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बच्चों में हायपोग्लाइसेमिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of Hypoglycemia in Children)
ट्रीटमेंट बच्चे की हेल्थ, लक्षण, उम्र पर निर्भर करता है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि कंडिशन कितनी सीवियर है। डायबिटीज से पीड़ित बच्चों में ट्रीटमेंट का उद्देश्य ब्लड ग्लूकोज लेवल को सेफ रखना है। इसके लिए ब्लड ग्लूकोज टेस्टिंग, लक्षणों को पहचानना और कंडिशन का शीघ्रता के साथ इलाज करना है।
बच्चों में लो ब्लड शुगर ग्लूकोज का जल्दी से जल्दी इलाज करने के लिए जरूरी है कि बच्चे को ऐसा कुछ खिलाया जाए जिसमें शुगर हो। जिसमें निम्न शामिल हैं।
ऐसे में कार्बोहाइड्रेट फूड्स जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जैसे कि नट्स या मिल्क नहीं देना चाहिए। ये डायट्री कार्बोहाइड्रेट्स के साथ इंसुलिन के रिस्पॉन्स को बढ़ा सकते हैं। जब तक ब्लड ग्लूकोज लेवल को हर 15 से 20 मिनट में चेक किया जाना चाहिए जब तक यह 100 mg/dl तक नहीं पहुंच जाता।अगर हायपोग्लाइसेमिया सीवियर है तो बच्चे को ग्लूकागोन इंजेक्शन (Glucagon injection) की जरूरत पड़ सकती है।
बच्चों में लो शुगर लेवल के कॉम्प्लिकेशन्स क्या हैं? (Complications of hypoglycemia in a child)
ब्रेन को फंक्शन करने के लिए ब्लड ग्लूकोज की जरूरत होती है। पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज ना होने पर दिमाग की कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। सीवियर या लंबे समय तक चलने वाला हायपोग्लाइसेमिया सीजर्स (Seizures) या सीरियस ब्रेन इंजरी (Serious brain injury) का कारण बन सकता है।
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बच्चों में हायपोग्लाइसेमिया को होने से कैसे रोका जा सकता है (Prevention of hypoglycemia in a child)
हायपोग्लाइसेमिया के सभी एपिसोड्स को रोका नहीं जा सकता है। टाइप 1 डायबिटीज वाले अधिकांश बच्चों में हायपोग्लाइसेमिया (Hypoglycemia in Children) होगा। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, गंभीर हायपोग्लाइसेमिया की संभावना कम होती जाती है, लेकिन आप गंभीर एपिसोड को रोकने में मदद कर सकते हैं: