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क्रिल ऑयल के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Krill Oil

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/10/2020

क्रिल ऑयल के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Krill Oil

परिचय

क्रिल ऑयल क्या है?

क्रिल ऑयल एक एनिमल ऑयल है। क्रिल ऑयल को छोटे-छोटे झींगों जिन्हें क्रिल कहा जाता है से निकाला जाता है। आमतौर पर बलीन व्हेल्स, मंटाज (Mantas) और व्हेल शार्क क्रिल को खाती हैं। नॉर्वे में ‘क्रिल’ शब्द का आर्थ ‘व्हेल फूड’ होता है। लोग क्रिल से ऑयल को निकालते हैं और उसे कैप्सूल में डालकर दवाइयों में इस्तेमाल करते हैं। क्रिल नाम से आने वाले कुछ क्रिल ऑयल प्रोडक्ट्स में अंटार्कटिक क्रिल का इस्तेमाल होता है। इस ऑयल में क्रिल प्रजाति की यूफौसिया सुपरबा (Euphausia superba) नामक क्रिल का इस्तेमाल किया जाता है।

क्रिल ऑयल का ज्यादातर इस्तेमाल दिल की बीमारी, कुछ ब्लड फैट्स (ट्राइग्लिसराइड्स) और हाई कोलेस्ट्रोल को कम करने में होता है। हालांकि, वैज्ञानिक रूप से इन स्थितियों में इसके इस्तेमाल के सीमित सबूत मौजूद हैं। क्रिल ऑयल का इस्तेमाल आंखों से संबंधित बीमारी के लिए भी किया जाता है।

क्रिल ऑयल कैसे काम करता है?

क्रिल ऑयल में फिश ऑयल की तरह ही फैटी एसिड्स होते हैं। इन फैट्स को अच्छा माना जाता है। यह सूजन और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह ब्लड प्लेटलेट्स को कम चिपचिपा बनाता है। ब्लड प्लेटलेट्स के कम चिपचिपा होने से यह रक्तवाहिकाओं में थक्के नहीं बनाती हैं।

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उपयोग

क्रिल ऑयल का इस्तेमाल किसलिए होता है?

क्रिल ऑयल का इस्तेमाल निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है। हालांकि, इन स्थितियों में इसकी प्रभाविकता के सीमित सबूत मौजूद हैं:

समय से पहले त्वचा में झु्र्रियां आना: क्रिल ऑयल, जिंक, विटामिन डी, सी बकथ्रोन बैरी ऑयल (sea buckthorn berry oil), केकाओ बीन एक्ट्रैक्ट (cacao bean extract), हायलुरोनिक एसिड (hyaluronic acid), रेड क्लोवर आइसोफ्लेवोन्स 780mg से युक्त कैप्सूल को टाजारोटेन क्रीम 0.1% के साथ रात में 12 हफ्तों तक लगाने से झुर्रियां कम होती हैं। साथ ही अकेले टाजरोटेन के मुकाबले इन्हें इसके साथ लगाने से त्वचा की नमी और उम्र बढ़ने के साथ स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये फायदे क्रिल ऑयल की बदौलत मिलते हैं या फिर सप्लिमेंट्स में मौजूद अन्य तत्वों की वजह से। 

हाई कोलेस्ट्रोल: कुछ शोध में पाया गया है कि विशेषकर क्रिल ऑयल के प्रोडक्ट्स कुल कोलेस्ट्रोल और ‘बैड’ लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रोल को कम करते हैं। क्रिल ऑयल हाई कोलेस्ट्रोल से पीड़ित लोगों में अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL) को बढ़ाता है। ट्राइग्लिसराइड एक अन्य प्रकार का बॉडी फैट है। क्रिल ऑयल से इसका लेवल भी कम होता है। हालांकि, अन्य शोधों में पाया गया है कि क्रिल ऑयल कोलेस्ट्रोल को कम नहीं करता है। क्रिल ऑयल शायद ही हाई कोलेस्ट्रोल वाले लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसकी पुष्टि करने के लिए अभी अधिक अध्ययनों की जरूरत है।

हाई ट्राइग्लिसराइड: यह एक प्रकार का बॉडी फैट है। 12 हफ्तों तक दिन में दो बार क्रिल ऑयल के प्रोडक्ट का सेवन करने से हाई ट्राइग्लिसराइड का लेवल कम होता है। हालांकि, ट्राइग्लिसराइड के स्तर में बदलाव हर व्यक्ति के हिसाब से अलग हो सकता है। यह सप्लिमेंट कुल कोलेस्ट्रोल लेवल, जिसे बुरा कोलेस्ट्रोल कहते हैं, उसमें सुधार करता हुआ नहीं पाया गया।

ऑस्टियोआर्थराइटिस: एक प्रकार की जोड़ों के दर्द की समस्या है। शुरुआती अध्ययन में पाया गया कि प्रति दिन 300mg क्रिल ऑयल लेने से ऑस्टियोअर्थराइटिस में होने वाला दर्द और अकड़न कम होती है।

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome): शुरुआती अध्ययनों में पाया गया है कि प्रति दिन 2 ग्राम क्रिल ऑयल का सेवन करने से प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम के लक्षण कम होते हैं। क्रिल ऑयल के साथ विटामिन बी, सोय आइसोफ्लेवेन्स (soy isoflavones) और रोसमैरी एक्ट्रैक्ट (rosemary extract daily) को तीन महीने तक लेने से पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम ) के लक्षणों को कम करता है। हालांकि, यहां पर भी यह स्पष्ट नहीं है कि यह फायदा क्रिल ऑयल के चलते मिलता है या सप्लिमेंट्स के इनग्रीडिएंट्स की वजह से।

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सावधानियां और चेतावनी

क्रिल ऑयल के क्या साइड इफेक्ट्स हैं?

