परिचय
काजीपूत ऑयल क्या है?
काजीपूत ऑयल काजीपुट पेड़ (Melaleuca leucadendra) और पेपरबार्क ट्री (Melaleuca quinquenervia) की ताजी पत्तियों द्वारा निर्मित किया जाता है। ये श्वसन समस्याओं के लिए एक हेमोस्टेटिक, एनाल्जेसिक और एक नैचुरल रिलिवर है। काजीपूत तेल का उपयोग सर्दी, सिर दर्द, दांत दर्द और ट्यूमर के इलाज के लिए किया जाता है। यह कफ की समस्या को दूर करने के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल खुजली की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। साथ ही, यह त्वचा के फंगल संक्रमण (टिनिया वर्सीकोलर) के लिए भी मददगार हो सकता है।
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काजीपूत ऑयल का उपयोग किस लिए किया जाता है?
गठिया के दर्द को दूर करेः
काजीपूत ऑयल का इस्तेमाल गठिया के दर्द और अन्य दर्द के इलाज के लिए व्यावसायिक रूप से किया जाता है। मार्केट में इसके लिए एंटीसेप्टिक लोशन और अन्य रूपों में दवाईयां उपलब्ध है। मार्केट में इसका तेल भी आसानी से मिल जाता है।
सांस से जुड़ी परेशानियां दूर करेः
काजीपूत ऑयल सांस से जुड़ी तमाम परेशानियों को दूर करने में काफी मददगार होता है।
दांतों के स्वास्थ्य का रखे ख्यालः
दांतो के इलाज में भी काजीपूत ऑयल काफी मददगार होता है। दांत निकलते समय या टूट जाने के दौरान होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए इसके तेल का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक होता है।
भोजन के रूप मेंः
इसके तेल का इस्तेमाल भोजन और पेय पदार्थों में भी किया जाता है। यह भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए एक मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
फ्लू से बचाव करेः
इसका तेल ठंड और फ्लू के मौसम से बचाव करने के लिए काफी कारगर होता है। ठंडियों में रूखी त्वचा से राहत पाने के लिए शरीर पर इसके तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, त्वचा पर लगाने से पहले इसके तेल को बहुत ही पतला कर लेना चाहिए, नहीं तो यह त्वचा में जलन का कारण भी बन सकता है।
इंफेक्शन से बचाव करेः
काजीपूत ऑयल बैक्टीरिया, वायरस और कवक के संक्रमण से लड़ने में बहुत कुशल होता है, यह टेटनस (बैक्टीरिया), इन्फ्लूएंजा (वायरस) और संक्रामक रोगों, जैसे हैजा और टाइफाइड से शरीर का बचाव करने में काफी मददगार होता है। यह बाहरी रूप से कटे हुए घावों को जल्दी भरता है।
पेट की समस्याएं दूर करेः
काजीपूत ऑयल पेट से जुड़ी समस्याएं, जैसे गैस या पेट फूलने की परेशानी से राहत दे सकता है क्योंकि इसमें कार्मिनिटिव गुण होते हैं। यह गैस के निर्माण को प्रतिबंधित करता है और आंतों में पहले से बनी गैस को निकालने में मदद भी करता है।
इन स्थितियों में भी है लाभकारीः
- कोल्ड, कफ
- सिरदर्द
- दांतों में दर्द
- ट्यूमर
- मांसपेशियों में दर्द
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)
- नसों का दर्द
- गठिया
- जोड़ों का दर्द
- पेट में ऐंठन
- पेट में जलन
- आंतों में सूजन
- कान में संक्रमण
- सोरायसिस
पौराणिक समय से इसका उपयोग कोल्ड, कफ संबंधित इंफेक्शन के लिए किया जाता है। स्किन पर किसी तरह के फंगल इंफेक्शन के लिए बेहद कारगर माना जाता है। इसका प्रयोग दूसरे एंटीसेप्टिक लोशन में मिलाकर भी किया जाता है। दंतचिकित्सा (Dentistry) में दांत निकालने के बाद मसूड़ों के दर्द से राहत के लिए इस तेल का उपयोग किया जाता है।
कैसे काम करता है काजीपूत ऑयल?
काजीपूत ऑयल कैसे काम करता है इस बारे में कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें। हालांकि, कुछ शोध बताते हैं कि काजीपूत ऑयल में सीनिऑल (cineole) नामक केमिकल होता है। इस तेल को स्किन पर लगाने से सीनिऑल थोड़ी गर्माहट और जलन महसूस करता है, लेकिन ये दर्द से राहत देता है।
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उपयोग
काजीपूत ऑयल का उपयोग कितना सुरक्षित है?
- छह साल से कम के बचे इसका प्रयोग न करें।
- बच्चों की पहुंच से इस तेल को दूर रखें।
- अस्थमा पेशेंट्स इसका इस्तेमाल न करें।
- प्रेग्नेंसी में इस तेल का उपयोग न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान मां की इम्यूनिटी लो होती है, जिस वजह से डॉक्टर की परामर्श के बिना किसी दवा या हर्ब का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- अगर आप बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं तो भी इससे दूरी बनाकर रखें।
- अगर आपको कोई रोग है या आपका किसी चीज का इलाज चल रहा है तो भी इसका इस्तेमाल करने से बचें।
- अगर आपको टी ट्री ऑयल से एलर्जी है तो हो सकता है इससे भी एलर्जी हो। इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
इन दवाइयों के साथ काजीपूत ऑयल का प्रयोग न करें:
- ऐमिट्रिप्टिलाइन (Amitriptyline)
- क्लोजअपाइन (Clozapine)
- कौडीन (Codeine)
- डेसीप्रेमीन (Desipramine)
- डोनैपजैल (Donepezil)
- फैनाटायल (Fentanyl)
- फ्लेनाइड (Flecainide)
- (Fluoxetine)
- (Meperidine)
- (Methadone)
- (Metoprolol)
- (Olanzapine)
- (Ondansetron)
- (Tramadol)
- (Trazodone)
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साइड इफेक्ट्स
काजीपूत ऑयल से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
- दवा के तौर पर इसे कम मात्रा में लेना सेफ है, लेकिन अधिक मात्रा में इसे लेने से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
- स्किन पर लगाने से कुछ लोगों की स्किन रूखी और फटी हुई हो सकती है। कुछ लोगों को इसे लगाने के बाद एलर्जी हो सकती है।
- इन्हेल करने के लिए काजीपूत ऑयल सुरक्षित नहीं है। इससे सांस संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।
जरूरी नहीं हर कोई इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव करें। कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जो ऊपर बताई गई लिस्ट में शामिल नहीं हैं। यदि आपको साइड इफेक्ट के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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डोसेज
काजीपूत ऑयल को लेने की सही खुराक क्या है?
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध काजीपूत ऑयल?
- ऑयल
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
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