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फूल गोभी और ब्रोकली : फूल गोभी के आशंकित नुकसान
फूल गोभी का संतुलित सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक होता है, लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से आपको कुछ आशंकित नुकसानों का भी सामना करना पड़ सकता है। आइए, इन दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं।
- जो लोग कौमैडिन (Coumadin) या वारफेरिन (Warfarin) जैसी खून पतला करने की दवाओं का सेवन कर रहे होते हैं, उन्हें अचानक से फूल गोभी जैसे विटामिन- के युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए। अगर, आप भी ऐसी ही किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो फूल गोभी को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। इसके अलावा, विटामिन के का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- फूल गोभी में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है। जिस वजह से इसका अत्यधिक सेवन करने पर आपको पेट फूलने व सूजन की समस्या हो सकती है। इसलिए, फूल गोभी का सेवन बढ़ाते हुए आपको सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
- ऐसा जरूरी नहीं है कि फूल गोभी का सेवन करने से आपको इन दुष्प्रभावों का सामना जरूर करना पड़ेगा। हो सकता है कि आपको इन दुष्प्रभावों का सामना करना ही न पड़े या आपको इनसे अलग किसी और दुष्प्रभाव का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर, आपके मन में इस खाद्य पदार्थ से संबंधित दुष्प्रभावों के बारे में चिंता है, तो अपने डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट से संपर्क करें।
फूल गोभी और ब्रोकली : ब्रोकली के फायदे

ब्रोकली में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य फायदे देते हैं। आइए, जानते हैं कि ब्रोकली का सेवन करने से हमें कौन-कौन से फायदे मिलते हैं।
- ब्रोकली में विटामिन-सी बहुतायत मात्रा में होता है, जो कि शरीर में कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है। कोलेजन बॉडी सेल्स, शारीरिक अंगों और त्वचा के लिए मुख्य सपोर्ट सिस्टम के रूप में कार्य करता है। विटामिन-सी एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो कि त्वचा के क्षतिग्रस्त होने या उम्र बढ़ने की वजह से आने वाली झुर्रियों से बचाने में भी सहायता प्रदान करता है।
- ब्रोकली में मौजूद विटामिन-सी की वजह से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। जिससे सामान्य फ्लू या अन्य इंफेक्शन से बचाव होता है।
- फूल गोभी और ब्रोकली की समानता की वजह से ब्रोकली में भी डाइटरी फाइबर मौजूद होता है, जो कि कब्ज से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है और पाचन तंत्र को भी स्वस्थ बनाता है।
- कई शोध में सामने आया है कि ब्रोकली का सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज से बचाव होता है, क्योंकि ब्रोकली शरीर में शुगर लेवल को संतुलित रखती है। यह संतुलन ब्रोकली में सल्फोराफेन तत्व होने की वजह से होता है।
- जब इम्यून सिस्टम पर बैक्टीरिया या वायरस हमला करते हैं, तो इसकी प्रतिक्रिया के रूप में शारीरिक अंगों में सूजन होती है। हालांकि, सूजन होने के कई और भी कारण हो सकते हैं, जैसे- आर्थराइटिस या टाइप-1 डायबिटीज आदि। ब्रोकली में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कि शरीर में किसी भी वजह से होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- ब्रोकली का सेवन हड्डियों को मजबूत भी करता है। क्योंकि, इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन-सी की मदद मिलने पर कोलेजन के उत्पादन की वजह से हड्डियों को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही, ब्रोकली में विटामिन-के भी होता है, जो कि बोन फ्रैक्चर और हड्डियों की कमजोरी के खतरे को कम करता है।
- ब्रोकली में फाइबर और पोटैशियम की मात्रा होती है और एक स्टडी के मुताबिक डाइट में सोडियम की मात्रा कम करने और पोटैशियम की मात्रा बढ़ाने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है और रक्त धमनियां रिलैक्स होती हैं। इस कारण कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा कम होता है।