ज्यादातर अडल्ट्स के लिए क्रिल ऑयल संभवतः सुरक्षित है। सही तरीके से और सही समय (तीन महीने) तक क्रिल ऑयल का इस्तेमाल सुरक्षित है। क्रिल ऑयल का सबसे सामान्य साइड इफेक्ट्स फिश ऑयल की तरह ही होता है, जिसमें पेट से जुड़ा है। इन साइड इफेक्ट्स में पेट खराब, ऐप्टिटाइट कम होना, स्वाद में बदलाव, दिल में जलन, मछली खाने जैसी डकार आना, ब्लोटिंग गैस, गैस, डायरिया और उबकाई आना शामिल हैं। क्रिल ऑयल का सेवन करने से चेहरे की त्वचा ऑयली या फट सकती है। हालांकि, ऐसे कम ही मामले हैं, जिनमें क्रिल ऑयल से ब्लड प्रेशर बढ़ा हो।

विशेष सावधानियां और चेतावनी

प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्रिल ऑयल कितना सुरक्षित है?

इस संबंध में अभी पर्याप्त अध्ययन मौजूद नही हैं। सुरक्षा के लिहाज से इस दौरान इसका सेवन करने से बचें।

ब्लीडिंग की दिक्कतों में: क्रिल ऑयल खून के थक्के जमने को धीमा कर देता है। इस स्थिति में यह ब्लीडिंग की समस्या से पीड़ित लोगों में ब्लीडिंग को और बढ़ा सकता है। जब तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी ना मिल जाए, ऐसे लोगों को क्रिल ऑयल का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करना चाहिए।

डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में क्रिल ऑयल ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। यदि आपको लो ब्लड शुगर की समस्या है तो लो ब्लड शुगर (hypoglycemia) के संकेतों पर नजर रखें।

मोटापा: अधिक वजन वाले या मोटे लोगों में क्रिल ऑयल इंसुलिन की रफ्तार को धीमा कर सकता है। इसकी वजह से डायबिटीज या दिल की बीमारी होने का खतरा रहता है।

सीफूड एलर्जी: जिन लोगों को सीफूड से एलर्जी होती है, उनके लिए क्रिल ऑयल परेशानी खड़ी कर सकता है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है कि यह इन लोगों में किस तरह के रिएक्शन पैदा करता है।

सर्जरी: क्रिल ऑयल खून के थक्के बनने को धीमा कर सकता है। इस स्थिति में सर्जरी के दौरान या बाद में ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। सर्जरी से दो हफ्ता पहले क्रिल ऑयल का सेवन बंद कर दें।

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रिएक्शन

क्रिल ऑयल किन दवाइयों के साथ रिएक्शन कर सकता है?

क्रिल ऑयल खून के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग) बनने को धीमा करता है। ऐसे में ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करने वाली दवाइयों का क्रिल ऑयल के साथ सेवन करने से रिएक्शन हो सकते हैं। इससे ब्लीडिंग और ब्रशिंग (खरोंच) के संभावना बढ़ सकती है। निम्नलिखित दवाइयां क्रिल ऑयल के साथ रिएक्शन कर सकती हैं:

  • एस्प्रिरिन (aspirin)
  • क्लोपिडोग्रेल (clopidogrel)
  • प्लेविक्स(Plavix)
  • डाइक्लोफेन (diclofenac)
  • वोल्टारेन (Voltaren)
  • केटाफ्लेम (Cataflam)
  • ब्रूफेन (ibuprofen)
  • एडविल (Advil)
  • मॉट्रिन(Motrin)
  • नेप्रोक्सेन (naproxen)
  • एनप्रोक्स (Anaprox)
  • नेप्स्रोन (Naprosyn)
  • डाल्टेपेरिन (dalteparin)
  • फ्रेग्मिन(Fragmin)
  • एनोक्सपारिन (enoxaparin)
  • लिवोनोक्स (Lovenox)
  • हेपरिन (heparin)
  • वारफारिन (warfarin)
  • कोमाडिन (Coumadin)

डोसेज

क्रिल ऑयल का डोज क्या है?

ज्यादातर अध्ययनों में ओमेगा-3 के डोज का प्रतिदिन 1-2 कैप्सूल (क्रिल ऑयल) इस्तेमाल किया गया है। 500mg के क्रिल ऑयल कैप्सूल में आमतौर पर eicosapentaenoic acid (EPA) 60mg, docosahexaenoic एसिड (DHA) 30mg और एस्टेक्सानिथिन (astaxanthin) 61 mcg होता है। अडल्ट्स प्रति दिन 1-2 कैप्सूल क्रिल ऑयल ले सकते हैं। क्रिल ऑयल के बच्चों के डोज के लिए अभी पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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आपात स्थिति या ओवरडोज होने पर मुझे क्या करना चाहिए?

आपात स्थिति या ओवरडोज होने पर अपनी स्थानीय आपातकीलन सेवा या नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।

क्रिल ऑयल (Krill oil) का डोज मिस हो जाए तो मुझे क्या करना चाहिए?

क्रिल ऑयल का डोज मिस हो जाता है तो जल्द से जल्द इसे लें। हालांकि, यदि आपकी अगली खुराक का समय नजदीक आ गया है तो भूले हुए डोज को ना लें। पहले से तय नियमित डोज को लें। एक बार में दो खुराक ना खाएं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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