डायबिटीज की बीमारी का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में डरवाने ख्याल आने लगते हैं। ये सच हैं कि डायबिटीज की बीमारी हो जाने पर लाइफस्टाइल में बहुत से सुधार करने की जरूरत होती है। अगर बीमारी का ट्रीटमेंट न कराया जाए और न ही खानपान या लाइफस्टाइल पर ध्यान दिया जाए, तो कई समस्याओं का समना करना पड़ सकता है। महिलाओं के शरीर में कई हॉर्मोनल चेंज होते हैं, जिसके कारण विभिन्न प्रकार की क्रियाएं सम्पन्न होती है। अगर ऐसे में महिला को टाइप 2 डायबिटीज का सामना करना पड़े, तो शरीर में कई परिवर्तन नजर आने लगते हैं। आप ये भी कह सकते हैं कि मधुमेह की बीमारी के कारण शरीर की कई क्रियाएं प्रभावित होती है। डायबिटीज का शरीर पर क्या असर होता है, इस संबंध में कई स्टडीज की जा चुकी हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको T2DM महिलाओं में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone replacement therapy in women with T2DM) के संबंध में की गई स्टडी के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही इससे संबंधित अन्य जानकारी भी देंगे।
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T2DM महिलाओं में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone replacement therapy in women with T2DM)
डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ग्लाइसेमिक कंट्रोल में अंतर देखने को मिल सकता है। हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (एचआरटी) डायबिटीज में ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को कैसे प्रभावित करती है, इसके बारे में बहुत कम जानकारी है। स्टडी के माध्यम से इस बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई। इस स्टडी परपज यह जानना था कि क्या टाइप 2 डायबिटीज वाली महिलाओं में HbA1c का स्तर वर्तमान HRT से भिन्न है। T2DM महिलाओं में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone replacement therapy in women with T2DM) के संबंध में की गई स्टडी में खास बात सामने आई।
स्टडी के दौरान टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 15,435 महिलाओं के एक समूह में, HbA1c और HRT का मूल्यांकन फार्मा सिस्टम और कम्यूटराइज्ड लैबोरेटरी में किया गया। स्टडी के दौरान ये बात सामने आई कि हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी घटे हुए HbA1c स्तर से जुड़ा था। इसे ज्यादा समझने के लिए क्लीनिकल ट्रायल की जरूरत पड़ सकती है कि क्या एचआरटी मधुमेह वाली महिलाओं में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार कर सकता है।
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T2DM महिलाओं में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी : क्या असर दिखाती है हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी?
टाइप 2 डायबिटीज वाली महिलाओं में मेनोपॉज के साथ सेक्स-हॉर्मोन के स्तर, पेट की चर्बी और इंसुलिन मेटाबॉलिज्म ( insulin metabolism) में परिवर्तन अच्छे ग्लाइसेमिक नियंत्रण (Good glycemic control) को प्राप्त करने में एडिशनल इनहिबिशन या रुकावट का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। इस बात के प्रमाण हैं कि एक्सोजिनस एस्ट्रोजेन (exogenous estrogens) इनमें से कुछ प्रतिकूल परिवर्तनों को कम कर सकते हैं। हाल ही में 40 टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) वाली महिलाओं के बीच किए गए छोटे प्लासिबो-कंट्रोल्ड ट्रायल (placebo-controlled trials) ने दिखाया है कि केवल एस्ट्रोजन के साथ कम समय के लिए हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (एचआरटी) एचबीए 1 C स्तर में सुधार करती है और टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) के साथ पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं ( postmenopausal women) में हाइपरएंड्रोजेनेसिटी (hyperandrogenicity) को कम करती है। 50-98 वर्ष आयु वर्ग की 15,435 महिलाओं में, जिन्हें 2 साल की अध्ययन अवधि के दौरान टाइप 2 मधुमेह और एचबीए1सी मापा गया था। वर्तमान में एचबीए1सी परीक्षण से पहले एचआरटी का उपयोग कर रही थीं। एचआरटी और घटे हुए एचबीए1सी स्तरों के बीच संबंध उम्र आदि के बारे में भी स्टडी की गई।
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डायबिटीज के खतरे को ऐसे कहें ‘ना’
T2DM महिलाओं में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी की स्टडी के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है लेकिन अगर लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए, तो इस बीमारी से छुटकारा भी पाया जा सकता है। आपको डॉक्टर से जांच कराने के बाद जरूरी दवाओं का सेवन करना चाहिए और साथ ही समय-समय पर शुगर लेवल की जांच जरूर करानी चाहिए। आपको रोजाना एक्सरसाइज के साथ ही पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी चाहिए। साथ ही आपको स्ट्रेस से भी दूर रहना चाहिए। आपको अगर कोई पहले से बीमारी है, तो बेहतर होगा कि आप उस बीमारी का इलाज भी कराएं।
- रोजाना करीब आधे घंटे वॉक पर जरूर जाएं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और साथ ही डायट में फ्रेश फ्रूट्स और वेजीटेबल्स को जरूर शामिल करें।
- अगर डॉक्टर ने आपको इंसुलिन लेने की सलाह दी है, तो समय पर इंसुलिन जरूर लें।
- अगर आपको भूख नहीं लगती है या फिर किसी अन्य प्रकार की समस्या पैदा होती है, तो डॉक्टर से जरूर बताएं।
- तनाव (Tension) से दूर रहें।
- अगर आपका वेट (Weight) अधिक है, तो उसे संतुलित रखें। आप चाहे तो इस संबंध में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।
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अगर आप डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं और डायबिटीज में एक्सरसाइज की मदद से ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रखना चाहते हैं, तो डॉक्टर एवं फिटनेस एक्सपर्ट से कंसल्ट करें। क्योंकि डॉक्टर ब्लड शुगर की समस्या को ध्यान में रखकर डायबिटीज की दवा एवं वर्कआउट करने की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर से द्वारा प्रिस्क्राइब्ड ड्रग्स का सेवन करने के साथ ही नियमित योगासन करें। शुगर लेवल बढ़ाने वाले फलों (Fruits) के साथ ही उन फूड्स का सेवन करने से बचें, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको T2DM महिलाओं में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone replacement therapy in women with T2DM) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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