- कीमोथेरिपी (Chemotherapy)
- एचआईवी (HIV)
- मालन्यूट्रिशन (Malnutrition)
- किडनी फेलियर (Kidney failure)
- 60 साल (Age) से ज्यादा उम्र होना
ऐसी स्थितियां भी गैंग्रीन के कारण बन सकते हैं। इसलिए ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस रखने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम (Immune system) को भी स्ट्रॉन्ग रखना बेहद जरूरी है।
इन्सुलिन इंजेक्शन का समय और डोज अपनी मर्जी से तय करना बढ़ा सकता है आपकी तकलीफ!
डायबिटीज और गैंग्रीन: नर्व से जुड़ी समस्या गैंग्रीन एक नहीं, बल्कि कई तरह के होते हैं- (Types of Gangrene)
गैंग्रीन की समस्या निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं। जैसे:
ड्राय गैंग्रीन Dry gangrene)- ड्राय गैंग्रीन की समस्या ब्लड फ्लो ब्लॉक होने की वजह से होती है। ऐसा ऑक्सिजन (Oxygen) सप्लाय ठीक तरह से ना होने की स्थिति में होता है। ड्राय गैंग्रीन डार्क ग्रीन, पर्पल या फिर ब्लैक कलर का होता है।
वेट गैंग्रीन (Wet gangrene)- डायबिटीज की मरीजों में वेट गैंग्रीन की समस्या ज्यादा देखी जाती है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज पेशेंट के फूट (Foot) या टो (Toe) तक ठीक तरह से ब्लड सर्क्युलेशन ना होने की स्थिति में होता है। पैर या पैरों की उंगलियों में होने वाली गैंग्रीन की समस्या को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है, जिसकी वजह से इंफेक्शन (Infection) फैलने का खतरा बना रहता है।
गैस गैंग्रीन (Gas gangrene)- गैस गैंग्रीन की समस्या बॉडी के इंटर्नल होती है। दरअसल ऐसी स्थिति में हानिकारक बैक्टीरिया गैस रिलीज करते हैं, जो टिशू, सेल्स एवं ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) को डैमेज करने में सक्षम होते हैं।
इंटर्नल गैंग्रीन (Internal gangrene)- इंटर्नल ऑर्गेन में ब्लड फ्लो ब्लॉक हो जाए, तो ऐसी स्थिति में इंटर्नल गैंग्रीन की समस्या शुरू हो जाती है। इंटर्नल गैंग्रीन इंटेस्टाइन, गॉलब्लैडर एवं एपेंडिक्स को अपना निशान बनाता है। वहीं इंटर्नल गैंग्रीन की वजह से दर्द (Pain) और बुखार (Fever) की भी समस्या हो सकती है।
फोर्नियर्स गैंग्रीन (Fournier’s gangrene)- फोर्नियर्स गैंग्रीन की समस्या जेनाइटल ऑर्गेन से जुड़ी हुई होती है। यह समस्या विशेष रूप से यूरिनरी ट्रैक्ट में होने वाली समस्या है। यह समस्या महिला या पुरुष दोनों में हो सकती है।
प्रोग्रेसिव बैक्टीरिया सिनर्जिस्टिक गैंग्रीन (Progressive bacterial synergistic gangrene)- प्रोग्रेसिव बैक्टीरिया सिनर्जिस्टिक गैंग्रीन रेयर केस कहलाती है और यह समस्या किसी सर्जरी के बाद बाहरी त्वचा पर होने वाली परेशानी है।
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डायबिटीज और गैंग्रीन: गैंग्रीन का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Gangrene)
गैंग्रीन के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) समझने की कोशिश करते हैं। इस दौरान अगर पेशेंट डायबिटीज की शिकार है, तो उनसे ब्लड शुगर लेवल एवं डायबिटीज की दवाओं (Diabetic medication) के बारे में भी समझते हैं। इसके बाद निम्नलिखित टेस्ट (Test) करवाने की सलाह दी जाती है। जैसे: