सिग्मोइडोस्कोपी (Sigmoidoscopy)
सिग्मायोडोस्कोपी में एक बहुत लंबे इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग किया जाता है। इसकी मदद से डॉक्टर बड़ी आंत में, मलाशय के पिछले हिस्से और कोलन में देख सकते हैं। यह एक फ्लेक्सिबल ट्यूब (Flexible tube) होती है। इसमें लगा कैमरा मॉनिटर से वीडियो इमेज ट्रांसमिट करता है। इन तस्वीरों से डॉक्टर को समस्या के बारे में जानने में आसानी होती है।
कैसे की जाती है यह बायोप्सी? (The Procedure of This Biopsy)
एनोस्कोपी (Anoscopy) और सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy) दोनों एक जैसी प्रक्रियाएं हैं। सिग्मोइडोस्कोपी (Sigmoidoscopy एक कॉम्प्लिकेटेड प्रोसीजर है, जिसे करने में बीस मिनट तक लग सकते हैं। रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के लिए एनेस्थीसिया (Anesthesia), सेडेटिवस (Sedatives) या दर्द दूर करने वाली दवाईयां नहीं दी जाती है। इस प्रक्रिया को करने के लिए मरीज को एक्सामिनिंग टेबल के बाएं तरफ लेटना होता है और घुटने छाती की तरफ मोड़ने होते हैं। इसके बाद डॉक्टर डिजिटल रेक्टम की जांच करते हैं।
डॉक्टर ग्लव्स वाली उंगली में लुब्रीकेंट लगा कर उसे धीरे से मरीज के एनस में डालते हैं। इस तरीके को उन अवरोधों की जांच के लिए किया जाता है ताकि इस प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो। अब डॉक्टर एनस में लुब्रिकेटेड स्कोप डालते हैं। इस तरीके से डॉक्टर रेक्टम में मौजूद एब्नार्मल टिश्यू का सैंपल ले लेते हैं। इसे निकालने के लिए ब्रश (Brush), सक्शन (Suction),फोरसेप्स (Forceps), स्वैब (Swab) आदि का प्रयोग किया जा सकता है। टिश्यू निकालते हुए भी आमतौर पर दर्द नहीं होती है। इस प्रक्रिया के दौरान मरीज थोड़ी परेशानी और दबाव महसूस कर सकता है। अगर इस प्रक्रिया के दौरान टिश्यू को निकालते हुए अगर ब्लीडिंग होती है तो उसे रोकने के लिए इलेक्ट्रोकॉट्रीजेशन (Electrocauterization) या हीट (Heat) का प्रयोग किया जाता सकता है।
जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो स्कोप को धीरे-धीरे बाहर निकाल लिया जाता है। इस तरह से यह प्रक्रिया पूरी होती है। माउंट सीनायी हेल्थ सिस्टम (Mount Sinai Health System) के अनुसार रेक्टम बायोप्सी के दौरान मरीज मल त्याग की इच्छा महसूस कर सकता है या इंस्ट्रूमेंट के रेक्टल एरिया में जाने के कारण वो ऐंठन या हल्की बेचैनी का भी अनुभव कर सकता है। हालांकि सब मरीजों के साथ ऐसा नहीं होता है। अगर आपको कोई भी समस्या होती है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
क्या कहते हैं रेक्टल बायोप्सी के रिजल्ट्स? (Rectal Biopsy Results)
रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के द्वारा निकाले गए टिश्यू को जांच के लिए लैब भेजा जाता है। पैथोलॉजिस्ट इस टिश्यू की जांच करते हैं और इसकी रिपोर्ट बनाते हैं। जानिए इस टेस्ट के रिपोर्ट के रिजल्ट का क्या अर्थ हो सकता है:
यह भी पढ़ें : स्टेज के मुताबिक कैसे होता है रेक्टल कैंसर का इलाज?
रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) के रिजल्ट के अनुसार ही आगे का उपचार संभव है। अगर रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) का परिणाम सामान्य होता है तो इसका अर्थ है कि मरीज में एनस और रेक्टम सामान्य साइज, रंग और शेप के हैं और इनमें निम्नलिखित चीजों का कोई सुबूत नहीं मिला है:
असामान्य परिणाम का अर्थ क्या है?
अगर रेक्टल बायोप्सी (Rectal Biopsy) का परिणाम असामान्य आता है, तो इससे यह सब समस्याएं होने की संभावना है: