अगर आप कैंसर का नाम सुनकर भयभीत हो जाते हैं तो यह आपकी जिंदगी की बहुत बड़ी गलती हो सकती है। मेडिकल साइंस समय के साथ बहुत विकसित हुआ है। इसलिए किसी भी बीमारी का इलाज देरी से जरूर है लेकिन असंभव तो कतई नहीं। बात करें अगर महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर की तो बता दें कि देश में तेजी से महिलाओं को स्तन कैंसर (Breast Cancer) की समस्या हो रही है। यही कारण है कि देश में कैंसर से होने वाली मौतों में ब्रेस्ट कैंसर बड़ा कारण बनता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के आंकड़े और इनसे होने वाली मौत के आंकड़े आपको हैरानी में डाल सकते हैं। देश में स्तन कैंसर पीड़ित दो महिलाओं में एक दम तोड़ देती है। अगर इस पर भी ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ फैला दें तो खतरा अपने आप ही बढ़ जाता है।
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बता दें कि ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) पर अब तक अगिनत शोध हो चुके हैं और इस कैंसर पर अफवाहों पर भी जागरूकता फैलाने का प्रयास भी कई बार किया गया है। इतना ही नहीं लोगों मे ब्रेस्ट कैंसर पर जागरूकता फैलाने के लिए कई तरह के इवेंट और वर्कशॉप भी की जाती रही हैं लेकिन हकीकत यह है कि क्या वाकई में हम इस गंभीर बीमारी से निपटने के लिए तैयार हैं या फिर अफवाहों से डर जिंदगी को दांव पर लगाने में लगे हुए हैं। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ (Myths ) के बारे में , साथ ही इसकी सही और सटीक जानकारी बारे में भी जानें….
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ (Myths About Breast Cancer)
1. अनुवांशिक कारण (Genetics Reason)
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) को लेकर यह मिथ लोगों के मन में घर कर जाता है कि यह आनुवांशिक कारण से होता है। यानी घर में किसी एक महिला के होने पर सभी महिलाओं को हो सकता है, लेकिन इस गंभीर बीमारी पर ऐसा सोचना गलत है। अगर आपका कोई रिश्तेदार स्तन कैंसर से पीड़ित है तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह बीमारी आपको भी हो। बता दें कि ऐसे मामले सिर्फ 13 फीसदी ही देखे गए हैं। वहीं, 75 से 80 प्रतिशत मामलों में आनुवांशिक या पैतृक कैंसर की कोई भूमिका नहीं होती।
2. स्तन कैंसर (Breast Cancer) पैतृक न होने पर खतरा नहीं
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ में यह मिथ बेहद आम है कि अगर परिवार में कोई भी सदस्य कभी स्तन कैंसर का शिकार नहीं हुआ है तो ये आपको भी नहीं होगा तो आप यह गलत सोच रहे हैं। क्योंकि 85 प्रतिशत मामलों में स्तन कैंसर का पारिवारिक संबंध बिल्कुल भी नहीं होता है।
3. पिता के परिवार में कैंसर का इतिहास उतना असरदार नहीं होता है जितना मां के परिवार में कैंसर का इतिहास
इस मिथ में तथ्य यह है कि अगर पुरुष में स्तन कैंसर का इतिहास है तो खतरा और भी ज्यादा बढ़ सकता है। इसके विपरित अगर किसी महिला के परिवार में दो पुरुषों को स्तन कैंसर है तो उन्हें किसी ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लें स्तन कैंसर की जांच करवा लेना जरूरी होता है। बता दें कि माता या पिता दोनों के कारण स्तन कैंसर होने की संभावना होती है।
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अन्य ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ (Other Myths Of Breast Cancer)
1. स्तन में गांठ (Lump) से कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ में यह मिथ भी बहुत प्रचलित है। कई लोगों की यही धारणा होती है कि अगर ब्रेस्ट में गांठ है तो इसका मतलब है कि ब्रेस्ट कैंसर है। जबकि जरुरी नहीं है कि ऐसा हो। आप अन्य लक्षणों को भी ध्यान दे सकते है। इससे आपको आसानी से पता चल जाएगा।
2. ओवरवेट महिला में स्तन कैंसर
जी हां, शोध में यह सही पाया गया है कि जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उनमें स्तन कैंसर की संभावना अधिक होती है। ऐसे में ओवरवेट महिला वजन कम कर स्तन कैंसर से बच सकती हैं।
स्तन कैंसर से जुड़ी कुछ गलतफहमियां (Some Misconceptions Related To Breast Cancer)
पुरुष नहीं होते ब्रेस्ट कैंसर का शिकार
कई लोग सोचते है कि यह केवल महिलाओं को ही होता है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इस बीमारी के शिकार पुरुष भी होते है। पुरुषों के सीने उभरें हुए नहीं होते है लेकिन उनके भी ब्रेस्ट टिश्यू होते है। इसलिए उन्हें भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ में यह भी बहुत आम है।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) उम्र के मुताबिक होता है
ब्रेस्ट कैंसर हर उम्र की महिलाओं पर समान प्रभाव छोड़ता है। स्तन कैंसर 25 से 90 साल तक की किसी भी महिला को घेर सकता है। हालांकि महिलाओं में किसी भी उम्र में स्तन कैंसर पनप सकता है लेकिन 55 साल की उम्र वाले स्तन कैंसर 45 की उम्र में होने वाले स्तन कैंसर से आक्रामक और हानिकारक साबित होते हैं।
हेल्दी लाइफस्टाइल के कारण नहीं होगा ब्रेस्ट कैंसर
