एलर्जी
अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आपके पास कभी भी इस दवा या किसी अन्य दवा से कोई असामान्य या एलर्जी रिएक्शन हुआ है। साथ ही अगर आपको कोई अन्य प्रकार की एलर्जी हुई है तो वो भी अपने डॉक्टर को बताएं जैसे खाने से, डाई से, प्रिजर्वेटिव या जानवरों से। बिना पर्चे वाले उत्पादों को, लेबल या पैकेज सामग्री को ध्यान से पढ़ें।
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बच्चों का उपचार –
बाल चिकित्सा में प्रोमेथजिन इंजेक्शन के प्रभावों के लिए उम्र से संबंधित कोई उचित अध्ययन नहीं किया गया है। प्रोमेथजिन इंजेक्शन को दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाता है क्योंकि इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। सावधानी तब बरतनी चाहिए जब आप इसे दो साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को दे रहे हैं।
वृद्धावस्था –
अभी तक अध्ययनों से वृद्धावस्था की खास समस्याओं के बारे में पता नहीं चल पाया है जो वृद्ध लोगों में प्रोमेथजिन इंजेक्शन के इस्तेमाल को सीमित कर सके। हालांकि, वृद्ध मरीज वयस्कों की तुलना में इस दवा के दुष्प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं, और उम्र से संबंधित हृदय या रक्त वाहिका रोग या प्रोस्टेट की समस्या होने की अधिक संभावना हो सकती है, जिसमें प्रोमेथजिन इंजेक्शन लेने वाले मरीज में खुराक को सीमित किया जाता है।
क्या प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोमेथजिन (promethazine) लेना सुरक्षित है?
गर्भावस्था में या स्तनपान के दौरान इस दवा का उपयोग करते समय जोखिम का निर्धारण करने के लिए महिलाओं में अभी कोई पर्याप्त अध्ययन नहीं हुआ है। इस दवा को लेने से पहले संभावित लाभ और जोखिमों को जानने के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
यह दवा गर्भावस्था जोखिम श्रेणी C (A = कोई जोखिम नहीं है, B = कुछ अध्ययनों में कोई जोखिम नहीं है, C = कुछ जोखिम हो सकता है, D = जोखिम के सकारात्मक प्रमाण, X = निषेध, एन = कोई जानकारी नहीं)
जानिए इसके साइड इफेक्ट्स
अगर आपको एलर्जिक रिएक्शन से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें जैसे : हीव्स, सांस लेने में दिक्कत, चेहरे पर सूजन, होंठ, जीभ, या गले में।
प्रोमेथजिन का इस्तेमाल करना बंद कर दें और एक बार अपने डॉक्टर से बात करें अगर आपको निम्नलिखित गंभीर साइड इफेक्ट होते हैं :
- आंख फड़कना या आंखों, होंठ, जीभ, चेहरे, कंधे, या पैर की अनियंत्रित मूवमेंट।
- कंपकंपी (अनियंत्रित थरथराहट), लार टपकना, निगलने में समस्या होना, संतुलन या चलने में में परेशानी।
- बेचैनी, चिड़चिड़ापन या उत्तेजित महसूस करना।
- तेज बुखार होना, मांसपेशियों में अकड़न, दुविधा, पसीना आना, तेज दिल की धड़कन, तेज-तेज सांस लेना
- ऐसे लगना जैसे आपकी मृत्यु हो जाएगी
- मिर्गी (ऐंठन)
- त्वचा पीली पड़ना, छाले पड़ना या खून निकलना, बुखार, गले में खराश, फ्लू के लक्षण;
- आंखों से पानी आना, रोशनी से संवेदनशीलता कम होना
- मतिभ्रम, उत्तेजना
- मतली और पेट में दर्द, स्किन रैशेज और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना)
- आमतौर से यूरिन कम आना या बिलकुल भी नहीं आना
- जोड़ों में दर्द या बुखार से सूजन आना, ग्रंथि में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, सीने में दर्द, उल्टी, त्वचा का रंग चक्क्ते जैसे होना; ह्रदय की गति कम होना, पल्स रेट कम होना, बेहोश होना, सांस कम होना (सांस बंद होना)