परिचय
चोकर क्या है?
गेहूं के अंदरूनी सुनहरे छिलके को चोकर कहते हैं। ये छिलका तैयार गेहूं को पिसवाने पर आटे के साथ मिला हुआ आता है व छानने पर अलग किया जा सकता है। गेंहू के इस सुनहरे छिलके में सब्जियां के मुकाबले आवश्यक फैटी एसिड, खनिज, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ फाइबर की भी उच्च मात्रा होती है। चोकर गेंहू के साथ-साथ जौ, मक्का, बाजरा, जई और चावल सहित दूसरे अन्य अनाज के दाने की बाहरी परत को भी कहा जाता है।
इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते हैं, साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम और विटामिन बी भी पर्याप्त मात्र में पाए जाते है जो शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने और भूख बढ़ने में मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा, अगर आपको कब्ज की समस्या है, तो इसके सेवन से आप कब्ज की भी समस्या से राहत पा सकते हैं। अनाज के छिलके से बने भोजन खाने से पेट भी साफ रहता है।
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उपयोग
गेहूं के चोकर का उपयोग किस लिए किया जाता है?
अधिकतर लोग गेहूं से छिलके को छान कर फेक देते हैं, लेकिन बेकार समझ कर फेंक देने वाला यह चोकर वास्तव में सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। इसके फायदे इस प्रकार हैं:
- गेहूं का छिलका कब्ज के लिए रामबाण की तरह काम करता है।
- कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए और ह्रदय की परेशानियों से लड़ने के लिए चोकर उपयोगी है।
- अनाज का छिलके का सेवन आंतों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ कैंसर से भी रक्षा करता है।
- अमाशय के घाव को ठीक करता है और टीबी से भी रक्षा करता है।
- अनाज के छिलके के पानी से स्नान करने पर चर्मरोग भी ठीक हो जाता है।
- अनाद के छिलके खाने से एपेंडिसाइटिस, अर्श तथा भगंदर (Fistula) नहीं होता है। कोलोन एवं मलाशय कैंसर भी नहीं होता है।
- मोटापा घटाने और डायबिटीज में भी यह उपयोगी है।
- चोकर वाला आटा खाने से आमाशय का कैंसर भी ठीक होता है।
- चोकर वाला आटा खाने से हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है।
- एनीमिया या खून की कमी में भी यह बड़ा लाभदायक है।
इन सबके अलावा आप अनाज के छिलके से बनें लड्डू भी खा सकते हैं। जो कई तरह की स्वास्थ्य स्थितियों के लिए लाभकारी हो सकता है।
कैसे बनाएं चोकर का लड्डू?
- सबसे पहले अनाज के छिलके को तवे पर सेंक ले और इसे ठंडा होने दें।
- ठेंडा होने पर इसमे किशमिश, खजूर के टुकड़े और स्वाद में मिठास लाने के लिए गुड़ सकते हैं।
- फिर इन सबका अच्छे से पाउडर बना लें।
- इसके बाद गुड़ की चासनी से इस पाउडर के लड्डू बनाएं।
कैसे काम करता है चोकर?
यह एक हर्बल सप्लिमेंट है और कैसे काम करता है, इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ शोध यह बताते हैं कि चोकर कोलोन और स्टूल आउटपुट को बढ़ा कर कब्ज से राहत देता है। इसमें फाइबर और आयरन जैसे तत्व भरपूर मात्रा में होते है जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाता है।
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सावधानी और चेतावनी
कितना सुरक्षित है चोकर का उपयोग?
चोकर हर हाल में सुरक्षित है। चोकर यदि ज्यादा मात्रा में खा लिया जाए, तो भी कोई नुकसान नहीं होता है।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि:
- आप प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान गर्भवती मां की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
- आप पहले से ही दूसरी दवाइयां ले रहे हैं या बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयां ले रही हों।
- आपको चोकर या दूसरी दवाओं या फिर हर्ब्स से एलर्जी हो।
- आपको कोई दूसरी तरह की बीमारी, डिसऑर्डर, या मेडिकल कंडिशन है।
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
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साइड इफेक्ट्स
चोकर से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
चोकर पहली बार खाने पर कभी कभी पेट में बेचैनी महसूस हो सकती है।
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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डोसेज
चोकर को लेने की सही खुराक क्या है?
कब्ज :
कब्ज में राहत पाने के लिए,चोकर रोजाना 20-25 ग्राम खाया जाता है। रोजाना 40 ग्राम्स से ज्यादा चोकर खाने से नुकसान हो सकता है।
बवासीर:
14 महीनों के लिए दिन में दो बार 10 ग्राम चोकर खाने से बवासीर में राहत मिलती है।
हाई ब्लड प्रेशर:
तीन से छह ग्राम चोकर का आटा, गेहूं के छिलके और ब्राउन राइस को नेशनल कोलेस्ट्रॉल एजुकेशन प्रोग्राम एनसीईपिटी स्टेप 1 की खुराक के साथ दिया जाता है।
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम:
12 हफ्तों तक 30 ग्राम चोकर एक दिन में लिया जाता है।
बच्चे:
2 साल तक के बच्चो को दिन में 5 से 20 ग्राम चोकर दिया जाता है।
1 से 3 साल के बच्चों को 19 ग्राम,
4 से 8 साल के बच्चों को 25 ग्राम्स,
9 से 13 साल के बच्चों को 31 ग्राम्स,
14 से 18 साल के बच्चों को 38 ग्राम्स चोकर देना सुरक्षित है।
जबकि 9 से 19 साल की लड़कियों को 16 ग्राम्स,
19 से 50 साल के पुरुषों को38 ग्राम्स और 51 साल से बड़े पुरुषों को 30 ग्राम्स चोकर का सेवन सुरक्षित है।
51 साल से बड़ी महिलाओं को 21 ग्राम और प्रेग्नेंट महिलाओं को 28 ग्राम व ब्रेस्ट फीडिंग महिलाओं को 29 ग्राम चोकर देना चाहिए।
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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