कई महिलाओं और पुरुष यहीं सोचते है कि वे हमेशा हेल्दी खाना लेते हैं। कभी एल्कोहॉल या फिर सिगरेट का सेवन नहीं करते हैं, तो उन्हें ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी नहीं होगी। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
युवतियों को स्तन कैंसर नहीं होता सोचना गलत
बता दें कि स्तन कैंसर हर उम्र वर्ग की युवतियों को अपना शिकार बना सकता है। साथ ही उम्र के बढ़ने से स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ता चला जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि स्तन में होने वाले बदलाव के साथ उसमें होने वाली परेशानियों पर ध्यान दिया जाए। अगर किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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बाहरी चीजों के इस्तेमाल और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ
डियोड्रेंट के इस्तेमाल से कैंसर
हालांकि लोगो के जीवन में केमिकल बहुत नकारात्मक भूमिका अदा करता है, लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं कि डियोड्रेंट के कारण स्तन कैंसर पनपता हैं तो आप यहां गलत हैं। हालांकि इसमें कुछ ऐसे केमिकल जरूर होते हैं जो त्वचा के लिए हानिकारक साबित होते हैं। इस संदर्भ में पहले कई शोध सामने आए है। जिसमें इस बात को कहा गया है कि डियोड्रेंट का इस्तेमाल करने से ब्रेस्ट कैंसर होता है। लेकिन इस बात पर अभी तक कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है।
अंडर वायर ब्रा के इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer Using Under Wire Bra)
अभी तक इस इस मिथ की पुष्टि नहीं हुई है यह बिना सबूत वाला डर भर है। दरअसल, एक किताब ‘ड्रेस्ड टू किल’ (Dressed To Kill) से इस मिथक की शुरुआत हुई। किताब में बताया गया है कि अंडर वायर के धातु से निकलने वाला जहरीला पदार्थ रक्त प्रवाह (Blood Circulation) को बाधित करता है। लेकिन इस थ्योरी को मेडिकल साइंस में कोई जगह नहीं मिलती।
स्तन कैंसर के उपचार से संबंधित ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ
ब्रेस्ट इम्पलांट (Breast Implant) से ब्रेस्ट कैंसर
यह भी एक मिथ ही है कि ब्रेस्ट इंमप्लांट से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। शोध के मुताबिक, ऐसा होने की बहुत कम संभावना होती है। करीब 10 लाख में 3 और स्तन प्रत्यारोपण (Implant) के बाद होने वाला कैंसर कप एलएसीएल (ALCL) कहा जाता है जो महिला के प्रतिरोधक क्षमता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ होता है। लेकिन इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं।
प्रजनन उपचार से स्तन कैंसर (Breast Cancer And Fertility Treatment)
प्रजनन उपचार से स्तन कैंसर होता है इसका कोई वैज्ञानिक तथ्य अभी नहीं मिला है। इससे कोई कैंसर नहीं होता है। लेकिन 10 साल से ज्यादा समय तक गर्भनिरोधक गोलियां खाने से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। पूरे स्तन को निकाल देने से कैंसर के बचने की संभावना रेडिएशन से लुम्पेक्टमी (lumpectomy) करने से ज्यादा होती है। दरअसल, दोनों ही उपचार ऑन्कोलॉजी के हिसाब से तो सही है। दोनों ही मामलों में मरीज के बचने की संभावना लगभग समान है। लेकिन कई मामलो में रेडिएशन थैरेपी ज्यादा कारगार साबित होती है।
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मैमोग्राफी (Mammography) रिपोर्ट नेगेटिव तो स्तन कैंसर नहीं
10 से 15 प्रतिशत मामलो में मैमोग्राफी रिपोर्ट में स्तन कैंसर का पता नहीं चल पाता है। क्योंकि मैमोग्राफी में स्तन में कुछ गांठें सिर्फ महसूस की जा सकती है लेकिन उन्हें देखा नहीं जा सकता। इसका कारण गांठों का अधिक छोटा होना होता है। ऐसे में मैमोग्राफी की रिपोर्ट के आधार पर यह सोच के बैठ जाना कि आपको स्तन कैंसर नहीं है तो आप यहां गलत साबित हो सकते हैं।
केवल कीमोथैरेपी (Chemotherapy) ही पक्का इलाज गलत
बता दें कि कीमोथैरेपी स्तन कैंसर में पक्का इलाज नहीं माना जाता है। क्योंकि स्तन कैंसर के शुरुआती स्तर पर डॉक्टर ज्यादातर मरीजों को कीमोथैरेपी की सलाह देते हैं।
स्तन में बन रहीं गांठों की सर्जरी कराना
यदि आपको स्तनों में गांठें महसूस हो रही हैं तो यह जरूरी नहीं कि आप सर्जरी द्वारा इसे निकलवा लें। बल्कि सच तो यह है कि कई स्तन कैंसर बिना किसी सर्जरी के भी ठीक हो सकते हैं।
एस्ट्रोजेन हॉर्मोन (Estrogen Hormone) स्तन कैंसर का कारण बनते हैं
अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आया है जिससे यह साबित हो कि एस्ट्रोजेन पिल्स से स्तन कैंसर होता हो। बता दें कि स्तन कैंसर 15 प्रकार के होते हैं। प्रत्येक स्तन कैंसर आक्रामक और घातक होता है। पहले ‘कूकी कटर’ को स्तन कैंसर का बेहतर इलाज माना जाता था। लेकिन हर महिला में होने वाला स्तन कैंसर समान नहीं होता है। इसलिए जरूरी है कि पहले स्तन कैंसर की जांच और उसके कारणों का पता लगाकर ही उसका इलाज कराना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथ से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।