मस्टेक्टोमी की बेसिक बातों को जानें
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) क्या है ?
मस्टेक्टोमी एक सर्जरी है, जिसमें एक या दोनों ब्रेस्ट्स से टिश्यूज को निकाल दिया जाता है। इस सर्जरी को ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है। इस सर्जरी की नई तकनीक में ब्रेस्ट्स की स्किन को बचाया जा सकता है और नेचुरल ब्रेस्ट जैसी अपीरेंस पा सकते हैं। इसे स्किन स्पेरिंग मस्टेक्टोमी भी कहते है। मस्टेक्टोमी आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर को फैलने से रोकने के लिए की जाती है।
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) की जरुरत क्यों पड़ती है ?
अगर आपको ब्रैस्ट कैंसर हो गया है या फिर होने के लक्षण दिख रहे है, तब आप मस्टेक्टोमी करवाए। इसमें आपके ब्रैस्ट के सारे इंफेक्टेड टिश्यूज को निकाल दिया जाता है.। अगर एक ब्रेस्ट के टिश्यूज को हटाया जाए, तो उस सर्जरी को युनीलेटरल मस्टेक्टोमी कहते है। अगर दोनों ब्रेस्ट को हटाना पड़ता है, तो उसे बाइलेटरल मस्टेक्टोमी कहते है।
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मस्टेक्टोमी से बचाव
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) कराने से पहले क्या जानना जरुरी है ?
मस्टेक्टोमी प्रोसीजर इन कंडीशंस में करवाया जा सकता है :
- अगर ट्यूमर पांच सेंटीमीटर से बड़ा है, तो आपको मस्टेक्टोमी की जरुरत पड़ेगी। स्टेज के हिसाब से कभी-कभी पांच सेंटीमीटर से कम के ट्यूमर के लिए भी मस्टेक्टोमी की जा सकती है।
- कैंसर के छोटे ट्यूमर के लिए लुम्पेक्टॉमी (lumpectomy ) करवा सकते हैं।
- अगर आपके ब्रेस्ट बहुत छोटे हैं, तो डॉक्टर आपको मस्टेक्टोमी की सलाह देंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि लुम्पेक्टोमी (Lumpectomy) करवाने पर भी ब्रेस्ट में बहुत काम टिश्यूज बचेंगे।
- अगर आपके सर्जन पहले ही लुम्पेक्टोमी से कैंसर का इलाज करने की कोशिश कर चुके है पर सफल नहीं हुए।
- अगर आपके छोटे ट्यूमर के लिए लुम्पेक्टोमी और रेडिएशन सही इलाज नहीं है। इसके अलावा अगर आप पहले ही ब्रेस्ट पर रेडिएशन थैरेपी करवा चुके हो या फिर आपके कनेक्टिव टिश्यूज में कोई बीमारी हो (ल्यूपस, रहूमटॉइड आर्थराइटिस ( rheumatoid arthritis)।
- आप प्रेगनेंट हो या फिर डेली रेडिएशन ट्रीटमेंट न करना चाहती हो।
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समस्या और इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स
इस सर्जरी के बाद हलकी सूजन, रेडनेस और बुखार हो सकता है। ऑपरेशन के समय गले में डाली गई ट्यूब की वजह से गले में खराश रहेगी लेकिन ये कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी।
मस्टेक्टोमी से फिजिकल रिकवरी होना आसान है लेकिन लोगों के लिए इमोशनली इससे उभरना थोड़ा मुश्किल है क्योकि :
- एक या दोनों ब्रेस्ट के टिश्यूज निकल जाने से फिजिकल अपीयरेंस बदल जाता है।
- सर्जरी के बाद भी कैंसर खत्म हो जाए ये जरुरी नहीं है।
सर्जरी से पहले पेशेंट्स की स्पेशल काउंसलिंग की जाती है या फिर पेशेंट्स खुद थेरेपिस्ट से काउंसलिंग करवाते हैं।
सर्जरी में एनेस्थीसिया का इस्तेमाल होता है और टिश्यूज को निकाला जाता है। बाकि सर्जरी की तरह इस सर्जरी के भी कुछ खतरे हैं :
- एनेस्थीसिया से परेशानी
- कंधो में दर्द और बाहो में तनाव
- खून बहना और इन्फेक्शन
- सर्जिकल इन्सिजन के आसपास की त्वचा का उखाड़ना
- जहां पर ब्रेस्ट था, उस जगह चुभन का एहसास होना
- लिम्फडेमा (lymphdema ) आर्म पिट्स और आर्म्स में पस के कारण सूजन होना
- पीठ, बांहो और चेस्ट वाल की नसों का खराब होना
- सर्जरी की जगह सख्त टिश्यूज का बनना
- सर्जिकल साईट के अंदर खून या फ्लूइड का भरना
सर्जरी करवाने से पहले इससे जुड़े बचाव, समस्याएं और प्रभाव को जानना जरुरी है। किसी भी और जानकारी या सवाल के लिए अपने डॉक्टर या सर्जन से मिलें।
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मस्टेक्टोमी की प्रक्रिया
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) की तैयारी कैसे करे ?
मस्टेक्टोमी से पहले अपने सर्जन से बात कर लें और सुनिश्चित करें कि अगर किसी और तरीके से इलाज किया जा सकता है। सर्जरी से पहले आप अपने सर्जन और एनस्थीओलॉजिस्ट से मिलें और अपनी मेडिकल हिस्ट्री, ऑपरेशन और ऑपरेशन के समय दिया जाना वाला एनेस्थीसिया डिसकस कर लें। सर्जरी से पहले ही आप डॉक्टर से पूरा प्रोसीजर समझ लें और सर्जरी के खतरे और कारणों के बारे में जान लें।
क्या मस्टेक्टोमी के बाद आप ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन करवा सकती हैं। ये भी डॉक्टर से पूछ लें, अगर डॉक्टर्स रिकंस्ट्रक्शन की सहमति देते हैं, तो मस्टेक्टोमी के तुरंत बाद ही रिकंस्ट्रक्शन करवा लें। इससे दोबारा एनेस्थीसिया नहीं लेना पड़ेगा और कोई दिक्कत नहीं होगी।
ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन इन तरीको से किया जा सकता है :
- ब्रेस्ट एक्सपैंडेर से स्लाइन और सिलिकॉन इम्प्लांट की मदद से।
- आपके ही शरीर के किसी जगह के टिश्यूज से (Autologous tissue reconstruction)
- टिश्यू रिकंस्ट्रक्शन और इम्प्लांट को मिलाकर।
ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन बहुत कठिन प्रोसीजर है। अगर आप मस्टेक्टोमी (Mastectomy) के तुरंत बाद रिकंस्ट्रक्शन का सोच रहे है, तो सर्जरी से पहले प्लास्टिक सर्जन से भी जरूर मिल लें।
सर्जरी की तैयारी
सर्जरी से पहले आपको कुछ बातो पर देना जरूरी :
- अपने डॉक्टर को अपनी सभी दवाइयों, सप्लीमेंट्स और विटामिन्स के बारे में बता दें। कुछ दवाएं सर्जरी में बाधा बन सकती हैं।
- खून को पतला करने वाली दवाए लेना बंद कर दें। अपने डॉक्टर से मेडिकेशन डिसकस कर लें। एस्प्रिन की टैबलेट, आइब्रुफेन (एडविन , मोटरीन आईबी ) और भी ऐसी दवाएं, जो खून को पतला करती है उन्हें लेना रोक दें।
- सर्जरी से आठ या बारह घंटे पहले खाना पीना बंद कर दें।
- सर्जरी के बाद हॉस्पिटल में कितने दिन रुकना है ये पूछ लें ताकि उस हिसाब से पैकिंग कर सकें। स्लिपर्स, कपड़े और टूथब्रश रख लें। टाइम काटने के लिए किताबें रख सकते हैं।
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) के समय क्या होता है ?
मस्टेक्टोमी में दो से तीन घंटे का समय लगता है। इस सर्जरी के बाद पेशेंट जा सकती है। अगर आप दोनों ब्रेस्ट की सर्जरी करवा रही हैं, तो पॉसिबल है की आपको हॉस्पिटल में ज्यादा समय के लिए रुकना पड़े। अगर मस्टेक्टोमी के साथ ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन भी करवा रही हैं, तो और ज्यादा समय लग सकता है।
अगर आपकी सेंटिनल नोड बायोप्सी होनी है, तो सर्जरी के पहले रेडियोएक्टिव ट्रेसर या ब्लू डाई आपके ट्यूमर इन्फेक्टेड एरिया में जाएगी। ट्रेसर और डाई नोड के पास जाकर डॉक्टर को उनकी जगह बताएंगे ताकि सर्जरी के समय उन्हें निकाला जा सके।
- मस्टेक्टोमी (Mastectomy) जनरल एनेस्थेसिया देकर की जाती है।
- सर्जरी की शुरुआत डॉक्टर ब्रेस्ट के आसपास गोलाकार कट लगाकर करते हैं। प्रोसीजर के हिसाब से टिश्यूज और ब्रेस्ट के बाकि भागो निकाला जाता है।
- ब्रेस्ट टिश्य़ूज और लिम्फ नोड्स, जो निकाले गए हैं, उन्हें लेबोरेटरी में जांच के लिए भेज दिया जाता है।
- अगर आप मस्टेक्टोमी के साथ ही ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन करवाते है तो सर्जरी वक्त ब्रेस्ट सर्जन और प्लास्टिक सर्जन दोनों मौजूद रहेंगे।
- चेस्ट में टेम्पररी टिश्यू एक्सपैंडेर रख कर भी ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन किया जा सकता है। ये एक्सपैंडेर नए ब्रैस्ट के लिए साचा तैयार करेंगे।
- अगर आप सर्जरी के बाद रेडिएशन थैरेपी करवाने की सोच रही हैं, तो पहले रेडियो ऑन्कोलॉजिस्ट से मिल लें और इसके असर और खतरों के बारे में जान लें।
- ये भी जरूर पता लगा लें कि इससे आपके फ्यूचर ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन पर क्या असर पड़ेगा।
- सर्जरी पूरी होने के बाद इन्सिजन को सिल दिया जाता है। आपके सर्जरी हुए एरिया में छोटी ट्यूब्ज लगायी जाती हैं। ये ट्यूब्ज़ किसी भी फ्लूइड को इकट्ठा होने से रोकती हैं। ये ट्यूब्ज़ उस एरिया में सिल दी जाती हैं और एक ड्रेनेज बैग से जुडी हुई रहती हैं।
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) के बाद क्या होता है ?
सर्जरी के बाद ऑवजरवेशन में रखा जाता है। हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर और मितली की फीलिंग को भी कंट्रोल किया जाता है। हर घंटे आपकी शारीरिक हालत के हिसाब से दवाएं और इलाज दिया जाता है।
मस्टेक्टोमी में लगभग आपको तीन दिन तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। अगर आप मस्टेक्टोमी के साथ रेकस्ट्रक्शन करवाती हैं, तो ज्यादा समय लग सकता है। पेशेंट्स को तनाव और स्कार अवॉयड करने की एक्सरसाइज सिखाई जाती है। इसके साथ ही क्या करना है क्या नहीं इसके बारे में भी डॉक्टर आपको बताएंगें।
हॉस्पिटल छोड़ने से पहले डॉक्टर आपको ये निर्देश देंगें :
- दर्द की दवाएं : कौनसी दवा लेनी है और ज्यादा दर्द होने पर क्या कर सकते हैं, ये सभी बाते बताई जाएंगी
- बैंडजेस, ड्रेसिंग और सर्जिकल ड्रेन की देखभाल कैसे करनी है बताया जाएगा
- स्टिचेस और स्टेपल्स का क्या करना हैं, आमतौर पे ये खुद ही कुछ दिनों में गलके निकल जाएंगी
- इन्फेक्शन और लिम्फडेमा के सिम्पटम्स को कैसे पहचानें
- रोज क्या एक्ससरसाइज करनी हैं ये बताया जाएगा
- प्रोस्थेसिस और ब्रा दोबारा कब पहन सकते है बताया जाएगा
किसी भी और सवाल या जानकारी के लिए डॉक्टर से मिलें।
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रिकवरी
मस्टेक्टोमी (Mastectomy) के बाद आप क्या करें ?
- आराम करें : आराम करे ताकि घाव जल्दी भर जाए
- दर्द को सही से संभाले और इसके बारे में डॉक्टर से खुलकर बात करें
- जब तक सुचर और स्टेपल्स निकल न जाएं तब तक स्पंज बांध लें, शावर से न नहाएं
- ज्यादा दवाएं खाने से कॉन्स्टिपेशन हो सकता है इसलिए हाई फाइबर फूड खाएं
- डॉक्टर की बताई हुई एक्ससरसाइज करें
- अपने घर वालो के करीब रहें और उनसे जरुरत पड़ने पर मदद मांगें
यदि आपके पास अभी भी कोई प्रश्न हैं, तो बेहतर समाधान के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।
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