backup og meta

डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज: जानिए कौन सी एक्सरसाइज करें और किन्हें करें अवॉइड


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/10/2021

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज: जानिए कौन सी एक्सरसाइज करें और किन्हें करें अवॉइड

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) करते वक्त बेहद ध्यान रखने की जरूरत होती है। क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy) की समस्या है तो आंखों की ब्लड वेसल्स में सूजन, लीकेज होने के साथ ही उनसे ब्लीडिंग भी हो सकती है। ऐसे में अगर आप इस डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन के साथ वर्कआउट कर रहे हैं, तो बहुत सर्तकता के साथ अपने लिए एक्सरसाइज का चुनाव करना होगा। डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) में एक्सरसाइज करना चाहिए या नहीं और अगर करना चाहिए तो कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए, किन बातों का इग्नोर नहीं करना चाहिए। ये सभी जानकारी हम इस आर्टिकल में देने जा रहे हैं। सबसे पहले जान लेते हैं कि डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या होती है।

    डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy)

    डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज का एक कॉम्प्लिकेशन है जो आंखों को प्रभावित करता है। इसकी वजह से रेटिना की ब्लड वेसल्स के लाइट सेंसिटिव टिशू डैमेज हो जाते हैं। शुरुआत में इस कंडिशन के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कुछ लोगों में शुरुआत में माइल्ड विजन प्रॉब्लम्स होती हैं, लेकिन यह बीमारी अंधेपन (Blindness) का कारण बन सकती है। यह कंडिशन डायबिटीज टाइप 1 या डायबिटीज टाइप 2 से पीड़ित लोगों को हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से डायबिटीज है और ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं है, तो उसमें आय कॉम्प्लिकेशन के डेवलप होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

    और पढ़ें: डायबिटीज में वेजिटेरियन डायट फॉलो करने से मिल सकते हैं ये सभी फायदे!

    डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण (Diabetic retinopathy Symptoms)

    जैसा कि हम बता चुके हैं कि अर्ली स्टेज में डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। जैसे-जैसे स्टेज बढ़ती है। निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

  • आंखों के सामने काले धब्बे या चीजें तैरती हुई दिखाई देना (Floaters)
  • धुंधला दिखाई देना (Blurred vision)
  • अस्थिर दृष्टि (Fluctuating vision)
  • अंधेरा दिखाई देना
  • दृष्टि चली जाना (Vision loss)
  • चलिए अब जान लेते हैं डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज के बारे में।

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy)

    इस कॉम्प्लिकेशन्स को ध्यान में रखते हुए डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज ध्यान से करना जरूरी है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की गाइडलाइन्स के अनुसार डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) के बारे में काफ़ी लोग सोचते हैं कि वो आंखों को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन एरोबिक एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का आंखों पर बुरा प्रभाव नहीं देखा गया है। अगर आपको डायबिटीज आय कॉम्प्लिकेशन है और साथ ही आप एक्सरसाइज प्रोग्राम का भी हिस्सा हैं तो आपको रेगुलर आय चेकअप करना चाहिए। हाय ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना कर रहे लोगों में रेटिनोपैथी अक्सर गंभीर होती है। साथ ही अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से बढ़ सकती है जो कुछ एक्सरसाइज जैसे कि वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) के साथ हो सकती है। ऐसे में फिटनेस एक्सपर्ट और डॉक्टर की मदद से अपने लिए सही एक्सरसाइज चुनना सही होगा।

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज: इन एक्सरसाइज से बचें

    डायबिटीज से होने वाले आय कॉम्प्लिकेशन का सामना कर रहे लोगों को किक बॉक्सिंग और दूसरे ऐसे स्पोर्ट या एक्सरसाइज से बचने चाहिए जो आंखों को चोट पहुंचा सकती हैं। कई मरीज जिनकी आंखों में ब्लड वेसल्स को स्थिर करने के लिए लेजर सर्जरी हुई है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे कठिन एक्सरसाइज करने से बचें जब तक कि यह पता ना चल जाए कि लेजर ट्रीटमेंट प्रभावी साबित हुआ है या नहीं। जिसमें कई महीने लग सकते हैं। मरीज का इलाज करने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ मिलकर अपनी स्थिति के अुनसार एक्सरसाइज पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

    इनके साथ ही लिफ्टिंग या पुशिंग के दौरान सांस रोककर की जाने वाली एक्सरसाइज, आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज (Isometric exercise), हाय इंपैक्ट एक्टिविटीज (High-impact activities) जिनमें झटका लग सकता है को अवॉइड करना चाहिए। ऐसी गतिविधियां जिनमें हेड डाउन करना पड़ता है (Head-down activities) उनसे भी बचना चाहिए।

    डायबिटीज हो या नहीं, सभी खेल प्रेमियों को आंखों की सुरक्षा (जैसे खेल चश्मा) पहनना चाहिए, विशेष रूप से ऐसी गतिविधि करते समय जिसमें हाथों की उंगलियां या खेल उपकरण-आंख पर लग सकते हैं और आंखों को चोट पहुंचा सकते हैं।

    और पढ़ें: डायबिटीज की है समस्या, तो आसानी से अपना सकते हैं इन बजट फ्रेंडली फूड्स को!

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) रूटीन में शामिल कर सकते हैं इन्हें

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) रूटीन को जारी रखना चाहते हैं या नई शुरुआत करना चाहते हैं तो आप लो इंपैक्ट एक्सरसाइज जैसे कि वॉकिंग, साइकलिंग और वॉटर एक्सरसाइज को जारी रख सकते हैं। इन एक्सरसाइज का ब्लड शुगर लेवल पर भी अच्छा प्रभाव देखा गया है। इसके साथ ही ये हार्ट हेल्थ के लिए भी अच्छी है और ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं। डायबिटीज के मरीजों को हार्ट डिजीज का खतरा रहता है। ऐसे में इन एक्सरसाइज से फायदा पहुंच सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

    डायबिटीज रेटिनापैथी में एक्सरसाइज के बाद अब ये भी जान लीजिए कि दूसरे डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए और कौन सी नहीं करनी चाहिए।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में डायबिटीज रिस्क के लिए सप्लीमेंट्स : इस्तेमाल करने से होगा फायदा!

    डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy)

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) में जिस तरह वेट लेफ्टिंग के लिए मना किया जाता है उसी तरह नेफ्रोपैथी वाले पेशेंट को शारीरिक तनाव का कारण बनने वाली एक्सरसाइज को करने से मना किया जाता है। इस स्थिति में भी मॉडरेट लेवल एक्सरसाइज को करने की सलाह दी जाती है। नेफ्रोपैथी का सामना कर रहे लोगों में एक्सरसाइज करने की क्षमता कम होती है और वे अपनी फिजिकल एक्टिविटीज को कम कर देते हैं।

    पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral neuropathy)

    रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज को लेकर जितनी सर्तकता की जरूरत है उतनी ही पेरिफेरल न्यूरोपैथी में भी है। हाय इंपैक्ट एक्टिविटीज के साथ ही वेट लेकर लंबे समय तक चलना, ट्रेडमिल पर दौड़ना, जंपिंग से बचने की सलाह दी जाती है। वहीं गर्म और ठंडे वातावरण में एक्सरसाइज करना, फुट इंजरी होने पर लॉन्ग वॉक और वेट ट्रेनिंग ना करने की सलाह दी जाती है।

    इस कंडिशन में मॉडरेट क्लाइमेट में लाइट से मॉडरेट एक्सरसाइज कर सकते हैं। जिसमें वॉकिंग, साइकलिंग, स्विमिंग चेयर एक्सरसाइज शामिल हैं। वेट लेकर चलने वाली एक्सरसाइज को तब किया जा सकता है जब फुट अल्सर हील हो चुके हों। जो लोग पैरिफेरल न्यूरोपैथी का सामना कर रहे हैं उन्हें उपयुक्त फुटवियर का चुनाव करना होगा। साथ ही पैरों को रोज चेक करना होगा।

    ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Autonomic neuropathy)

    डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) कर रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना है ये आप समझ गए। अब डायबिटीज के दूसरे कॉम्प्लिकेशन ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी में वर्कआउट के बारे में रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जान लें। इस कंडिशन में गर्म वातावरण में एक्सरसाइज जो डीहायड्रेशन (Dehydration) का कारण बनें उनसे बचें। साथ ही ऐसी तेज एक्सरसाइजेस जिनकी वजह से मूवमेंट में तीव्र परिवर्तन होता है बेहोशी का कारण बन सकती है। इस स्थिति में एक्सरसाइज प्रोग्राम के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना ना भूलें। आपको एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test) करानी की जरूरत पड़ सकती है।

    इस कंडिशन में माइल्ड से मॉडरेट एरोबिक एक्टिविटीज और रेजिस्टेंस ट्रेनिंग की जा सकती है, लेकिन इनकी लेंथ को धीरे-धीरे बढ़ाना होगा। डॉक्टर की रिकमंडेशन को फॉलो करें।

    और पढ़ें: Diabetes and gangrene: डायबिटीज और गैंग्रीन का क्या है आपस में कनेक्शन?

    डायबिटिक रेटिनोपैथी की रोकथाम कैसे करें? (Prevention tips for diabetic retinopathy)

    आप डायबिटिक रेटिनोपैथी को हमेशा रोक नहीं सकते। हालांकि, नियमित रूप से आंखों की जांच,ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर पर अच्छा नियंत्रण और दृष्टि समस्याओं के शुरुआती समय में ध्यान देना गंभीर दृष्टि हानि को रोकने में मदद कर सकता है। यदि आपको डायबिटीज है, तो निम्न कार्य करके रेटिनोपैथी होने के जोखिम को कम करें:

    • अपने डायबिटीज को मैनेज करें। हेल्दी फूड और शारीरिक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम एरोबिक गतिविधि करने की कोशिश करें, जैसे पैदल चलना।
    • डॉक्टर के निर्देश के अनुसार डायबिटीज की दवाएं या इंसुलिन लें।
    • अपने ब्लड शुगर के लेवल (Blood sugar level) को मॉनिटर करें। आपको अपने रक्त शर्करा के स्तर को दिन में कई बार जांचना और रिकॉर्ड करना पड़ सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको कितनी बार अपने रक्त शर्करा का परीक्षण करने की आवश्यकता है।
    • अपने डॉक्टर से ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट (Glycosylated hemoglobin test) के बारे में पूछें। ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट, या हीमोग्लोबिन A1C परीक्षण, परीक्षण से पहले के दो से तीन महीने की अवधि के लिए औसत ब्लड शुगर लेवल को दर्शाता है। डायबिटीज वाले अधिकांश लोगों के लिए, A1C लक्ष्य 7% से कम होना है।
    • अपने ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को कंट्रोल में रखें। हेल्दी फूड, रेगुलर एक्सरसाइज करने और अतिरिक्त वजन कम करने से इसमें मदद मिल सकती है। कभी-कभी दवा की भी जरूरत होती है।
    • यदि आप धूम्रपान (Smoking) करते हैं या अन्य प्रकार के तंबाकू का उपयोग करते हैं, तो अपने डॉक्टर से इसे छोड़ने में मदद करने के लिए कहें। धूम्रपान मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी सहित विभिन्न मधुमेह जटिलताओं के आपके जोखिम को बढ़ाता है।
    • दृष्टि परिवर्तन पर ध्यान दें। अपने नेत्र चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें यदि आपकी दृष्टि अचानक बदल जाती है या धब्बेदार या धुंधली हो जाती है।

    याद रखें, जरूरी नहीं कि सभी डायबिटीज के मरीजों को रेटिनोपैथी की समस्या हो। डायबिटीज मैनेजमेंट में सक्रिय भूमिका निभाने से जटिलताओं को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) को लेकर अन्य कोई सवाल है, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।


    Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/10/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement