परिचय
पीला कनेर (Yellow Kaner) क्या है?
पीला कनेर एक सदाबहार पौधा है जो झाड़ी या छोटे पेड़ के रूप में पाया जाता है। इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे एवेटिया पेरुवियाना, पीला ओलियंडर, एवेटेरिया नेरीफ़ोलिया आदि। यह Apocynaceae परिवार का हिस्सा है, जिसे आमतौर पर डोगबेन (dogbane) परिवार कहा जाता है। यह हर्ब मैक्सिको और सेंट्रल अमेरिका में अधिक पायी जाती है। इसके साथ ही यह भारत में चारुबेटा, खटीमा, उत्तराखंड के गांवों में भी मिलती है। पीला कनेर के फूल चमकीले पीले रंग के और सुराही के आकार के होते हैं। इन फूलों की लंबाई 7cm व चौड़ाई 2.5–4cm तक होती है और फूल गुच्छे के रूप में होते हैं। इन पौधों की खास बात यह है कि यह जहरीले होते हैं और अगर इनका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो मृत्यु तक हो सकती है।
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उपयोग
पीला कनेर (Yellow Kaner) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
पीला कनेर में एक हार्ट एक्टिव केमिकल पाया जाता है जिसे कार्डियक ग्लाइकोसाइड कहा जाता है। इस केमिकल के कुछ साइड इफेक्ट हैं लेकिन फिर भी इस हर्ब का प्रयोग कई स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग दवाई बनाने में किया जाता है। कई रोगों से राहत पाने में इसका प्रयोग किया जाता है जैसे:
त्वचा संबंधी समस्याएं
पीला कनेर का प्रयोग त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। मस्से आदि से छुटकारा पाने के लिए भी इस हर्ब का इस्तेमाल किया जा सकता है।
दिल के लिए
इस पौधे के पत्तों के पाउडर को अन्य औषधियों के साथ मिला कर प्रयोग करने से माइल्ड हार्ट फैलियर का उपचार भी किया जाता है। चीन और रूस जैसे देशों में कई सालों से इस पौधे का प्रयोग हार्ट फेलियर के लिए किया जा रहा है। हालांकि, इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त जानकारी और तथ्य मौजूद नहीं हैं।
कब्ज
इस की छाल और पत्तों का काढ़ा पीने से कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है। यही नहीं बार-बार रुक कर हो रहे बुखार को कम करने में भी यह असरदार है।
मासिक धर्म की परेशानियां
मासिक धर्म में होने वाली परेशानियों से मुक्ति दिलाने में भी इस औषधि को असरदार माना गया है। इसके साथ ही मिर्गी और मलेरिया के रोगियों को भी पीला कनेर दी जा सकती है।
ऐसा माना जाता है कि निम्नलिखित रोगों में भी यह हर्ब प्रभावी है लेकिन इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।
- अस्थमा
- सीजर्स
- कैंसर
- मासिक धर्म में होने वाली दर्द
- अन्य स्थितियां
कैसे काम करती है यह हर्ब
पीला कनेर में मौजूद केमिकल जिसे ग्लाइकोसाइड कहा जाता है, हमारे हार्ट को प्रभावित करता है। यह केमिकल हमारे हार्ट रेट को धीमा कर सकता है। इनमे मौजूद कुछ केमिकल कैंसर सेल्स को भी ख़त्म कर सकते हैं।
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साइड इफेक्ट्स
पीला कनेर (Yellow Kaner) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इसका सेवन करने से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
पीला कनेर से होने वाले फायदों के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानते हैं इसके साइड इफ़ेक्टस के बारे में। जैसा की पहले बताया गया है यह पौधा और इसकी फॅमिली के अन्य पौधे जहरीले हो सकते हैं। इसलिए पीला कनेर का सेवन करना असुरक्षित माना जाता है। आप इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।
अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं या किन्हीं अन्य स्थितियों में आपको निम्नलिखित साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं
- उल्टी
- डायरिया
- कमजोरी
- सिरदर्द
- पेट में दर्द
- गंभीर दिल की समस्या
- जी मचलना
ऐसा आवश्यक नहीं है कि सभी को यह साइड इफ़ेक्ट हों और कुछ लोगों को ऊपर बताए साइड इफ़ेक्ट के अलावा अतिरिक्त समस्याएं भी हो सकती हैं। इस पौधे के पत्तों या बीजों का सेवन करना घातक रूप से असुरक्षित हैं। हालांकि, इस बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है कि पीला कनेर का प्रयोग अगर त्वचा पर किया जाए तो इसके क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
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सावधानियां और चेतावनी
पीला कनेर (Yellow Kaner) का उपयोग करने से पहले मुझे किन बातों का पता होना चाहिए?
पीला कनेर का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से अवश्य सलाह लें, खासतौर पर अगर :
- आप गर्भवती हैं या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं तो इस हर्ब का सेवन करने से पहले डॉक्टर को अवश्य बताएं। बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन आपके और आपके शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
- आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं।
- आपको किसी भी तरह की कोई एलर्जी है।
- अगर आपको कोई अन्य बीमारी या विकार है।
इस का इस्तेमाल करने से पहले बरतें ये सावधानियां
पीला कनेर का सेवन या प्रयोग हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं हो सकता। इसलिए कुछ सावधानियों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए जैसे:
बच्चों के लिए : बच्चों के लिए इस पौधे का सेवन करना बेहद असुरक्षित है। इसलिए बच्चों को इसका सेवन न करने दें।
गर्भावस्था या स्तनपान की स्थिति में : पीला कनेर का सेवन इन दोनों भी स्थितियों में करना असुरक्षित है। क्योंकि इससे गर्भपात या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, इस बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है कि अगर गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला की त्वचा पर इसे लगाया जाए तो क्या प्रभाव होगा। सुरक्षित रहें और इसका किसी भी तरह से प्रयोग करने से बचे।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: अगर आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन है यानी पोटैशियम की कमी या कैल्शियम की अधिकता है तो ऐसे में पीला कनेर के प्रयोग से हार्ट को नुकसान हो सकता है। ऐसे में इस हर्ब का प्रयोग करने से बचे।
दिल की समस्याएं : अगर आपको दिल से संबंधित कोई भी समस्या है तो इस औषधि का प्रयोग खुद से न करें। अपनी मर्जी से इसका सेवन आपके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
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डोसेज
ऊपर दी गयी जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
पीला कनेर (Yellow Kaner) को लेने की सही खुराक क्या है?
पीला कनेर लेने की सही डोज कई चीज़ों पर निर्भर करती है जैसे रोगी की उम्र, स्वस्थ आदि। लेकिन इसे किस मात्रा में लेना चाहिए, इस समय इसकी कोई वैज्ञानिक जानकारी मौजूद नहीं है। इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा प्राकृतिक चीज़ों का सेवन करना लाभदायक नहीं होता। इसलिए, अपनी मर्जी से इसका सेवन न करें और न ही खुराक की मात्रा स्वयं निर्धारित करें। इसकी अधिक मात्रा स्वास्थ्य को लाभ की जगह नुकसान पहुंचा सकती है। इन पर प्रयोग करने से पहले हमेशा डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की राय लें।
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उपलब्धता
किन रूपों में उपलब्ध है पीला कनेर (Yellow Kaner) ?
पीला कनेर निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध होता है
- जड़
- छाल
- फूल
अगर आप पीला कनेर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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