डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy)
इस कॉम्प्लिकेशन्स को ध्यान में रखते हुए डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज ध्यान से करना जरूरी है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की गाइडलाइन्स के अनुसार डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) के बारे में काफ़ी लोग सोचते हैं कि वो आंखों को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन एरोबिक एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का आंखों पर बुरा प्रभाव नहीं देखा गया है। अगर आपको डायबिटीज आय कॉम्प्लिकेशन है और साथ ही आप एक्सरसाइज प्रोग्राम का भी हिस्सा हैं तो आपको रेगुलर आय चेकअप करना चाहिए। हाय ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना कर रहे लोगों में रेटिनोपैथी अक्सर गंभीर होती है। साथ ही अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से बढ़ सकती है जो कुछ एक्सरसाइज जैसे कि वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) के साथ हो सकती है। ऐसे में फिटनेस एक्सपर्ट और डॉक्टर की मदद से अपने लिए सही एक्सरसाइज चुनना सही होगा।
डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज: इन एक्सरसाइज से बचें
डायबिटीज से होने वाले आय कॉम्प्लिकेशन का सामना कर रहे लोगों को किक बॉक्सिंग और दूसरे ऐसे स्पोर्ट या एक्सरसाइज से बचने चाहिए जो आंखों को चोट पहुंचा सकती हैं। कई मरीज जिनकी आंखों में ब्लड वेसल्स को स्थिर करने के लिए लेजर सर्जरी हुई है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे कठिन एक्सरसाइज करने से बचें जब तक कि यह पता ना चल जाए कि लेजर ट्रीटमेंट प्रभावी साबित हुआ है या नहीं। जिसमें कई महीने लग सकते हैं। मरीज का इलाज करने वाले नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ मिलकर अपनी स्थिति के अुनसार एक्सरसाइज पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
इनके साथ ही लिफ्टिंग या पुशिंग के दौरान सांस रोककर की जाने वाली एक्सरसाइज, आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज (Isometric exercise), हाय इंपैक्ट एक्टिविटीज (High-impact activities) जिनमें झटका लग सकता है को अवॉइड करना चाहिए। ऐसी गतिविधियां जिनमें हेड डाउन करना पड़ता है (Head-down activities) उनसे भी बचना चाहिए।
डायबिटीज हो या नहीं, सभी खेल प्रेमियों को आंखों की सुरक्षा (जैसे खेल चश्मा) पहनना चाहिए, विशेष रूप से ऐसी गतिविधि करते समय जिसमें हाथों की उंगलियां या खेल उपकरण-आंख पर लग सकते हैं और आंखों को चोट पहुंचा सकते हैं।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) रूटीन में शामिल कर सकते हैं इन्हें
डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) रूटीन को जारी रखना चाहते हैं या नई शुरुआत करना चाहते हैं तो आप लो इंपैक्ट एक्सरसाइज जैसे कि वॉकिंग, साइकलिंग और वॉटर एक्सरसाइज को जारी रख सकते हैं। इन एक्सरसाइज का ब्लड शुगर लेवल पर भी अच्छा प्रभाव देखा गया है। इसके साथ ही ये हार्ट हेल्थ के लिए भी अच्छी है और ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं। डायबिटीज के मरीजों को हार्ट डिजीज का खतरा रहता है। ऐसे में इन एक्सरसाइज से फायदा पहुंच सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
डायबिटीज रेटिनापैथी में एक्सरसाइज के बाद अब ये भी जान लीजिए कि दूसरे डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए और कौन सी नहीं करनी चाहिए।
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डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy)
डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) में जिस तरह वेट लेफ्टिंग के लिए मना किया जाता है उसी तरह नेफ्रोपैथी वाले पेशेंट को शारीरिक तनाव का कारण बनने वाली एक्सरसाइज को करने से मना किया जाता है। इस स्थिति में भी मॉडरेट लेवल एक्सरसाइज को करने की सलाह दी जाती है। नेफ्रोपैथी का सामना कर रहे लोगों में एक्सरसाइज करने की क्षमता कम होती है और वे अपनी फिजिकल एक्टिविटीज को कम कर देते हैं।
पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral neuropathy)
रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज को लेकर जितनी सर्तकता की जरूरत है उतनी ही पेरिफेरल न्यूरोपैथी में भी है। हाय इंपैक्ट एक्टिविटीज के साथ ही वेट लेकर लंबे समय तक चलना, ट्रेडमिल पर दौड़ना, जंपिंग से बचने की सलाह दी जाती है। वहीं गर्म और ठंडे वातावरण में एक्सरसाइज करना, फुट इंजरी होने पर लॉन्ग वॉक और वेट ट्रेनिंग ना करने की सलाह दी जाती है।
इस कंडिशन में मॉडरेट क्लाइमेट में लाइट से मॉडरेट एक्सरसाइज कर सकते हैं। जिसमें वॉकिंग, साइकलिंग, स्विमिंग चेयर एक्सरसाइज शामिल हैं। वेट लेकर चलने वाली एक्सरसाइज को तब किया जा सकता है जब फुट अल्सर हील हो चुके हों। जो लोग पैरिफेरल न्यूरोपैथी का सामना कर रहे हैं उन्हें उपयुक्त फुटवियर का चुनाव करना होगा। साथ ही पैरों को रोज चेक करना होगा।
ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Autonomic neuropathy)
डायबिटिक रेटिनोपैथी में एक्सरसाइज (Exercise in Diabetic Retinopathy) कर रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना है ये आप समझ गए। अब डायबिटीज के दूसरे कॉम्प्लिकेशन ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी में वर्कआउट के बारे में रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जान लें। इस कंडिशन में गर्म वातावरण में एक्सरसाइज जो डीहायड्रेशन (Dehydration) का कारण बनें उनसे बचें। साथ ही ऐसी तेज एक्सरसाइजेस जिनकी वजह से मूवमेंट में तीव्र परिवर्तन होता है बेहोशी का कारण बन सकती है। इस स्थिति में एक्सरसाइज प्रोग्राम के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना ना भूलें। आपको एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test) करानी की जरूरत पड़ सकती है।