backup og meta

लो कार्ब डायट से कैसे पहुंचता है शरीर को लाभ? जानें कैसे करना चाहिए इसको फॉलो

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/12/2021

    लो कार्ब डायट से कैसे पहुंचता है शरीर को लाभ? जानें कैसे करना चाहिए इसको फॉलो

    लो कार्ब डायट (Low carb diet) का मतलब उस डायट से है जिसमें प्रोटीन जैसे कि मीट, फिश, एग्स, वेजीटेबल्स आदि को खाया जाता है। लो कार्ब डायट में ज्यादार ग्रेंस, फ्रूट्स, पास्ता, स्टार्च वेजीटेबल्स और कुछ सीड्स को इग्नोर या फिर लिमिट में लिया जाता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो लो कार्ब डायट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कंट्रोल किया जाता है। जिन लोगों को वेट लॉस करना होता है, वे लो कार्ब डायट का सहारा ले सकते हैं। लो कार्ब डायट टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को भी कम करने का काम करती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम को भी कंट्रोल करती है। अगर आपने अभी तक लो कार्ब डायट के बारे में नहीं पढ़ा है तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें।

    जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि लो कार्ब डायट से मतलब कम कार्बोहाइड्रेट से है। हम रोजाना जो खाना खाते हैं, उसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, स्टार्च, शुगर आदि शामिल होता है। जब खाने में हेल्दी फैट और प्रोटीन वाले खाने पर अधिक ध्यान दिया जाता है तो उसे तो लो कार्ब डायट कहते हैं। ऐसा नहीं है कि लो कार्ब डायट में कार्बोहाइड्रेट को बिल्कुल इग्नोर कर दिया है। बल्कि कार्बोहाइड्रेट वाले फूड को कम मात्रा में लिया जाता है। अक्सर लोग हेल्दी रहने के लिए लो कार्ब डायट का सेवन करते हैं।

    कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) हमारे शरीर को एनर्जी देने का काम करता है, इसलिए इसे पूरी तरह से इग्नोर नहीं किया जा सकता है। खाने में रोजाना दाल-चावल का सेवन करने वालों को कार्बोहाइड्रेट उचित मात्रा में मिलता है। जब खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करना हो तो चावल और दाल को भी इग्नोर करना पड़ता है। लो कार्ब डायट की हेल्प से वजन कंट्रोल होने के साथ ही डायबिटीज की समस्या वाले लोगों को भी राहत मिलती है।

    और पढ़ें: क्या वीगन डायट फर्टिलिटी बढ़ाती है?

    जानें किन फूड्स में पाया जाता है कार्बोहाइड्रेट

    लो कार्ब डायट लेने वाले लोगों को खाने में कम कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट कैलोरी का ही टाइप है। कार्बोहाइड्रेट मैक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रोवाइड करता है जो कि फूड और बेवरेज , दोनों में ही पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेड सिंपल और कॉम्प्लेक्स दोनों प्रकार का हो सकता है। सिंपल रिफाइंड जैसे कि टेबल शुगर, सिंपल नैचुरल जैसे कि मिल्क की लेक्टोज और फ्रूट की फ्रक्टोज, कॉम्प्लेक्स रिफाइंड यानी सफेद आटा, और कॉम्प्लेक्स नैचुरल मतलब ग्रेंस और बींस।

    लो कार्ब फूड्स में शामिल हैं ये

    अभी आपने कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स के बारे में जाना, अब जानिए कि कौन से फूड्स में लो कार्बोहाइड्रेट होता है।

    कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों में शामिल हैं,

    और पढ़ें : कैलोरी और एनर्जी में क्या है संबंध? जानें कैसे इसका पड़ता है आपके शरीर पर असर

    लो कार्ब, लेकिन हाई न्यूट्रीशनल वैल्यू

    अगर आप लो कार्ब डायट अपनाना चाहते हैं तो आपको आहार में केवल प्रति दिन 20 से 50 ग्राम कार्ब लेना चाहिए। लो कार्ब डायट अपनाने से पहले आपको ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि ऐसे फूड का चयन करें जो जिनमें कार्बहाइड्रेट कम हो, लेकिन हाई न्यूट्रीशनल वैल्यू हो।

  • 1 टेनिस बॉल सेब या ऑरेंज
  • 1 कप जामुन
  • 1 कप तरबूज के क्यूब्स
  • हाफ साइज बनाना
  • किशमिश के 2 बड़े चम्मच
  • 8 औंस मिल्क
  • 6 औंस प्लेन योगर्ट
  • ½ कप कॉर्न
  • आधा कप मटर
  • आधा कप बीन्स या फलियां
  • 1 छोटा पका हुआ आलू
  • 1 रोटी का टुकड़ा
  • 1/3 कप पके हुए चावल
  • यह भी पढ़ें: Vitamin B12: विटामिन बी-12 क्या है?

    लो कार्बोहाइड्रेट लें रहे हैं तो रखें ध्यान

    आपको बताते चले कि वेट कम करने के लिए लो कार्ब डायट के साथ ही एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी होती है। सीडीसी के अनुसार ‘ वयस्कों को अपनी हेल्थ मेंटेन रखने के लिए 10 मिनट से लेकर सप्ताह में 150 मिनट के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए। अगर आपको बेहतर हेल्थ चाहिए तो कम से कम हफ्ते में 300 मिनट के एक्सरसाइज करनी चाहिए। सीडीसी यह भी सुझाव देता है कि बेहतर हेल्थ के लिए वजन उठाने के साथ ही अन्य शक्ति प्रशिक्षण अभ्यास भी करना चाहिए।

    अगर आपने हाल ही में लो कार्ब डायट लेना शुरू किया है तो आपको कुछ परेशानियां भी हो सकती हैं।  जैसे पेट में ऐंठन, कब्ज, हाई कोलेस्ट्रॉल, सिर दर्द, ताकत में कमी महसूस होना, जी मिचलाना, सांसों में बदबू महसूस होना आदि। अगर आप कार्ब डायट बिना किसी सलाह से ले रहे हैं तो शरीर में न्यूट्रीशनल वैल्यू में कमी, बोन डेंसिटी में कमी, गेस्ट्रो इंटे्स्टाइनल संबंधी समस्याएं, दिन में कई बार भूख लगने की समस्या आदि उत्पन्न हो सकती है। बेहतर होगा कि पहले इस बारे में एक बार डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह कर लें। फिर अपनी डायट में परिवर्तन करें।

    कार्ब इनटेक

    कार्ब इनटेक यानी लो कार्ब डायट में कितना कार्बेहाइड्रेट लिया जाना चाहिए। ये बात डिपेंड करती है कि आप किस तरह की लो कार्ब डायट अपना रहे हैं।

    100-150 ग्राम

    100-150 ग्राम रेंज वजन के कम करने के लिए अपनाया जा सकता है। इस रेंज में कार्बोहाइड्रेट लेने के साथ ही एक्सरसाइज पर भी पूरा ध्यान देना पड़ता है। ऐसा करने के लिए आपको खाने में कुछ स्टार्च वाले फूड और फलों को जगह देनी होगी।

    50-100 ग्राम

    जब स्लो वेट लॉस करना होता है तो 50-100 ग्राम कार्ब को खाने में शामिल किया जा सकता है। आप वेजीटेबल्स और फ्रूट्स को खाने में शामिल कर सकते हैं।

    50 ग्राम से कम

    50 ग्राम से कम कार्ब को खाने में शामिल करने का मतलब है वजन तेजी से कम होगा। ऐसे में आपको सब्जियां अधिक मात्रा में खानी चाहिए और फलों का भी सेवन करें।

    लो कार्ब डायट लेने से न केवल वजन कम होता है बल्कि सीरियस हेल्थ कंडीशन जैसे कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कार्डियोवस्कुलर डिसीज आदि में भी राहत मिलती है। लो काब्रोहाइड्रेट लेने से हाई डेंसिटी लीपोप्रोटीन (HDL) भी इंप्रूव होती है। अगर आप भी इस बारे में सोच रहे हैं जो पहले डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें फिर अपनी डायट में परिवर्तन करें। कई बार लो कार्ब डायट लेने से शरीर को कुछ समस्याएं भी हो सकती है। बेहतर फूड का चयन आपके शरीर को हेल्दी रखेगा।

    हमें उम्मीद है कि लो कार्ब डायट पर आधारित यह लेख आपको पसंद आया होगा। किसी प्रकार की डायट को शुरू करने से पहले उसके फायदे नुकसान पर विचार जरूर करें और किसी डायटीशियन से संपर्क करें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement