परिचय
भिदुरकाष्ठ फल क्या है?
भिदुरकाष्ठ फल अखरोट का ही एक प्रकार है जिसे पेकान भी कहा जाता है। पेकान अमेरिका व मेक्सिको में पाया जाने वाला फल है। यह फल हिकॉरी पेड़ के परिवार का एक सदस्य है। अखरोट जैसा दिखने वाला यह फल बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कई ऐसे गुण हैं जो स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ-साथ स्वादिष्ट भोजन में भी काम आते हैं।
पेकान नट्स एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं जिसे आप बादाम व अन्य सूखे मेवों के साथ खा सकते हैं। आप चाहें तो इसे अपनी विशेष प्रकार की रेसिपी में भी शामिल कर सकते हैं। इसमें आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक जैसे विटामिन और खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं।
एग्रीकल्चरल एंड फ़ूड केमिस्ट्री द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक पेकान में किसी भी अन्य नट्स के मुकाबले अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यहां तक कि यूएसडीए (USDA) के मुताबिक भिदुरकाष्ठ फल विश्व के 15 सबसे अधिक एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों में से एक है।
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भिदुरकाष्ठ फल का उपयोग
पेकान का इस्तेमाल कई वजहों से किया जाता है जिसमें इसके भरपूर एंटीऑक्सीडेंट, खनिज पदार्थ और प्राकृतिक मिठास मुख्य रूप से शामिल हैं। पेकान नट्स में कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं खासतौर से फ्लेवोनॉयड्स जो कि ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
भिदुरकाष्ठ में बादाम, काजू, अखरोट और पिस्ता से भी अधिक फ्लेवोनॉयड्स मौजूद होते हैं। अन्य ड्राई फ्रूट्स के मुकाबले भिदुरकाष्ठ फल में गामा-टोकोफेरॉल सबसे अधिक होता है जो कि विटामिन-ई का एक प्रकार है। कई अध्ययन इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि गामा-टोकोफेरॉल का अधिक स्तर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के मुख्य कारणों में से एक होता है।
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पेकान फल जिंक, मैंगनीज, कॉपर और थायमिन से भरपूर होता है। जिसके 30 ग्राम सेवन से दिन की मैंगनीज की 60 प्रतिशत और कॉपर की 40 प्रतिशत जरूरत को पूरा किया जा सकता है। मैंगनीज मधुमेह को कम करने व मजबूत हड्डियों के लिए बेहद आवश्यक होता है। यह खनिज पदार्थ कोलेजन बनाने में भी करता है। इससे त्वचा स्वस्थ रहती है। कॉपर आयरन के अवशोषण में मदद करता है। इससे शरीर में लाल रक्त वाहिकाओं की मात्रा संतुलित रहती है और एनीमिया जैसी बीमारी से छुटकारा मिलता है। साथ में यह इम्युनिटी बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं, नसों और हड्डियों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
पेकान का इस्तेमाल आप चाहें तो अपने खाने में मिठास बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। यदि आपको डायबिटीज है और शुगर का सेवन बंद है तो आप 1 ग्राम चीनी की जगह 30 ग्राम पेकान का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक प्राकृतिक स्वीटनर होता है जिसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं।
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पेकान नट्स के फायदें
ब्लड प्रेशर
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए वैसे तो कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन उनके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। पेकान एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जो प्राकृतिक रूप से हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट्स के। प्रति सप्ताह 4 से 5 बार पेकान खाने से लगातार ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।
हृदय रोग
पेकान फाइबर से भरपूर होते हैं जो कोरोनरी हार्ट डिजीज के जोखिम को कम कर के हृदय को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह कुछ प्रकार के कैंसर के रोकथाम में भी काम आता है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट जैसे ओलेक एसिड और फेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह ह्रदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करते हैं।
वेट कंट्रोल
अधिकतर लोगों को लगता है कि ड्राई फ्रूट्स वजन बढ़ाते हैं जबकि इसके विपरीत वह वजन को कम करने में मदद करते हैं। अध्ययन में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि पेकान के सेवन से वजन कम होता है। इसीलिए अपने आहार में शामिल करने के लिए यह लो कार्ब डाइट वाले लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प है।
ब्रेस्ट कैंसर
ऐसा पाया गया है कि ओलेक एसिड एक प्रकार का फैटी एसिड है जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है। पेकान के एंटी-प्रोलिफेरेटिव प्रॉपर्टीज कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने व फैलने से रोकती है जिसके कारण इसके लक्षणों से राहत मिलती है।
डायबिटीज
डायबिटीज को कंट्रोल करना बेहद आवश्यक होता है क्योंकि इसके कारण अन्य स्वास्थ्य स्थिति जैसे हृदय रोग उत्पन्न हो सकते हैं। डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए सबसे मुश्किल कार्य होता है ब्लड शुगर को संतुलित बनाए रखना। खाना खाने के बाद ब्लड शुगर बेहद तेजी से बढ़ता है जिसके कारण इंसुलिन टिकाकरण की आवश्यकता पड़ती है। पेकान एक प्राकृतिक पदार्थ है जो शरीर के शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है। इसके अलावा पेकान टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
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भिदुरकाष्ठ फल के साइड इफेक्ट्स
शोध से यह पता चला है कि अधिकतर लोग पेकान का सेवन बिना किसी दुष्प्रभाव के खतरे के कर सकते हैं। यह एक सुरक्षित फल है। हालांकि, पेकान में मौजूद कुछ रसायनों से संवेदनशील होने के कारण कुछ लोगों में साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं। एलर्जी आमतौर पर तब होती है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम पेकान में मौजूद प्रोटीन के साथ रिएक्ट करता है। जिन लोगों को पेकान से एलर्जी होती है उनमें उल्टी, गले और जीभ में सूजन या खराश, सांस फूलना और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह आमतौर पर हिस्टामिन रसायन के कारण होता है।
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भिदुरकाष्ठ फल को लेने की सही खुराक
रोजाना 30 ग्राम पेकान के सेवन की सलाह दी जाती है। 30 ग्राम पेकान फल में निम्न मात्रा में न्यूट्रिशन मौजूद होते हैं :
- कैलोरी – 193
- प्रोटीन – 3 ग्राम
- फैट – 20 ग्राम
- कार्ब्स – 4 ग्राम
- फाइबर – 2.5 ग्राम
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पेकान किन रूपों में उपलब्ध है?
पेकान कई आकारों में उपलब्ध होता है जैसे बड़ा, सामान्य, छोटा और बहुत छोटा। इसके अलावा भिदुरकाष्ठ फल आधे, पूरे, टुकड़ो और छोटे दानों के रूप में उपलब्ध होता है।
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