जायफल का परिचय
जायफल (Nutmeg) एक सदाबहार वृक्ष है, जो इण्डोनेशिया के मोलुकास द्वीप में पाया जाता है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर भारतीय घरों में छोटे बच्चों के लिए किया जाता है, ताकि उनके द्वारा खाए जाने वाले खाने को आसानी से पचाया जा सके। दक्षिण भारत के कुछ घरों में इसका इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Myristica fragrans है। इसकी लगभग 80 जातियां हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया और प्रशंत महासागर के द्वीपों में पाई जाती हैं।
जायफल के उपयोग
जायफल का उपयोग आमतौर पर कई प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों के लिए किया जाता है:
अनिद्रा की समस्या में
अनिद्रा या नींद न आने की समस्या को दूर करने में यह काफी लाभकारी होता है। इसका लाभ लेने के लिए सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में चुटकी भर इसका पाउडर मिलकार पीने से फायदा मिलता है।
गठिया के लिए
गठिया की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। गठिया होने के कई कारण भी होते हैं। गठिया होने पर प्रभावित जगह पर इसके तेल से मालिश करना चाहिए या जायफल का सेवन करना चाहिए। जायफल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
दांतों की सेहत के लिए
दांतों में कैविटी की समस्या होने पर इससे उनका उपचार किया जा सकता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह के स्वास्थ्य और दांतों की सड़न की समस्या को दूर कर सकते हैं।
कैंसर से बचाव के लिए
कैंसर से घरेलू बचाव के तौर पर इसका सेवन किया जा सकता है। जायफल का एसेंशियल ऑयल एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। जो कैंसर की रोकथाम के लिए मददगार हो सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटी-माइक्रोबियल पेट के कैंसर से भी बचाव करते हैं।
- पाचन विकारों का इलाज (दस्त, मतली, पेट में ऐंठन और दर्द, आंतों की गैस)
- कैंसर का इलाज
- गुर्दे की बीमारी का इलाज
- नींद में परेशानी (अनिद्रा) का इलाज
- मासिक धर्म का बढ़ना
- जिससे गर्भपात हो गया
- जोड़ों के दर्द (गठिया), मुंह के घावों और दांत दर्द में भी जायफल का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि इसके दर्द से राहत पाई जा सके।
इसका इस्तेमाल कई और बीमारियों में किया जाता है इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए।
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जायफल कैसे काम करता है?
इसमें ऐसे रसायन होते हैं, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। जायफल पर हाल ही में हुए शोध के मुताबिक, यह शरीर में पैदा होने वाले बैक्टीरिया और कवक को भी मार सकता है। इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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जायफल से जुड़ी सावधानियां एवं चेतावनी
जायफल का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
अगर आप गर्भवती हैं या फिर शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, तो इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ऐसा इसलिए है कि गर्भावस्था में महिला को खानपान का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसे में अगर जायफल का सेवन किया जाए, तो कई बार यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- अगर आप कोई स्वास्थ्य संबंधी दवाई का सेवन कर रहे हैं, तो इसका सेवन करने से बचें।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या दवाई से नुकसान है, तो जायफल का सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
- आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है तो इसका सेवन न करें।
- यदि आपको किसी तरह के खाने, जानवर या सामान से एलर्जी है, तो जायफल का सेवन करने से बचना चाहिए।
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, एलौपेथिक दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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जायफल का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है?
इसपर पर हुए शोधों में अभी तक कई बातें सामने नहीं आ पाई हैं। अगर आप गर्भवती हैं या फिर स्तनपान करवा रही हैं, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसके साइड इफेक्ट के बारे में जरूर जानकारी प्राप्त करें।
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जायफल के दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
- 120 मिलीग्राम या उससे अधिक जायफल की खुराक रोजाना लंबे समय तक लेने से मतिभ्रम और अन्य मानसिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- जायफल पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में जायफल का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें मतली, शुष्क मुंह, चक्कर आना, अनियमित धड़कन, दिमाग की क्षति और मृत्यु तक हो सकती है।
- अगर आप जायफल का इस्तेमाल स्किन पर रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से सलाह लीजिए। शोध में जायफल त्वचा के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है या नहीं इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाई है।
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, एलौपेथिक दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आप इसका इस्तेमाल किसी तरह की दवाई के साथ कर रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करिए।
लिवर के लिए- शोधकर्ताओं के मुताबिक, अधिक मात्रा में जायफल का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। लिवर की दवाओं के साथ अगर जायफल का इस्तेमाल किया जाए, तो यह दवाओं को बेसर कर सकता है। जायफल के साथ अगर लिवर की दवाएं ली जाएं, तो इसके कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए।
लिवर की बीमारी में ली जाने वाली इन दवाओं में क्लोरजोक्साजोन, थियोफिलाइन, बुफ़्यूरोल, क्लोजापाइन (क्लोजारिल), साइक्लोबेनजाप्रिन (फ्लेक्सेरिल), फ्लुवोक्सामाइन (ल्यूवोक्स), हेलोपरिडोल (हल्डोल), इमीप्रामीन (टॉफ़्रेनिल), मैक्सिलम, मैक्सिकन ), पेंटाजोसिन (टैल्विन), प्रोप्रानोलोल (इंडेरल), टैक्राइन (कॉग्नेक्स), थियोफिलाइन, जाइलुटोन (जायलो), जोलमिट्रिप्टन (जोमिग) शामिल हैं।
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जायफल किस रूप में आता है?
जायफल निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
- जायफल का पाउडर
अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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