस्या (Difficulty with Urination)
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रेक्टल बायोप्सी के बाद किन बातों का ध्यान रखें
रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के बाद कुछ लोग ब्लीडिंग की समस्या महसूस कर सकते हैं। हालांकि उस जगह पर दबाव डालने पर यह रुक जाती है। इस जगह पर इंफेक्शन (Infection) होने की संभावना हो सकती है हालांकि इसकी संभावना कम है। अगर आपको इसके बाद दर्द हो जिसका खतरा रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के बाद न के बराबर होता है तो आपको दवाई दी जा सकती है। अगर आप इस प्रोसीजर से गुजरे हैं तो आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
- रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के बाद कुछ देर आराम करें। अगर इसके दौरान आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार साथ हो तो बेहतर है। क्योंकि इसके बाद कम चलने और ड्राइव न करने की सलाह दी जाती है।
- नीडल बायोप्सी (Needle Biopsy) के बाद घाव को बंद कर दिया जाता है और इसे अगले कुछ दिनों तक साफ और सूखा रखने की सलाह दी जाती है।
- ओपन बायोप्सी (Open Biopsy) में घाव को टांकों से बंद कर दिया जाता है। ऐसे में इन टांकों का कैसे ख्याल रखना है, यह पूरी जानकारी डॉक्टर से प्राप्त करना जरूरी है।
- इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाहों का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है। ताकि सही उपचार हो सके और आप जल्दी ठीक हो सकें।
रेक्टल बायोप्सी के बाद रिकवरी (Recovery from a Rectal Biopsy)
रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) से रिकवरी इस बात पर निर्भर करती है कि रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के दौरान सैंपल लेने के लिए कौन से तरीके को अपनाया गया है। फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी के बाद मरीज कोलन में गई हवा के कारण ब्लोटिंग महसूस कर सकते हैं। जिससे इस टेस्ट के कई समय बाद तक मरीज को पेट में या गैस पास होने में समस्या हो सकती है। यही नहीं, रेक्टल बायोप्सी के बाद रोगी पहली बार जब मल त्याग करता है तो उसमें खून भी नोटिस कर सकता है। हालांकि, पहली बार ऐसा होना सामान्य है। लेकिन, कुछ स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए जैसे:

- अधिक पेट में दर्द (Extreme Abdominal Pain)
- बुखार (Fever)
- मल त्याग होने के बाद भी मल में खून आना और ब्लेडिंग का अधिक या क्लॉट्स वाला होना (More than one Bloody Bowel Movement, especially if Bleeding is Heavy or Clotted)
- बेहोश होने जैसा अनुभव (Feeling of Faintness)
- अन्य कोई समस्या (Any Other Problem)
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रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) कई परेशानियों के निदान के लिए आसान और पूरी तरह से सुरक्षित तरीका है। लेकिन, अगर आपको इस टेस्ट के बाद कुछ भी समस्या या गंभीर लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूरी है। इसके साथ ही हेल्दी रहने और जल्दी रिकवर करने के लिए सही और संतुलित आहार का सेवन करें (Healthy Food), व्यायाम करें (Exercise), तनाव से बचे (Avoid Stress) और अपना ख्याल रखें (Take Care of Yourself)। समय- समय पर शारीरिक जांच कराना भी जरूरी है ताकि समस्याओं का निदान जल्दी और सही समय पर हो सके व आप किसी भी बड़े रोग से बच सकें। ध्यान रखें कि किसी भी रोग या परेशानी को नजरअंदाज करना भविष्य में बड़े खतरा का कारण बन सकता है। इसलिए, सकारात्मक रहें और समय-समय पर अपनी जांच कराते रहें।