आप ब्रोकली को थोड़ा भूनकर सूप और सलाद में मिला सकते हैं, या बस इसे कच्चा या स्टीम करके खा सकते हैं।
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प्रोस्टेट कैंसर डायट में जरूरी है ग्रीन टी
लोग हजारों सालों से ग्रीन टी का उपयोग इसके स्वास्थ्य लाभ के लिए कर रहे हैं। शोधकर्ताओं ने कैंसर पर इसके इफेक्ट्स पर कई स्टडीज की हैं। एविडेंस बताते हैं कि ग्रीन टी में विशेष कंपाउंड ट्यूमर ग्रोथ, सेल डेथ और हार्मोन सिग्नलिंग (Hormone signaling) को प्रभावित करके प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। निम्नलिखित कंपाउंड्स ग्रीन टी के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में एक्सप्लेन कर सकते हैं:
- जैथिन डेरिवेटिव्स (Xanthine derivatives)
- एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (EGCG)
- एपिकटेचिन (Epicatechin)
कैसे करें शामिल?
अगर आपको ग्रीन टी का स्वाद पसंद है, तो आप इसे हर सुबह एक कप ले सकते हैं। यदि आप गर्म चाय पसंद नहीं करते हैं, तो इसे ठंडा करके भी लिया जा सकता है। अगर आपको इसका टेस्ट पंसद नहीं है तो घर की बनी स्मूदी में लिक्विड के रूप में ठंडी ग्रीन टी का उपयोग करें, या ग्रीन टी पाउडर मिलाएं।
फलियां (Beans) और सोयाबीन (Soybean) भी है जरूरी
फलियां एक फूड ग्रुप है जिसमें बीन्स, मूंगफली और दाल शामिल हैं। फलियों में जैविक रूप से सक्रिय प्लांट कंपाउंड होते हैं जिन्हें फाइटोएस्ट्रोजेन (Phytoestrogens) के रूप में जाना जाता है। आइसोफ्लेवोन्स (Isoflavones) एक ऐसा ही फाइटोएस्ट्रोजन (Phytoestrogens) है। एक रिव्यू में पाया गया कि जिन लोगों ने सबसे अधिक फाइटोएस्ट्रोजेन खाया, उनमें सबसे कम सेवन (12) वाले समूह की तुलना में प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क 20% कम था।
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) सोयाबीन की खपत और प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) के कम लेवल के बीच एक लिंक दिखाता है। पीएसए प्रोस्टेट द्वारा निर्मित एक प्रोटीन है। पीएसए टेस्ट, जो आपके ब्लड में पीएसए के लेवल को मापता है, प्रोस्टेट कैंसर के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस रिसर्च से यह भी पता चलता है कि सोया अन्य कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थों के साथ खाने पर अधिक प्रभावी था।